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नेपानगर में लगा 'भैया जी का अड्डा', दल-बदल के दलदल में खिलेगा कमल या पंजे की पकड़ होगी मजबूत - BJP candidate Sumitra Kasdekar

ईटीवी भारत का खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' के जरिए हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर मतदाताओं के मन की बात जानने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम बुरहानपुर के नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में पहुंची और मतदाताओं से चुनावी मुद्दों के बारे में चर्चा की. पढ़िए पूरी खबर...

bhaiya ji ka adda
भैया जी का अड्डा
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Published : Oct 20, 2020, 11:53 PM IST

बुरहानपुर। नेपानगर विधानसभा सीट से विधायक रहीं कांग्रेस की सुमित्रादेवी कास्डेकर ने कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिसके चलते यह सीट खाली हो गई और अब इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. भाजपा ने जहां सुमित्रादेवी कास्डेकर को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस से दो बार हार का स्वाद चख चुके रामकिशन पटेल को प्रत्याशी बनाया है.

भैया जी का अड्डा

उपचुनाव वाली प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों में शामिल नेपानगर सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है, पद और पार्टी से इस्तीफा देकर प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने की अहम भूमिका निभाने वाली सुमित्रादेवी कास्डेकर को अब भाजपा ने इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने इस बार वरिष्ठ कार्यकर्ता रामकिशन पटेल पर दांव लगाया है. साल 2018 में हुए चुनाव में सुमित्रादेवी कास्डेकर ने भाजपा की ही पूर्व विधायक मंजू दादू को करीब 1200 वोटों से परास्त किया था. लिहाजा कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि इस बार भी मतदाता उनके प्रत्याशी को जीत दिलाएंगे. दूसरी ओर भाजपा पिछले चुनाव में बहुत कम मतों से मिली हार को इस बार जीत में बदलने की कोशिश में जुटी हुई है. इस क्षेत्र में भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान और कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव दोनों का खासा प्रभाव माना जाता है. यही वजह है कि दोनों दलों ने अपने-अपने नेताओं को मोर्चों पर लगाकर जीत दिलाने की जिम्मेदारी भी सौंप रखी है. जिसके चलते दलों के साथ ही इन दोनों वरिष्ठ नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है.

जातिगत समीकरण

नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में अगर जातिगत समीकरणों की बात की जाए तो इस आदिवासी सीट में कोरकू, बारेला और भिलाला आदिवासी सबसे ज्यादा है, यहां करीब 20 फीसद कोरकू, 15 फीसद बारेला, 15 फीसदी भिलाला और 10 फीसद भील जाति के मतदाता हैं. इसके अलावा 15 फीसद मराठा, 15 फीसद गुर्जर और 10 फीसद अल्पसंख्यक समाज है, यही वजह है कि अब तक के चुनाव में इस सीट से अधिकांश कोर को समाज का प्रत्याशी ही जीतता आया है.

मतदाताओं की संख्या

इस सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 40 हजार 675 हैं. इनमें से 1 लाख 23 हजार 484 पुरुष, और 1 लाख 17 हजार 175 महिला मतदाता, जबकि थर्ड जेंडर की संख्या 16 हैं. क्षेत्र में दिव्यांग और 80 साल से ज्यादा उम्र वाले करीब 600 से 700 मतदाता हैं, जिन्हें चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलट से मतदान की सुविधा भी उपलब्ध कराई है. वह चाहे तो मतदान केंद्र में जाकर ईवीएम मशीन से भी वोटिंग कर सकते हैं. नहीं तो डाक मतपत्र के जरिए जरिए वोट कर सकते हैं. नेपानगर क्षेत्र में एक नगर पंचायत, एक जनपद पंचायत और 126 ग्राम पंचायते हैं.

नेपानगर विधानसभा सीट से बीजेपी द्वारा प्रत्याशी बनाई गई सुमित्रादेवी कास्डेकर का दल बदल के कारण जमकर विरोध हो रहा है, ग्रामीणों के अलावा पार्टी के कार्यकर्ता भी इस निर्णय से नाराज चल रहे हैं, जिसके चलते पार्टी को भितरघात और सीट हार जाने का खतरा सता रहा है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद क्षेत्र के दौरे कर रहे हैं, अब तक वे दो बार विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा कर चुके हैं, और आगामी दिनों में और दौरे प्रस्तावित हैं.

