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अर्चना चिटनीस ने 33 हजार से ज्यादा वोटों से हासिल की जीत, नेपानगर में भी खिला कमल - Madhya Pradesh chunav

Burhanpur Assembly Election Result 2023: बुरहानपुर और नेपानगर विधानसभा सीट के चुनाव परिणाम आ गए हैं. यहां दोनों पर सीट पर बीजेपी ने अपना परचम फहराया है. आइए जानते हैं, कितना रहा जीत हार का अंतर.

MP Election 2023 Result 2023
अर्चना चिटनीस और मंजू दादू
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 4, 2023, 3:40 PM IST

Updated : Dec 4, 2023, 5:03 PM IST

बुरहानपुर और नेपानगर में जीती बीजेपी

बुरहानपुर। बहादरपुर के डायट कॉलेज में रविवार को नेपानगर और बुरहानपुर विधानसभा के मतों की गणना संपन्न हुई. इस दौरान पूरी सुरक्षा और पारदर्शिता रखी गई. सुबह 9 बजे से दोनों विधानसभा की राउंडवार रूझान आने लगे. शुरुआत से ही रूझानों के साथ भाजपा के समर्थकों का उत्साह बढ़ता गया. बुरहानपुर विधानसभा से अर्चना चिटनीस ने शुरू से लेकर अंत तक बढ़त बनाए रखी.

हालांकि, एक राउंड में कांग्रेस के ठाकुर सुरेंद्रसिंह भाजपा के करीब पहुंच गए थे. इसके बाद भाजपा ने लगातार बढ़त बनाई, यहां ट्रक, पंजा, पतंग कोई नहीं चल पाया. अर्चना चिटनीस ने जीत दर्ज कराकर कमल खिलाया. अर्चना चिटनीस 31081 मतों से जीती. चिटनीस को कुल 99 हजार 998 मत मिले. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्रसिंह 68 हजार 917 पर सिमट कर रह गए.

भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धनसिंह चौहान को 35 हजार 283 मत मिले. तो वहीं पतंग चौथे नंबर पर लटक गई. एआईएमआईएम के नफीस मंशा खान को 33 हजार 680 मत मिले. अर्चना चिटनीस के पक्ष में रूझान आने के बाद उनके समर्थक बड़ी संख्या में मतगणना स्थल के बाहर जुटने लगे जीत के बाद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे

उधर, नेपानगर विधानसभा से भाजपा की मंजू दादू ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस की गेंदूबाई चौहान को 44 हजार 805 मतों से पराजित किया है.

राजनीतिक पंडित भी फेल: बुरहानपुर विधानसभा की बात करें तो इस बार अच्छे-अच्छे राजनीति पंडितों के समीकरण, गणित, हिसाब, किताब, कयास, संभावनाएं सब फेल हो गए.बुरहानपुर विधानसभा के चुनाव में एक से बढक़र एक रोचक मोढ़ आए. इसकी शुरूआत हुई भाजपाइयों की बगावत से हुई. टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर कई भाजपा के वरिष्ठ नेता सहित पूर्व सांसद स्व. नंदकुमारसिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धनसिंह चौहान बागी हो गए

उन्होंने निर्दलीय चुनाव की घोषणा कर दी, इसके बाद कांग्रेस में भी बगावत का सिलसिला शुरू हो गया कई वरिष्ठ नेता नाराज हो गए. अल्पसंख्यकों नेताओं ने खासा आक्रोश जताया. कांग्रेस से बागी होकर नफीस मंशा खान एआईएमआईएम के टिकट पर चुनावी मैदान में आ गए. इसके बाद मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया और सारे समीकरण बदल दिए. हालांकि, सभी प्रत्याशियों के समर्थकों, जानकारों ने अपने-अपने गणित लगाकर अपने प्रत्याशियों को जिताया, लेकिन परिणाम भाजपा के पक्ष में गए.

बता दें, इस बार के चुनाव में भाजपा की अर्चना चिटनीस ने जीत हासिल की. वह अपने ही 2008 के रिकॉर्ड को तोड़ नहीं सकीं. 2008 में अर्चना चिटनीस को 85 हजार 362 मत मिले थे. एनसीपी के हमीद काजी ने 52 हजार 508 मत प्राप्त किए थे. चिटनीस ने 32 हजार 854 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में चिटनीस ने 31 हजार 81 मतों से जीत हासिल की है. ये 2008 के चुनाव से 1773 कम वोट का अंतर है. इसके बाद 2013 के चुनाव में अर्चना चिटनीस ने 1 लाख 4 हजार 426 वोट लिए थे. कांग्रेस से चुनाव लड़े अजयसिंह रघुवंशी को 81 हजार 599 मत मिले थे.

