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निजी अस्पताल में परिजनों का हंगामा, पैसे बकाया होने पर शव नहीं देने का आरोप - फीस बकाया

बुरहानपुर के एक निजी अस्पताल में परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर फीस बकाया होने के चलते बच्चे का शव नहीं देने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.

Family blamed private hospital of not giving dead body
निजी अस्पताल में फीस बकाया होने पर परिजनों ने शव नहीं देने का आरोप लगाया
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Published : Feb 4, 2020, 9:03 PM IST

बुरहानपुर। जिले के शनवारा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि 20 हजार रूपए बकाया होने के चलते बच्चे का शव नहीं दिया जा रहा था. लेकिन मीडिया के दखल के बाद परिजनों को बच्चे का शव सौंपा गया.

निजी अस्पताल में फीस बकाया होने पर परिजनों ने शव नहीं देने का आरोप लगाया

दरअसल 9 महीने का एक बच्चे को गंभीर इंफेक्शन के चलते इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था. बच्चे की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई. जहां परिजनों का कहना है कि 20 हजार रूपए बकाया होने के चलते अस्पताल प्रबंधन बच्चे का शव नहीं दे रहा था. जो मीडिया के दखल के बाद बच्चे का शव परिजनों को सौंपा गया.

बुरहानपुर। जिले के शनवारा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि 20 हजार रूपए बकाया होने के चलते बच्चे का शव नहीं दिया जा रहा था. लेकिन मीडिया के दखल के बाद परिजनों को बच्चे का शव सौंपा गया.

निजी अस्पताल में फीस बकाया होने पर परिजनों ने शव नहीं देने का आरोप लगाया

दरअसल 9 महीने का एक बच्चे को गंभीर इंफेक्शन के चलते इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था. बच्चे की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई. जहां परिजनों का कहना है कि 20 हजार रूपए बकाया होने के चलते अस्पताल प्रबंधन बच्चे का शव नहीं दे रहा था. जो मीडिया के दखल के बाद बच्चे का शव परिजनों को सौंपा गया.

Intro:बुरहानपुर जिलें के शनवारा रोड स्थित मेट्रो मेडिकेयर निजी अस्पताल में मरीज के परिजनों ने हंगामा मचाया, दरअसल 9 महीने का एक शिशु को गंभीर इंफेक्शन के चलते इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था, स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों ने इसे वेंटिलेटर पर रखा लेकिन बालक की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई, अस्पताल प्रबंधन पर परिजनों ने आरोप लगाया 20 हजार रूपए बकाया होने के चलते शव को नहीं दिया जा रहा था, किंतु मीडिया के दखल के बाद परिजनों को बच्चे का शव सौंपा गया है।Body:उधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है बच्चे की हालत नाजूक थी परिजनों ने आर्थिक स्थिति खराब होने पर अपने रिस्क पर बच्चे को ले जाने को कहा तो बच्चे को उन्हें सौंप दिया गया, बच्चा दस दिन नहीं दो दिन से भर्ती था परिजनों के आरोप निराधार है अस्पताल प्रबंधन परिजनों को पूरा सहयोग किया।Conclusion:बाईट 01:- बच्चे के पिता
बाईट 02:- अटल शर्मा - मैनेजर मेट्रो मेडिकेयर अस्पताल।
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