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गेहूं की बंपर पैदावार से मंडी को लाभ, किसानों को समय पर नहीं हो रहा भुगतान

बुरहानपुर की रेणुका कृषि उपज मंडी में गेहूं बेचने के बाद किसानों को उसका मूल्य समय पर नहीं मिल रहा है. तो वहीं मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने के साथ ही सेनिटाइजर की व्यवस्था भी नहीं है.

Farmers are not getting the price of crop on time
किसानों को नहीं मिल रहा समय पर मूल्य
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Published : May 7, 2020, 2:56 PM IST

Updated : May 7, 2020, 6:13 PM IST

बुरहानपुर। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश की मंडियों में समर्थन मूल्य पर गेहूं और चना की खरीदी की जा रही है. बुरहानपुर के रेणुका कृषि उपज मंडी में भी खरीदी शुरू है, यहां रोजाना किसान उपज लेकर पहुंच रहे हैं, जिससे मंडी को लाभ हो रहा है. लेकिन गेहूं बेचने के बाद किसानों को उसका मूल्य समय पर नहीं मिल पा रहा है.

किसानों को समय पर नहीं हो रहा भुगतान

नोडल अधिकारी अमित मालवीय ने ईटीवी भारत को बताया कि अब तक केंद्रों पर 26 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की जा चुकी है. जिसका 5 करोड़ का भुगतान करना था, लेकिन डेढ़ करोड़ का ही भुगतान हुआ है. अब भी जिले के किसानों का साढ़े तीन करोड़ का भुगतान बाकी है, जबकि खरीदी के सात दिन के बाद किसानों को भुगतान करने के निर्देश हैं.

Farmers are not getting the price of crop on time
किसानों को नहीं मिल रहा समय पर मूल्य

किसान भूषण महाजन ने बताया कि खरीदी केंद्र तक 1600 से दो हजार रुपये किराया देकर किसान उपज लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है, इसके अलावा खरीदी केंद्रों पर सेनिटाइजर की व्यवस्था नहीं है, जबकि खरीदी केंद्रों पर सेनिटाइजर उपलब्ध रखने के निर्देश दिए हैं.

वहीं ईटीवी भारत ने रेणुका कृषि मंडी में खरीदी केंद्र का रियलिटी चेक किया तो यहां किसानों के भुगतान से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन और सेनिटाइजर की व्यवस्था नहीं होने का मामला सामने आया है. खरीदी केंद्र पर गेहूं की बोरियां उठाने और सिलने के लिए हम्माल लगाए हैं, जहां सभी एक दूसरे से सटकर काम कर रहे हैं. जिसके चलते सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पा रहा है. बता दें कि गेहूं खरीदी केंद्रों पर दो चरणों में 25 किसानों को बुलाया जा रहा है.

बुरहानपुर। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश की मंडियों में समर्थन मूल्य पर गेहूं और चना की खरीदी की जा रही है. बुरहानपुर के रेणुका कृषि उपज मंडी में भी खरीदी शुरू है, यहां रोजाना किसान उपज लेकर पहुंच रहे हैं, जिससे मंडी को लाभ हो रहा है. लेकिन गेहूं बेचने के बाद किसानों को उसका मूल्य समय पर नहीं मिल पा रहा है.

किसानों को समय पर नहीं हो रहा भुगतान

नोडल अधिकारी अमित मालवीय ने ईटीवी भारत को बताया कि अब तक केंद्रों पर 26 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की जा चुकी है. जिसका 5 करोड़ का भुगतान करना था, लेकिन डेढ़ करोड़ का ही भुगतान हुआ है. अब भी जिले के किसानों का साढ़े तीन करोड़ का भुगतान बाकी है, जबकि खरीदी के सात दिन के बाद किसानों को भुगतान करने के निर्देश हैं.

Farmers are not getting the price of crop on time
किसानों को नहीं मिल रहा समय पर मूल्य

किसान भूषण महाजन ने बताया कि खरीदी केंद्र तक 1600 से दो हजार रुपये किराया देकर किसान उपज लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है, इसके अलावा खरीदी केंद्रों पर सेनिटाइजर की व्यवस्था नहीं है, जबकि खरीदी केंद्रों पर सेनिटाइजर उपलब्ध रखने के निर्देश दिए हैं.

वहीं ईटीवी भारत ने रेणुका कृषि मंडी में खरीदी केंद्र का रियलिटी चेक किया तो यहां किसानों के भुगतान से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन और सेनिटाइजर की व्यवस्था नहीं होने का मामला सामने आया है. खरीदी केंद्र पर गेहूं की बोरियां उठाने और सिलने के लिए हम्माल लगाए हैं, जहां सभी एक दूसरे से सटकर काम कर रहे हैं. जिसके चलते सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पा रहा है. बता दें कि गेहूं खरीदी केंद्रों पर दो चरणों में 25 किसानों को बुलाया जा रहा है.

Last Updated : May 7, 2020, 6:13 PM IST
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