बुरहानपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को मध्यप्रदेश में यात्रा की शुरूआत करेगी (bharat jodo yatra in mp). यह यात्रा में बुरहानपुर से शुरू होगी. जिसको लेकर सारी तैयारियां कर ली गई है. वहीं यात्रा से पहले बुरहानपुर में एक नया विवाद शुरू हो गया है (poster controversy in burhanpur). यह विवाद राहुल गांधी के बीते दिनों दिए बयान से जुड़ा हुआ है. जहां उन्होंने यात्रा के दौरान वीर सावरकर पर टिप्पणी कर दी थी. जिसके बाद देश और प्रदेश की सियासत गर्मा गई थी.
पोस्टर में सावरकर और राहुल साथ: वहीं यात्रा से कुछ घंटे पहले बुरहानपुर में एक पोस्टर बवाल मचा रहा है (poster controversy in burhanpur). इस पोस्टर में वीर सावरकर को लेकर कुछ लाइनें लिखी गई हैं, जिन्हें लेकर राहुल गांधी को सावरकर से सीख लेने की नसीहत भी दी गई है. इसके अलावा पोस्टर में वीर सावरकर की तीन तस्वीरें लगाई गई है, जो त्याग और बलिदान को दर्शाया गया है (rahul gandhi and savarkar together in poster). वहीं साथ में राहुल गांधी का भी स्केच बनाया गया है. इस पोस्टर में कुछ लाइनें भी लिखी गई हैं. 'राहुल बाबा जानों, समझो, इनके विचारों का चरणामृत लो, बलिदानियों का मान करो, सम्मान करो, प्रणाम कोर, असंख्य भारतवासियों दिल तोड़ने से कैसे जुड़ेगा भारत...
कांग्रेस ने जताई आपत्ति: वहीं अज्ञात शख्स द्वारा लगाए गए इस पोस्टर पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है (congress angry on post). भारत जोडो यात्रा के सह समन्वयक दुर्गेश शर्मा ने पुलिस में शिकायत भी की है. कांग्रेस ने पोस्टर हटाने व पोस्टर लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने बीजेपी पर ये साजिश करने का आरोप लगाया है. दुर्गेश शर्मा ने कहा कि ये बीजेपी की बड़ी ओछी मानसिकता है. जब भी कोई मेहमान आता है, चाहे वह किसी भी पार्टी या दल का हो हम उसका स्वागत करते हैं. जबकि राहुल गांधी देश के जोड़ने के संदेश लेकर एमपी आ रहे हैं. वहीं उन्होंने प्रशासन से ये पोस्टर हटाने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है अगर ऐसा नहीं करते हैं तो शहर में अगर कोई अप्रिय स्थिति होती है तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा.
गुजरात में राहुल गांधी पर बरसे शिवराज, देश बर्दाश्त नहीं करेगा वीर सावरकर का अपमान
सावरकर पर क्या बोले राहुल गांधी: बता दें गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया था कि विनायक दामोदर सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और कारागार में रहने के दौरान उन्होंने माफीनामे पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी और अन्य समकालीन भारतीय नेताओं को धोखा दिया था. राहुल गांधी ने विनायक सावरकर के 'माफीनामे' की एक प्रति दिखाते हुए एक बार फिर से निशाना साधा था (rahul gandhi questions on veer savarkar). उन्होंने दावा किया था कि 'सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की. उन्होंने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा - सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं.' राहुल गांधी ने यह भी कहा, 'जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था. अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते. इससे उन्होंने महात्मा गांधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया.राहुल ने कहा था कि देश में एक तरफ महात्मा गांधी की विचारधारा है और दूसरी सावरकर से जुड़ी विचारधारा है.