बुरहानपुर। जिले के नेपानगर क्षेत्र के घाघरला और बाकड़ी के जंगलों में बीते करीब सात माह से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे अतिक्रमणकारियों को आखिरकार उनके द्वारा की जा रही पर्यावरण क्षति का बोध हो गया है. सोमवार के दिन उन्होंने मीडिया के सामने आत्म समर्पण करते हुए दोबारा जंगल नहीं काटने और उनकी सुरक्षा का करने का संकल्प लिया हैं. इसके साथ ही दोषियों ने आज के बाद हथियार नहीं उठाने की कसम भी खाई है.
क्या है मामला: दरअसल बुरहानपुर के मानकरिया फाल्या में करीब 5 सौ अतिक्रमणकारियों ने आत्म समर्पण किया, इनमें से 250 लोग कैमरे के सामने आए और उन्होंने कहा कि "हम लोग नवाड़ माफिया के बहकावे में आ गए थे, जिसके चलते जमीन के लालच में जंगल काट रहे थे. अब हमें इस बात का भान हो गया है कि यह गलत है और इस तरह सरकार से पट्टे हासिल नहीं किए जा सकते, इसलिए हमने आत्म समर्पण का निर्णय लिया."
आत्म समर्पण करने वालों में 40 गांव के लोग शामिल: अतिक्रमणकारियों ने कहा कि वे अपनी बात शासन और प्रशासन तक पहुंचाना चाहते हैं, इसलिए मीडिया के सामने समर्पण कर रहे हैं. आत्म समर्पण करने वालों में खंडवा, बड़वानी, खरगोन आदि जिलों के 40 गांव के लोग शामिल हैं. मामले पर डीएफओ अनुपम शर्मा ने इसे अच्छी पहल बताते हुए कहा है कि "जंगल सबके लिए जरूरी हैं, नवाड़ पटेल छतरसिंग और रेमसिंह को भी इसमें शामिल होना था. अतिक्रमणकारियों के सभी गुट यदि इस संकल्प का दृढ़ता से पालन करें तो जिले के जंगलों को फिर पहले जैसा बनाया जा सकता है."
7 महीने से पकड़ने की फिराक में थी पुलिस: बता दें कि बुरहानपुर जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग बीते 7 माह से जंगल की अवैध कटाई रोकने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक सफल नहीं हो पाए थे. हालांकि एसपी राहुल लोढ़ा ने बातचीत के आधार पर अतिक्रमणकारियों को जंगल से बाहर निकालने का प्रयास भी किया था, इस बीच पुलिस और वन विभाग की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने प्राणघातक हमला भी किया था, जिससे घाघरला सहित आसपास के अन्य गांवों के लोग डरे हुए थे. फिलहाल अब अतिक्रमणकारियों के इस निर्णय पर स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रसन्नता जताई है.