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बारिश में धुली किसानों की मेहनत, आंधी में उड़े सपने, जब आसमान से बरसी 'आफत'

बुरहानपुर जिल में बारिश के दौरान आने वाली आंधी-तूफान किसानों के लिए आफत साबित हो रही है. जिले के करीब दर्जन भर से अधिक गांव में आंधी-तूफान के चलते केले की खेती करने वाले किसानों की लाखों की फसल बर्बाद हो गयी.

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Published : Jul 3, 2019, 5:04 PM IST

आंधी-तूफान में बर्बाद हुए केला फसल

बुरहानपुर। जिले में भीषण गर्मी से केले की खराब हो रही फसल को बचाने के लिए किसान कई जतन कर रहे थे, लेकिन अब बारिश के दौरान आंधी-तूफान किसानों के लिए आफत साबित हो रही है. जिले के करीब दर्जन भर से अधिक गांव आंधी-तूफान की चपेट में हैं, जिसके चलते केले की खेती करने वाले किसानों की लाखों की फसल बर्बाद हो गयी. जिसके चलते एक बार फिर किसानों को सरकार से मुआवजे की आस बंध गई है.

आंधी-तूफान में बर्बाद हुए केला फसल

जिले के निंबोला, बसाड़, उमरदा, सुखपुरी, खडकोद, बख्खारी सहित दर्जन भर गांवों के किसानों की केले की फसल गिर गई है, जिससे केला फसल लगाने वाले किसानों को लाखों रूपये का नुकसान हुआ है. अब तक गांव में किसानों की सुध लेने कोई भी अधिकारी या प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा है. सुखपुरी गांव में भी कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे किसान परेशान हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

गौरतलब है कि बुरहानपुर केला उत्पादन के लिए जाना जाता है, जहां 20 हजार 300 हेक्टेयर में किसान केले की फसल लगाते हैं. जहां एक केले के पौधे लगाने में 100 रुपए खर्च और लगभग 18 महीने की मेहनत लगती है. इस तूफान में किसानों के करोड़ो रूपए का नुकसान हुआ है, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अमला किसी भी गांव में सर्वे करने तक नहीं पंहुचा है.

बुरहानपुर। जिले में भीषण गर्मी से केले की खराब हो रही फसल को बचाने के लिए किसान कई जतन कर रहे थे, लेकिन अब बारिश के दौरान आंधी-तूफान किसानों के लिए आफत साबित हो रही है. जिले के करीब दर्जन भर से अधिक गांव आंधी-तूफान की चपेट में हैं, जिसके चलते केले की खेती करने वाले किसानों की लाखों की फसल बर्बाद हो गयी. जिसके चलते एक बार फिर किसानों को सरकार से मुआवजे की आस बंध गई है.

आंधी-तूफान में बर्बाद हुए केला फसल

जिले के निंबोला, बसाड़, उमरदा, सुखपुरी, खडकोद, बख्खारी सहित दर्जन भर गांवों के किसानों की केले की फसल गिर गई है, जिससे केला फसल लगाने वाले किसानों को लाखों रूपये का नुकसान हुआ है. अब तक गांव में किसानों की सुध लेने कोई भी अधिकारी या प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा है. सुखपुरी गांव में भी कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे किसान परेशान हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

गौरतलब है कि बुरहानपुर केला उत्पादन के लिए जाना जाता है, जहां 20 हजार 300 हेक्टेयर में किसान केले की फसल लगाते हैं. जहां एक केले के पौधे लगाने में 100 रुपए खर्च और लगभग 18 महीने की मेहनत लगती है. इस तूफान में किसानों के करोड़ो रूपए का नुकसान हुआ है, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अमला किसी भी गांव में सर्वे करने तक नहीं पंहुचा है.

Intro:बुरहानपुर जिले में किसान पहले ही भीषण गर्मी से केले की फसल को बचाने के लिए अनेको जतन कर रहे थे, और अब बारिश के दौरान हुए आंधी तूफान किसानों के लिए आफत की बारिश बनकर बरपी है, बता दें कि जिले के करीब दर्जनभर से अधिक गांव इस आंधी तूफान की चपेट में है, जिससे केला फसल लगाने वाले किसानों की करोड़ों की फसल गिर गई है, जिसके चलते एक बार फिर किसानों को सरकार से मुआवजे की आस बंध गई हैं।


Body:बुरहानपुर जिले के निंबोला, बसाड़, उमरदा, सुखपुरी, खडकोद, बख्खारी सहित दर्जनभर गांवों के किसानों की केला फसल गिर गई है, जिससे केला फसल लगाने वाले किसानों को करोड़ो रूपये का नुकसान हुआ है, लेकिन अब तक कई गांवों में किसानों की सुध लेने कोई भी प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा है, ऐसे ही सुखपुरी में भी कोई अधिकारी नही पहुंचे, जिससे किसान परेशान हैं, गौरतलब है कि बुरहानपुर मुख्यतः केला उत्पादन के लिए जाना जाता है, जहां 20 हजार 300 हेक्टेयर में किसान केला फसल लगाते है।


Conclusion:बाईट 01:- किसान।
बाईट 02:- किसान।
बाईट 03:-किसान।
बाईट 04:किसान।
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