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शाही किले में मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों की बढ़ी परेशानी, जानिए पूरी खबर - बुजुर्गों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नियम वापस लेने के लिए अपील भी कि

मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों के लिए प्रवेश शुल्क बढ़ाने और पुलिस वेरीफिकेशन जैसे नियमों के चलते बढ़ी परेशानी .बुजुर्गों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कि अपील.

शाही किले में मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों कि बढ़ी परेशानी
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Published : Jul 27, 2019, 6:40 PM IST

बुरहानपुर। बुरहानपुर जिले के शाही किले में मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों के लिए प्रवेश शुल्क बढ़ाने और पुलिस वेरीफिकेशन जैसे नियमों के चलते बुजुर्गों की परेशानी बढ़ती नजर आ रही हैं, जिसका बुजुर्गों ने विरोध करना शुरू कर दिया हैं. उनको इस तरह का आदेश मंजूर नहीं है,प्रवेश पास का शुल्क पहले 35 रुपये प्रतिवर्ष था जिसको बढ़ाकर सीधे 1200 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया हैं. साथ ही मॉर्निंग वॉक पर आने वाले बुजुर्गों को पुलिस वेरिफिकेशन भी कराने के नियम लागू कर दिया गया हैं.जिसके कारण ही बुजुर्गों ने आदेश का विरोध करना शुरू किया हैं.

शाही किले में मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों कि बढ़ी परेशानी

बता दे कि शाही किले में सुबह के समय मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग कोई आतंकवादी या चोर नहीं हैं बल्कि अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने व प्रदूषण मुक्त वायु लेने और योग करने के लिए शाही किला में आते हैं, लेकिन नेशनल मोन्यूमेंट ऑथोरिटी ने प्रवेश शुल्क 35 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 12 सौ रुपये कर दिया है, इसके साथ ही पास लेने के लिए पुलिस वेरीफिकेशन जैसे नियम भी लागू किया गया हैं, जो बुजुर्गों को नामंजूर हैं, बुजुर्गों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नियम वापस लेने के लिए अपील भी कि हैं.

मॉर्निंग वॉक करने वाले एक बुजुर्ग रमनलाल आर्य का कहना है कि मोदी जी एक तरफ पूरे देश में योग करने की बात कह रहे हैं बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. ऐसे में मोदी जी यह आदेश वापस ले ताकि यहां मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके.

बुरहानपुर। बुरहानपुर जिले के शाही किले में मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों के लिए प्रवेश शुल्क बढ़ाने और पुलिस वेरीफिकेशन जैसे नियमों के चलते बुजुर्गों की परेशानी बढ़ती नजर आ रही हैं, जिसका बुजुर्गों ने विरोध करना शुरू कर दिया हैं. उनको इस तरह का आदेश मंजूर नहीं है,प्रवेश पास का शुल्क पहले 35 रुपये प्रतिवर्ष था जिसको बढ़ाकर सीधे 1200 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया हैं. साथ ही मॉर्निंग वॉक पर आने वाले बुजुर्गों को पुलिस वेरिफिकेशन भी कराने के नियम लागू कर दिया गया हैं.जिसके कारण ही बुजुर्गों ने आदेश का विरोध करना शुरू किया हैं.

शाही किले में मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों कि बढ़ी परेशानी

बता दे कि शाही किले में सुबह के समय मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग कोई आतंकवादी या चोर नहीं हैं बल्कि अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने व प्रदूषण मुक्त वायु लेने और योग करने के लिए शाही किला में आते हैं, लेकिन नेशनल मोन्यूमेंट ऑथोरिटी ने प्रवेश शुल्क 35 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 12 सौ रुपये कर दिया है, इसके साथ ही पास लेने के लिए पुलिस वेरीफिकेशन जैसे नियम भी लागू किया गया हैं, जो बुजुर्गों को नामंजूर हैं, बुजुर्गों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नियम वापस लेने के लिए अपील भी कि हैं.

मॉर्निंग वॉक करने वाले एक बुजुर्ग रमनलाल आर्य का कहना है कि मोदी जी एक तरफ पूरे देश में योग करने की बात कह रहे हैं बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. ऐसे में मोदी जी यह आदेश वापस ले ताकि यहां मॉर्निंग वॉक करने वाले बुजुर्गों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके.

Intro:बुरहानपुर जिले के शाही किले में मॉर्निंग वॉक करने आने वाले बुजुर्गों के लिए प्रवेश शुल्क बढ़ाने और पुलिस वेरीफिकेशन जैसे नियमों का विरोध शुरू हो गया है, बुजुर्गों को इस प्रकार का आदेश मंजूर नहीं है, क्योंकि पास का शुल्क ₹35 प्रतिवर्ष से बढ़ाकर सीधे 1200 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया है, इसके साथ ही मॉर्निंग वॉक पर आने वाले बुजुर्गों को पुलिस वेरिफिकेशन भी कराने के नियम लागू किए गए हैं, जिसके चलते उन्होंने इस आदेश को तुगलकी फरमान करार दिया है।


Body:इस शाही किले में सुबह के समय आने वाले लोग कोई आतंकवादी या चोर नहीं बल्कि अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए प्रदूषण मुक्त वायु लेने और योग करने के लिए शाही किला में पहुंचते हैं, लेकिन नेशनल मोन्यूमेंट ऑथोरिटी ने ₹35 सालाना से प्रवेश पास शुल्क बढ़ाकर 12 सो रुपए सालाना शुल्क कर दिया है, इसके साथ ही पास लेने के लिए पुलिस वेरीफिकेशन जैसे नियम भी लागू किए हैं, जो इन बुजुर्गों को नामंजूर हैं, बुजुर्गों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नियम वापस लेने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील है, यहां आने वाले बुजुर्ग रमनलाल आर्य का कहना है कि एक तरफ मोदी जी पूरे देश में योग करने की बात कह रहे हैं बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, इस आदेश को वापस लिया जाए, ताकि यहां आने वाले बुजुर्गों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।


Conclusion:बाईट 01:- रमनलाल आर्य, स्थानीय।
बाईट 02:- एसजे, गुजराती, स्थानीय महिला।
बाईट 03:- सुभाष कुमार, पुरातत्व अधिकारी।
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