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केला उत्पादक किसान हो रहे परेशान, नहीं हुई बिक्री तो होगा लाखों का नुकसान

लॉकडाउन ने के दूसरे चरण में प्रदेश के किसान की हालत चिंता जनक है, सब्जियों की फसल खेतों में ही सड़ रही है तो वहीं स्टोरेज न होने के कारण प्याज भी खुले में पड़ी है, किसान को इसके सड़ने और बेचने की चिंता सता रही है, लॉकडाउन के बीच ये किसान अपनी फलस बेच नहीं पा रहे हैं, ऐसे में केले के किसानों की मुसीबते भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

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लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी
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Published : Apr 21, 2020, 9:50 PM IST

बुरहानपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है, इस बीच केले की फसल संकट में आ गई है, पौधों पर केले के घड़ लटके हुए हैं, इनका वजन 30 किलो तक हो गया है, अधिक वजन हो जाने के कारण घड़ सहित पेड़ गिरने लगे हैं, लेकिन किसान केला काट भी नहीं सकते हैं, क्योंकि इसकी सप्लाई लगभग बंद है और मंडी में नीलामी शुरू नहीं हुई है.

लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी

व्यापारी, किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं और उनसे 200 से 250 रुपए क्विंटल के भाव से केला खरीद रहे हैं, जबकि पिछले महीने तक केले का दाम एक हजार से अधिक था, वही मंडी सचिव का कहना है कि, आज से नीलामी शुरू की गई है, जिसमें न्यूनतम 400 से अधिकतम 600 रुपए क्विंटल तक केले की खरीदी का भाव रहा.

लोनी के किसानों का कहना है कि, पौधों पर हजारों घड़ ऐसे लगे जिनका केले काफी मोटे हो गए हैं, जिससे 3 से 4 दिन में यह फल फटने लगेगा, इसके बाद यह पूरी तरह खराब हो जाएगा. जिले के हजारों केला किसानों पर संकट आ गया है, फसल काट भी नहीं सकते, क्योंकि रखने की व्यवस्था नहीं है.

आपको बता दें कि, बुरहानपुर में केले का रकबा 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा है, यहां का केला देश के कई राज्यों में सप्लाई होता है, सभी राज्यों में केले का निर्यात बंद है, केला खेत में ही सड़ने की नौबत आती दिखाई दे रही है, क्योंकि फसल खराब होगी तो किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान होगा और खेत साफ करवाने में मजदूरों को लगाना पड़ेगा. इन दिनों एक दिन में 20 से 25 ट्रक भरकर केला देश के अन्य राज्यों में जाता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण केले की फसल खेतों में ही बर्बाद होती नजर आ रही है.

बुरहानपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है, इस बीच केले की फसल संकट में आ गई है, पौधों पर केले के घड़ लटके हुए हैं, इनका वजन 30 किलो तक हो गया है, अधिक वजन हो जाने के कारण घड़ सहित पेड़ गिरने लगे हैं, लेकिन किसान केला काट भी नहीं सकते हैं, क्योंकि इसकी सप्लाई लगभग बंद है और मंडी में नीलामी शुरू नहीं हुई है.

लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी

व्यापारी, किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं और उनसे 200 से 250 रुपए क्विंटल के भाव से केला खरीद रहे हैं, जबकि पिछले महीने तक केले का दाम एक हजार से अधिक था, वही मंडी सचिव का कहना है कि, आज से नीलामी शुरू की गई है, जिसमें न्यूनतम 400 से अधिकतम 600 रुपए क्विंटल तक केले की खरीदी का भाव रहा.

लोनी के किसानों का कहना है कि, पौधों पर हजारों घड़ ऐसे लगे जिनका केले काफी मोटे हो गए हैं, जिससे 3 से 4 दिन में यह फल फटने लगेगा, इसके बाद यह पूरी तरह खराब हो जाएगा. जिले के हजारों केला किसानों पर संकट आ गया है, फसल काट भी नहीं सकते, क्योंकि रखने की व्यवस्था नहीं है.

आपको बता दें कि, बुरहानपुर में केले का रकबा 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा है, यहां का केला देश के कई राज्यों में सप्लाई होता है, सभी राज्यों में केले का निर्यात बंद है, केला खेत में ही सड़ने की नौबत आती दिखाई दे रही है, क्योंकि फसल खराब होगी तो किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान होगा और खेत साफ करवाने में मजदूरों को लगाना पड़ेगा. इन दिनों एक दिन में 20 से 25 ट्रक भरकर केला देश के अन्य राज्यों में जाता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण केले की फसल खेतों में ही बर्बाद होती नजर आ रही है.

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