बड़वानी। जिले के कलेक्टर अमित तोमर ने आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया, निरीक्षण के लिए कलेक्टर आशाग्राम ट्रस्ट में बनाए गाए आइसोलेशन वार्ड में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वहां तैनात डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ से चर्चा कर वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली साथ ही उनके कार्यों की तारीफ भी की. कलेक्टर ने इस दौरान आशाग्राम के बाद जिला चिकित्सालय पहुंचकर ट्रामा सेंटर का भी निरीक्षण किया और वहां भर्ती कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों की जानकारी ली.
दरअसल, बड़वानी जिले के कलेक्टर अमित तोमर ने बुधवार को आशाग्राम ट्रस्ट में स्थापित कोरोनावायरस का निरीक्षण किया. वार्ड में कार्यरत कर्मचारियों से उन्हें उपलब्ध कराए गए सुरक्षा संसाधनों की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने संसाधनों के उपयोग के बाद किस प्रकार उसे डिस्पोज किया जाता है. इसके बारे में भी डॉक्टरों से बातचीत की. इसके बाद उन्होंने पैरामेडिकल स्टाफ की प्रशंसा कर उनका उत्साहवर्धन भी किया.
कलेक्टर ने मौके पर उपस्थित जिला चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आरसी चोयल से भी आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रोगियों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेते हुए उन्हें हिदायत दी है, की स्टाफ को उपलब्ध कराए जाने वाले सुरक्षा संसाधनों की उपलब्धता में किसी भी प्रकार की कोताही या कमी नहीं होनी चाहिए. वही भर्ती रोगियों को भी निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार सभी चिकित्सा सुविधाएं एवं अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रूप से मिलती रहें. यह भी हर हाल में सुनिश्चित किया जाए.
कलेक्टर अमित तोमर ने आशाग्राम के बाद जिला चिकित्सालय पहुंचकर ट्रामा सेंटर का भी निरीक्षण किया. जहां भर्ती कोरोना वायरस संदिग्ध लोगों के ट्रीटमेंट और टेस्ट के बारे में जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने ट्रामा सेंटर में उपलब्ध करवाई गई सेन्ट्रलाइज ऑक्सीजन वितरण व्यवस्था की भी जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मौके पर मौजूद जिला स्वास्थ्य अधिकारी और अधीक्षक ने कलेक्टर को संदिग्ध कोरोना वायरस रोगियों के सेम्पल लेने और उन्हें उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधा से भी अवगत कराया.
कलेक्टर ने डॉक्टरों को दिए दिशा-निर्देश
कलेक्टर तोमर ने अपने निरीक्षण के दौरान जिला चिकित्सालय में लगाई गई टू नाॅट मशीन को भी देखने के साथ ही उन्होंने मौके पर उपस्थित लेबटेक्नीशियन से मशीन से किस प्रकार संदिग्ध कोरोना वायरस रोगियों की जांच की जाती है. इस प्रक्रिया में कितना समय एवं कौन - कौन से संसाधन लगते हैं इसके बारे में जानकारी ली है. इस दौरान कलेक्टर ने मौके पर ही उपस्थित जिला चिकित्सालय अधीक्षक डाॅक्टर आरसी चोयल को निर्देशित किया कि नवीन स्थापित इस मशीन की उपयोगिता को देखते हुये समुचित संसाधन लेब टेक्निशियनों को उपलब्ध करवाया जाये. जिससे जांच व्यवस्था सुचारु रूप से चलती रहे. इतना ही नहीं इस दौरान कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय के ओपीडी में बनाये गये फीवर क्लिनिक और परामर्श केंद्र का भी निरीक्षण किया.
उल्लेखनीय है कि ऐसे रोगी जो सर्दी - खांसी - बुखार से पीड़ित हैं वे कभी भी जिला चिकित्सालय के इस फीवर क्लीनिक पहुंचकर स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सीय सुविधा ले सकते हैं. वहीं स्थापित परामर्श केंद्र से वे कोरोना संबंधित कोई भी जानकारी या अपनी शंका का समाधान प्राप्त कर सकते हैं.