बुरहानपुर। मुगलकालीन मांडा, लजीज दाल-चावल, दराबा और तीन दशक पहले शुरू हुई मावा जलेबी की मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के निर्देश पर फूड क्राफ्ट की चार सदस्यीय टीम इन व्यंजनों की रेसिपी जानने के लिए बुरहानपुर पहुंची. सभी सदस्यों ने शहर में घूम-घूम कर लजीज व्यंजन बनाने वाले कारीगर और दुकानदारों से गहराई से बात की, इसके अलावा उन्होंने व्यंजनों की सामग्री की मात्रा बनाने की विधि और उनके उपयोग की समयावधी भी जानी है.
बता दें, कि यह टीम सबसे पहले आजाद नगर में मांडा बनाने वाले शेख सगीर के यहां पहुंची. यहां सारी जानकारी जुटाने के बाद रोशन चौराहे स्थित एक मशहूर जलेबी कारोबारी के पास पहुंची. प्रदेश सरकार की इस पहल के बाद इन सभी व्यंजनों को रजिस्टर कर सरकारी बुकलेट में स्थान मिल सकेगा, इसके बाद इन्हें प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सभी फाइव स्टार होटलों में शामिल कर व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए बोर्ड प्रयास करेंगा.