विवाद भी देखने को मिला: डाइट कॉलेज मतगणना स्थल से वापस लौटते समय निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक, पूर्व निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला और भाजपा प्रत्याशी अर्चना चिटनीस के भाई अमित मिश्रा से विवाद हो गया. बहस बढ़ने लगी तो कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान समय रहते पुलिस जवानों ने स्थिति को संभाल लिया और मामला शांत कराया. यह विवाद खत्म होने के बाद अज्ञात लोगों ने मनोज तारवाला की कार का पीछे का कांच फूट गया.

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बुरहानपुर और नेपानगर में जीती बीजेपी

बुरहानपुर। बहादरपुर के डायट कॉलेज में रविवार को नेपानगर और बुरहानपुर विधानसभा के मतों की गणना संपन्न हुई. इस दौरान पूरी सुरक्षा और पारदर्शिता रखी गई. सुबह 9 बजे से दोनों विधानसभा की राउंडवार रूझान आने लगे. शुरुआत से ही रूझानों के साथ भाजपा के समर्थकों का उत्साह बढ़ता गया. बुरहानपुर विधानसभा से अर्चना चिटनीस ने शुरू से लेकर अंत तक बढ़त बनाए रखी.

हालांकि, एक राउंड में कांग्रेस के ठाकुर सुरेंद्रसिंह भाजपा के करीब पहुंच गए थे. इसके बाद भाजपा ने लगातार बढ़त बनाई, यहां ट्रक, पंजा, पतंग कोई नहीं चल पाया. अर्चना चिटनीस ने जीत दर्ज कराकर कमल खिलाया. अर्चना चिटनीस 31081 मतों से जीती. चिटनीस को कुल 99 हजार 998 मत मिले. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्रसिंह 68 हजार 917 पर सिमट कर रह गए.

भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धनसिंह चौहान को 35 हजार 283 मत मिले. तो वहीं पतंग चौथे नंबर पर लटक गई. एआईएमआईएम के नफीस मंशा खान को 33 हजार 680 मत मिले. अर्चना चिटनीस के पक्ष में रूझान आने के बाद उनके समर्थक बड़ी संख्या में मतगणना स्थल के बाहर जुटने लगे जीत के बाद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे

उधर, नेपानगर विधानसभा से भाजपा की मंजू दादू ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस की गेंदूबाई चौहान को 44 हजार 805 मतों से पराजित किया है.

राजनीतिक पंडित भी फेल: बुरहानपुर विधानसभा की बात करें तो इस बार अच्छे-अच्छे राजनीति पंडितों के समीकरण, गणित, हिसाब, किताब, कयास, संभावनाएं सब फेल हो गए.बुरहानपुर विधानसभा के चुनाव में एक से बढक़र एक रोचक मोढ़ आए. इसकी शुरूआत हुई भाजपाइयों की बगावत से हुई. टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर कई भाजपा के वरिष्ठ नेता सहित पूर्व सांसद स्व. नंदकुमारसिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धनसिंह चौहान बागी हो गए

उन्होंने निर्दलीय चुनाव की घोषणा कर दी, इसके बाद कांग्रेस में भी बगावत का सिलसिला शुरू हो गया कई वरिष्ठ नेता नाराज हो गए. अल्पसंख्यकों नेताओं ने खासा आक्रोश जताया. कांग्रेस से बागी होकर नफीस मंशा खान एआईएमआईएम के टिकट पर चुनावी मैदान में आ गए. इसके बाद मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया और सारे समीकरण बदल दिए. हालांकि, सभी प्रत्याशियों के समर्थकों, जानकारों ने अपने-अपने गणित लगाकर अपने प्रत्याशियों को जिताया, लेकिन परिणाम भाजपा के पक्ष में गए.

बता दें, इस बार के चुनाव में भाजपा की अर्चना चिटनीस ने जीत हासिल की. वह अपने ही 2008 के रिकॉर्ड को तोड़ नहीं सकीं. 2008 में अर्चना चिटनीस को 85 हजार 362 मत मिले थे. एनसीपी के हमीद काजी ने 52 हजार 508 मत प्राप्त किए थे. चिटनीस ने 32 हजार 854 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में चिटनीस ने 31 हजार 81 मतों से जीत हासिल की है. ये 2008 के चुनाव से 1773 कम वोट का अंतर है. इसके बाद 2013 के चुनाव में अर्चना चिटनीस ने 1 लाख 4 हजार 426 वोट लिए थे. कांग्रेस से चुनाव लड़े अजयसिंह रघुवंशी को 81 हजार 599 मत मिले थे.

विवाद भी देखने को मिला: डाइट कॉलेज मतगणना स्थल से वापस लौटते समय निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक, पूर्व निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला और भाजपा प्रत्याशी अर्चना चिटनीस के भाई अमित मिश्रा से विवाद हो गया. बहस बढ़ने लगी तो कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान समय रहते पुलिस जवानों ने स्थिति को संभाल लिया और मामला शांत कराया. यह विवाद खत्म होने के बाद अज्ञात लोगों ने मनोज तारवाला की कार का पीछे का कांच फूट गया.

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Last Updated : Dec 4, 2023, 5:03 PM IST
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