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ये क्या हो रहा है! आराम फरमाते मास्साब, ट्रक से भारी भरकम फर्नीचर उतारते दिखे छात्र, हैरान कर देगा वीडियो

Burhanpur Students Carrying Heavy Furniture: बुरहानपुर में वायरल हुए एक वीडियो ने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. यहां पढ़ाई छोड़कर बच्चों से अन्य कार्य करवाया जा रहा है. स्कूल में आए फर्नीचर से भरे मिनी ट्रक से लोहे के फर्नीचर को बच्चों से खाली करवाया गया.

Burhanpur Students Carrying Heavy Furniture
सरकारी स्कूल में बच्चों से कराई मजदूरी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 17, 2024, 7:51 AM IST

Updated : Jan 17, 2024, 8:15 AM IST

सरकारी स्कूल में बच्चों से कराई मजदूरी

बुरहानपुर। जिले में आदिवासी ब्लॉक खकनार के अंबाड़ा संकुल के अंतर्गत आने वाली हिंगना रैयत गांव की सरकारी नवीन माध्यमिक स्कूल में छात्र-छात्राओं से पढ़ाई की जगह काम कराया गया. जिन बेंचों पर विद्यार्थियों को बैठना है, उन्हें खुद विद्यार्थी को ही उठाना पड़ा. इसके लिए स्कूल प्रबंधन ने मजदूर लगाना जरूरी नहीं समझा. धूप में बेंच उठाते हुए विद्यार्थियों की हालात खराब हो गई. जब स्कूली बच्चें फर्नीचर उतार रहे थे, तब जिम्मेदार शिक्षक कुर्सी पर बैठकर आराम फरमाते नजर आए. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

छात्र-छात्राओं से उतारवाया फर्नीचर

हिंगना रैयत गांव के सरकारी माध्यमिक स्कूल से छात्र-छात्राओं से काम कराने का मामला सामने आया है. दरअसल स्कूलों में बैठने के लिए शासन द्वारा लोहे के बैंचेस भेजे गए थे, जिसे मिनीं ट्रक से स्कूल में पहुंचाया गया. लेकिन जिम्मेदार शिक्षकों ने लोहे के फर्नीचर से भरा मिनीं ट्रक छात्र-छात्राओं से खाली कराया गया. हद तो तब हो गई जब छात्र-छात्राए भारी भरकम वजनी फर्नीचर उतारकर कक्षों में लेकर जा रहे थे, तब जिम्मेदार शिक्षक कुर्सी लगाकर बैठे दिखाई दिए.

Burhanpur Students Carrying Heavy Furniture
बुरहानपुर में बच्चों से उतरवाया स्कूल का फर्नीचर

मूकदशक बने रहे शिक्षक

इस काम के लिए हम्मालों या मजदूरों को लगाना चाहिए था, इस दौरान लोहे के बेंचेस उतारते समय छात्र-छात्राएं चोटिल भी हो सकते थे. इतना ही नहीं कुछ शिक्षक दूर से नजारा देख मुकदशक बने रहे, लेकिन किसी ने भी इसे रोकना मुनासिब नहीं समझा. अब मामला आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों तक पहुंचा तो हड़कंप मच गया. प्रभारी सहायक आयुक्त सुवर्णा खर्चे ने जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है. विभाग की प्रभारी सहायक आयुक्त सुवर्णा खर्चे का कहना है कि ''मामला हमारे संज्ञान में आया है. जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.''

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प्रतिबंध के बावजूद करवाया जा रहा छात्रों से काम

स्कूलों में छात्र-छात्राओं से पढ़ाई के बजाय अन्य काम कराने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है, बावजूद इसके शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं से भरी भरकम काम कराने के मामले सामने आ रहे हैं. इससे पहले शाहपुर जनशिक्षक केंद्र के नईचौंडी गांव की सरकारी माध्यमिक स्कूल में भी छात्र-छात्राओं से टेबिल शिफ्टिंग कराया गया था. अब अंबाड़ा क्षेत्र के हिंगना रैयत गांव की सरकारी माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं से लोहे के फर्नीचर से भरा मिनीं ट्रक खाली करवाया है. मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो स्कूल में हड़कंप मच गया, आदिम जाति विभाग की सहायक आयुक्त ने जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.

