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खरगोन हादसे के बाद भी नहीं जागा RTO विभाग, बुरहानपुर में बसों में खचाखच भरे जा रहे यात्री

खरगोन में हुए बस हादसे से परिवहन विभाग ने सबक नहीं लिया है. आलम यह है कि बुरहानपुर जिले में बसों की सिटिंग क्षमता कम होने के बाद भी यात्रियों को खचाखच भरा जा रहा है. इन पर नजर रखने वाले परिवहन विभाग के अधिकारी जांच करने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं.

passengers are sitting in buses than capacity
बुरहानपुर में बसों में खचाखच भरे जा रहे यात्री
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Published : May 11, 2023, 1:23 PM IST

Updated : May 11, 2023, 2:25 PM IST

बुरहानपुर में बसों में खचाखच भरे जा रहे यात्री

बुरहानपुर। मंगलवार को खरगोन जिले में हुए बस हादसे के बाद सरकार ने पूरे प्रदेश में बस संचालकों पर सख्ती बरतने के निर्देश हैं. लेकिन बुरहानपुर जिले के परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर इसका कोई खास असर नहीं दिखाई दे रहा है. घटना के दूसरे दिन बस स्टैंड से चलने वाली बसों के दृश्य चौकाने वाले दिखाई दिए, कई बसों की सिटिंग क्षमता कम होने के बाद भी क्षमता से अधिक यात्रियों से बसें खचाखच भरकर गंतव्य की ओर निकली. किसी को भी यात्रियों की जान की कोई परवाह नहीं है. हालात इतने बदहाल थे कि एक बस में सीट पर जगह नहीं मिली तो एक महिला बच्चे को गोद में लेकर बैठ गई और यात्रा की, इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बावजूद बस संचालक सजग नहीं है, शायद यह लगता है ये नहीं सुधरेंगे और ना ही इन पर नकल कसने वाले आरटीओ नींद से जागेंगे.

बसों में हालात चिंताजनक: बता दें कि पुष्पक बस स्टैंड से प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लिए बसें दिनभर निकलती रहीं. अधिकतर बसों में हालात चिंताजनक रहे, कम क्षमता होने के बावजूद अधिक सवारियों को बैठाया गया. इन पर नजर रखने वाले परिवहन विभाग के अधिकारी जांच करने के लिए नहीं पहुंचे. आरटीओ के सुस्त रवैये का पूरा फायदा बस संचालक उठा रहे हैं. उधर आरटीओ दिखावे की कार्रवाई के लिए कभी-कभार ही सड़क पर नजर आते हैं. इसी का फायदा उठाकर बस संचालक यात्रियों को दरवाजे पर लटकाकर भी यात्रा करवाने से बाज नहीं आ रहे हैं. अधिक सवारियां बैठाने के लिए बस संचालकों ने सारी सीमाएं पार कर दी हैं.

बोनट तक को सवारियों से भरा: बुधवार को बस स्टैंड पर ग्रामीण क्षेत्र में जाने के लिए खड़ी बस में बस के बोनट तक को सवारियों से भर दिया. ड्राइवर सीट के पास लगा गियर का लीवर भी नजर नहीं आ रहा था. अब सोचा जा सकता है कि ड्राइवर कैसे गियर चढ़ाता और उतारता होगा. यात्रा के दौरान आपातकाल के लिए बसों में इमरजेंसी गेट लगवाए गए थे. इसके बाद कुछ दिनों तक इनका पालन किया गया, लेकिन यात्रियों की जान की चिंता नहीं की और पास सीट लगाकर इमरजेंसी गेट बंद कर दिया. जांच नहीं होने के कारण इनकी ये लापरवाही उजागर नहीं हुई.

बिना वर्दी में रहते हैं ड्राइवर और कंडक्टर: बस स्टैंड से जिले सहित अन्य जिलों के लिए बसे चलती हैं. अधिकतर बसे अन्य राज्यों से आरटीओ पासिंग है, महाराष्ट्र, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों की नंबर प्लेट लगी है. कभी इन बसों पर कार्रवाई नहीं हुई है, कम ही बसे बुरहानपुर जिले के आरटीओ पासिंग है, सभी बस संचालकों को बस पर किराया सूची लगाने के निर्देश है, लेकिन कोई भी इसका पालन नहीं कर रहा है. मनमाना किराया यात्रियों से वसूला जा रहा है. बसों में इमरजेंसी एक्जिट के साथ ही अग्निशमन यंत्र तक नहीं लगे हैं, ड्राइवर और कंडक्टर बिना वर्दी के बस चला रहे हैं.