बुरहानपुर। नेपानगर विधानसभा सीट से विधायक रहीं कांग्रेस की सुमित्रादेवी कास्डेकर ने कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिसके चलते यह सीट खाली हो गई और अब इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. भाजपा ने जहां सुमित्रादेवी कास्डेकर को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस से दो बार हार का स्वाद चख चुके रामकिशन पटेल को प्रत्याशी बनाया है.

भैया जी का अड्डा

उपचुनाव वाली प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों में शामिल नेपानगर सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है, पद और पार्टी से इस्तीफा देकर प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने की अहम भूमिका निभाने वाली सुमित्रादेवी कास्डेकर को अब भाजपा ने इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने इस बार वरिष्ठ कार्यकर्ता रामकिशन पटेल पर दांव लगाया है. साल 2018 में हुए चुनाव में सुमित्रादेवी कास्डेकर ने भाजपा की ही पूर्व विधायक मंजू दादू को करीब 1200 वोटों से परास्त किया था. लिहाजा कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि इस बार भी मतदाता उनके प्रत्याशी को जीत दिलाएंगे. दूसरी ओर भाजपा पिछले चुनाव में बहुत कम मतों से मिली हार को इस बार जीत में बदलने की कोशिश में जुटी हुई है. इस क्षेत्र में भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान और कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव दोनों का खासा प्रभाव माना जाता है. यही वजह है कि दोनों दलों ने अपने-अपने नेताओं को मोर्चों पर लगाकर जीत दिलाने की जिम्मेदारी भी सौंप रखी है. जिसके चलते दलों के साथ ही इन दोनों वरिष्ठ नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है.

जातिगत समीकरण

नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में अगर जातिगत समीकरणों की बात की जाए तो इस आदिवासी सीट में कोरकू, बारेला और भिलाला आदिवासी सबसे ज्यादा है, यहां करीब 20 फीसद कोरकू, 15 फीसद बारेला, 15 फीसदी भिलाला और 10 फीसद भील जाति के मतदाता हैं. इसके अलावा 15 फीसद मराठा, 15 फीसद गुर्जर और 10 फीसद अल्पसंख्यक समाज है, यही वजह है कि अब तक के चुनाव में इस सीट से अधिकांश कोर को समाज का प्रत्याशी ही जीतता आया है.

मतदाताओं की संख्या

इस सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 40 हजार 675 हैं. इनमें से 1 लाख 23 हजार 484 पुरुष, और 1 लाख 17 हजार 175 महिला मतदाता, जबकि थर्ड जेंडर की संख्या 16 हैं. क्षेत्र में दिव्यांग और 80 साल से ज्यादा उम्र वाले करीब 600 से 700 मतदाता हैं, जिन्हें चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलट से मतदान की सुविधा भी उपलब्ध कराई है. वह चाहे तो मतदान केंद्र में जाकर ईवीएम मशीन से भी वोटिंग कर सकते हैं. नहीं तो डाक मतपत्र के जरिए जरिए वोट कर सकते हैं. नेपानगर क्षेत्र में एक नगर पंचायत, एक जनपद पंचायत और 126 ग्राम पंचायते हैं.

नेपानगर विधानसभा सीट से बीजेपी द्वारा प्रत्याशी बनाई गई सुमित्रादेवी कास्डेकर का दल बदल के कारण जमकर विरोध हो रहा है, ग्रामीणों के अलावा पार्टी के कार्यकर्ता भी इस निर्णय से नाराज चल रहे हैं, जिसके चलते पार्टी को भितरघात और सीट हार जाने का खतरा सता रहा है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद क्षेत्र के दौरे कर रहे हैं, अब तक वे दो बार विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा कर चुके हैं, और आगामी दिनों में और दौरे प्रस्तावित हैं.

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