सरकारी स्कूल में बच्चों से कराई मजदूरी

बुरहानपुर। जिले में आदिवासी ब्लॉक खकनार के अंबाड़ा संकुल के अंतर्गत आने वाली हिंगना रैयत गांव की सरकारी नवीन माध्यमिक स्कूल में छात्र-छात्राओं से पढ़ाई की जगह काम कराया गया. जिन बेंचों पर विद्यार्थियों को बैठना है, उन्हें खुद विद्यार्थी को ही उठाना पड़ा. इसके लिए स्कूल प्रबंधन ने मजदूर लगाना जरूरी नहीं समझा. धूप में बेंच उठाते हुए विद्यार्थियों की हालात खराब हो गई. जब स्कूली बच्चें फर्नीचर उतार रहे थे, तब जिम्मेदार शिक्षक कुर्सी पर बैठकर आराम फरमाते नजर आए. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

छात्र-छात्राओं से उतारवाया फर्नीचर

हिंगना रैयत गांव के सरकारी माध्यमिक स्कूल से छात्र-छात्राओं से काम कराने का मामला सामने आया है. दरअसल स्कूलों में बैठने के लिए शासन द्वारा लोहे के बैंचेस भेजे गए थे, जिसे मिनीं ट्रक से स्कूल में पहुंचाया गया. लेकिन जिम्मेदार शिक्षकों ने लोहे के फर्नीचर से भरा मिनीं ट्रक छात्र-छात्राओं से खाली कराया गया. हद तो तब हो गई जब छात्र-छात्राए भारी भरकम वजनी फर्नीचर उतारकर कक्षों में लेकर जा रहे थे, तब जिम्मेदार शिक्षक कुर्सी लगाकर बैठे दिखाई दिए.

Burhanpur Students Carrying Heavy Furniture
बुरहानपुर में बच्चों से उतरवाया स्कूल का फर्नीचर

मूकदशक बने रहे शिक्षक

इस काम के लिए हम्मालों या मजदूरों को लगाना चाहिए था, इस दौरान लोहे के बेंचेस उतारते समय छात्र-छात्राएं चोटिल भी हो सकते थे. इतना ही नहीं कुछ शिक्षक दूर से नजारा देख मुकदशक बने रहे, लेकिन किसी ने भी इसे रोकना मुनासिब नहीं समझा. अब मामला आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों तक पहुंचा तो हड़कंप मच गया. प्रभारी सहायक आयुक्त सुवर्णा खर्चे ने जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है. विभाग की प्रभारी सहायक आयुक्त सुवर्णा खर्चे का कहना है कि ''मामला हमारे संज्ञान में आया है. जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.''

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प्रतिबंध के बावजूद करवाया जा रहा छात्रों से काम

स्कूलों में छात्र-छात्राओं से पढ़ाई के बजाय अन्य काम कराने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है, बावजूद इसके शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं से भरी भरकम काम कराने के मामले सामने आ रहे हैं. इससे पहले शाहपुर जनशिक्षक केंद्र के नईचौंडी गांव की सरकारी माध्यमिक स्कूल में भी छात्र-छात्राओं से टेबिल शिफ्टिंग कराया गया था. अब अंबाड़ा क्षेत्र के हिंगना रैयत गांव की सरकारी माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं से लोहे के फर्नीचर से भरा मिनीं ट्रक खाली करवाया है. मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो स्कूल में हड़कंप मच गया, आदिम जाति विभाग की सहायक आयुक्त ने जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.

Last Updated : Jan 17, 2024, 8:15 AM IST
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