बुरहानपुर। कृषि विभाग के दो दलों ने जिले भर में रासायनिक खाद विक्रेताओं को लेकर जांच की. इसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र मिलाकर दर्जनभर से ज्यादा गोदामों को सील किया गया (warehouses fertilizer vendors sealed in Burhanpur). जांच के दौरान कुछ खाद विक्रेताओं ने जांच दल से नोकझोंक कर गोदाम को सील होने से बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन अधिकारी नहीं माने. जांच के दौरान शहरी क्षेत्र की कुछ दुकानों में पोटास का पुराना स्टाक भी मिला है. इसे नया बताकर विक्रेता किसानों से ज्यादा दाम वसूल रहे थे. वहीं जांच पूरी होने के बाद ऐसे विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किए जा सकते हैं.
किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया था धरना प्रदर्शन
सोमवार को प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया था. इस दौरान किसानों ने आरोप लगाया था कि 800 से 1000 में मिलने वाली पोटाश निजी खाद विक्रेता 1750 रुपए में बेच रहे हैं. जिससे किसानों की खेती की लागत बढ़ रही है. इसी वजह से मध्यमवर्गीय और सीमांत किसान परेशानी में आ गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने सहकारी समितियों में यूरिया पोटाश उपलब्ध कराने की मांग की थी. इसको लेकर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने किसानों को भरोसा दिलाया था कि कालाबाजारी की समस्या को वह जल्द सुलझाने का प्रयास करेंगे. इसी कड़ी में मंगलवार से निजी खाद विक्रेताओं की जांच पड़ताल शुरू कराई गई.
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कहां-कहां की गई कार्रवाई
शहरी क्षेत्र में कृषि अधिकारी भूपेंद्र सिंह सोलंकी के नेतृत्व में टीम कार्रवाई कर रही थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में उप संचालक कृषि एमएस देवके के नेतृत्व में कार्रवाई हुई. वरिष्ठ कृषि अधिकारी भूपेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि शहर में बाबा साहेब की प्रतिमा के पास स्थित बंधु प्रेम संस्थान को सील किया गया है. इसके संचालक ने शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया था. जांच में सहयोग नहीं करने वह बाधा डालने के लिए अलग से कार्रवाई की जाएगी (action against black marketing). इसके बाद अंकिता टॉकीज के पास अरिहंत फर्टिलाइजर के गोदाम को भी सील किया गया है. यहां पर पोटाश के करीब 245 बैग मिले हैं, इसी तरह अमरावती मार्ग स्थित सहारा कृषि केंद्र, शिकारपुरा स्थित एग्रो सर्विस सेंटर समर्थ कैरियर की दुकान को सील किया गया है.