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कबाड़ बना परिवहन विभाग: मामले में कांग्रेस प्रदेश महासचिव अजयसिंह रघुवंशी ने कहा कि ''परिवहन विभाग जो कबाड़ विभाग बन गया है, ये सरकार की उगाही का विभाग है. आमजन परेशान है, हादसे हो रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता. खरगोन में दुखद घटना हो गई, फिर भी लापरवाही बरती जा रही है. अनफिट बसे, ओवरलोड बसें चलाई जा रही हैं, परिवहनों के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.''

बुरहानपुर में बसों में खचाखच भरे जा रहे यात्री

बुरहानपुर। मंगलवार को खरगोन जिले में हुए बस हादसे के बाद सरकार ने पूरे प्रदेश में बस संचालकों पर सख्ती बरतने के निर्देश हैं. लेकिन बुरहानपुर जिले के परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर इसका कोई खास असर नहीं दिखाई दे रहा है. घटना के दूसरे दिन बस स्टैंड से चलने वाली बसों के दृश्य चौकाने वाले दिखाई दिए, कई बसों की सिटिंग क्षमता कम होने के बाद भी क्षमता से अधिक यात्रियों से बसें खचाखच भरकर गंतव्य की ओर निकली. किसी को भी यात्रियों की जान की कोई परवाह नहीं है. हालात इतने बदहाल थे कि एक बस में सीट पर जगह नहीं मिली तो एक महिला बच्चे को गोद में लेकर बैठ गई और यात्रा की, इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बावजूद बस संचालक सजग नहीं है, शायद यह लगता है ये नहीं सुधरेंगे और ना ही इन पर नकल कसने वाले आरटीओ नींद से जागेंगे.

बसों में हालात चिंताजनक: बता दें कि पुष्पक बस स्टैंड से प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लिए बसें दिनभर निकलती रहीं. अधिकतर बसों में हालात चिंताजनक रहे, कम क्षमता होने के बावजूद अधिक सवारियों को बैठाया गया. इन पर नजर रखने वाले परिवहन विभाग के अधिकारी जांच करने के लिए नहीं पहुंचे. आरटीओ के सुस्त रवैये का पूरा फायदा बस संचालक उठा रहे हैं. उधर आरटीओ दिखावे की कार्रवाई के लिए कभी-कभार ही सड़क पर नजर आते हैं. इसी का फायदा उठाकर बस संचालक यात्रियों को दरवाजे पर लटकाकर भी यात्रा करवाने से बाज नहीं आ रहे हैं. अधिक सवारियां बैठाने के लिए बस संचालकों ने सारी सीमाएं पार कर दी हैं.

बोनट तक को सवारियों से भरा: बुधवार को बस स्टैंड पर ग्रामीण क्षेत्र में जाने के लिए खड़ी बस में बस के बोनट तक को सवारियों से भर दिया. ड्राइवर सीट के पास लगा गियर का लीवर भी नजर नहीं आ रहा था. अब सोचा जा सकता है कि ड्राइवर कैसे गियर चढ़ाता और उतारता होगा. यात्रा के दौरान आपातकाल के लिए बसों में इमरजेंसी गेट लगवाए गए थे. इसके बाद कुछ दिनों तक इनका पालन किया गया, लेकिन यात्रियों की जान की चिंता नहीं की और पास सीट लगाकर इमरजेंसी गेट बंद कर दिया. जांच नहीं होने के कारण इनकी ये लापरवाही उजागर नहीं हुई.

बिना वर्दी में रहते हैं ड्राइवर और कंडक्टर: बस स्टैंड से जिले सहित अन्य जिलों के लिए बसे चलती हैं. अधिकतर बसे अन्य राज्यों से आरटीओ पासिंग है, महाराष्ट्र, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों की नंबर प्लेट लगी है. कभी इन बसों पर कार्रवाई नहीं हुई है, कम ही बसे बुरहानपुर जिले के आरटीओ पासिंग है, सभी बस संचालकों को बस पर किराया सूची लगाने के निर्देश है, लेकिन कोई भी इसका पालन नहीं कर रहा है. मनमाना किराया यात्रियों से वसूला जा रहा है. बसों में इमरजेंसी एक्जिट के साथ ही अग्निशमन यंत्र तक नहीं लगे हैं, ड्राइवर और कंडक्टर बिना वर्दी के बस चला रहे हैं.

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कबाड़ बना परिवहन विभाग: मामले में कांग्रेस प्रदेश महासचिव अजयसिंह रघुवंशी ने कहा कि ''परिवहन विभाग जो कबाड़ विभाग बन गया है, ये सरकार की उगाही का विभाग है. आमजन परेशान है, हादसे हो रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता. खरगोन में दुखद घटना हो गई, फिर भी लापरवाही बरती जा रही है. अनफिट बसे, ओवरलोड बसें चलाई जा रही हैं, परिवहनों के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.''

Last Updated : May 11, 2023, 2:25 PM IST
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