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बुरहानपुर कृषि मंडी में आग बुझाने के नहीं हैं कोई संसाधन, प्रशासन है खामोश - आग

जिले की रेणुका कृषि उपज मंडी प्रदेश की बड़ी मंडियों में शुमार है. जहां बड़े पैमाने पर अनाज और केले से लेकर कपास तक की नीलामी होती है. बावजूद इसके यहां हालात यह है कि आग बुझाने के लिए कोई संसाधन नहीं है.

बुरहानपुर कृषि मंडी
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Published : Apr 24, 2019, 12:22 AM IST

बुरहानपुर। जिले की रेणुका कृषि उपज मंडी प्रदेश की बड़ी मंडियों में शुमार है. जहां बड़े पैमाने पर अनाज और केले से लेकर कपास तक की नीलामी होती है. बावजूद इसके यहां हालात यह है कि आग बुझाने के लिए कोई संसाधन नहीं है. यही वजह है कि आग लगने के बाद समय पर काबू नहीं पाया जा सकता.

बुरहानपुर कृषि मंडी

बता दें कि बीते दिनों यहां आग लगने से दो गोदामों में रखा बारदाना और सोयाबीन भी जलकर खाक हो गई थी. उस वक्त भी आग बुझाने में मंडी प्रशासन की नाकामी उजागर हुई. बावजूद इसके मंडी प्रशासन अबतक अपनी गहरी नींद से नहीं जागा है.

मंडी सचिव पुरुषोत्तम शर्मा से चर्चा की गई तो उनका तर्क है की कपास का सीजन समाप्त हो गया है. आगामी सीजन में आग पर काबू पाने के लिए संसाधनों की व्यवस्था करेंगे.

बुरहानपुर। जिले की रेणुका कृषि उपज मंडी प्रदेश की बड़ी मंडियों में शुमार है. जहां बड़े पैमाने पर अनाज और केले से लेकर कपास तक की नीलामी होती है. बावजूद इसके यहां हालात यह है कि आग बुझाने के लिए कोई संसाधन नहीं है. यही वजह है कि आग लगने के बाद समय पर काबू नहीं पाया जा सकता.

बुरहानपुर कृषि मंडी

बता दें कि बीते दिनों यहां आग लगने से दो गोदामों में रखा बारदाना और सोयाबीन भी जलकर खाक हो गई थी. उस वक्त भी आग बुझाने में मंडी प्रशासन की नाकामी उजागर हुई. बावजूद इसके मंडी प्रशासन अबतक अपनी गहरी नींद से नहीं जागा है.

मंडी सचिव पुरुषोत्तम शर्मा से चर्चा की गई तो उनका तर्क है की कपास का सीजन समाप्त हो गया है. आगामी सीजन में आग पर काबू पाने के लिए संसाधनों की व्यवस्था करेंगे.

Intro:बुरहानपुर जिले की रेणुका कृषि उपज मंडी प्रदेश की बड़ी मंडियों में शुमार है, जहां बड़े पैमाने पर अनाज और केले से लेकर कपास तक की निलामी होती है, बावजूद इसके यहां हालात यह है कि आग बुझाने के लिए कोई संसाधन नहीं है, जबकि बड़ी मंडी होने के चलते मंडी प्रशासन के पास स्वयंम का फायटर वाहन होना चाहिए, इतना ही नहीं फायर डिस्टिंग्यूशन भी नहीं है, इसके अलावा ना तो रेत की बाल्टी यहां रखी है, और ना ही पानी का पर्याप्त इंतजाम है, यही वजह है कि आग लगने के बाद समय पर काबू नहीं पाया जा सकता, आमतौर पर जब तक नगर निगम से फायर ब्रिगेड वाहन पहुंचता हैं तब तक आग विकराल रूप धारण कर चुकी होती हैं।





Body:बता दें कि बीते दिनों यहां आग लगने से दो गोदामों में रखा बारदाना और सोयाबीन भी जलकर खाक हो गई थी, उस वक्त भी आग बुझाने में मंडी प्रशासन की नाकामी उजागर हुई थी, बावजूद इसके मंडी प्रशासन अबतक अपनी गहरी नींद से नहीं जागा है, अब व्यापारी अपने माल को लेकर चिंतित नजर आते हैं, वही मंडी सचिव पुरुषोत्तम शर्मा से चर्चा की गई तो उनका तर्क है की कपास का सीजन समाप्त हो गया है, आगामी सीजन में आग पर काबू पाने के लिए संसाधनों की व्यवस्था करेंगे।



Conclusion:बाईट 01:- पुरुषोत्तम शर्मा, मंडी सचिव।
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