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करियर के बाद युवाओं को सबसे ज्यादा सेक्स का टेंशन, कॉल सेंटर पर पूछे गए सवाल, रिपोर्ट में हुआ खुलासा - 13 फीसदी कॉलर ने बताई सेक्सुएलिटी की समस्या

कॅरियर के बाद यौन जिज्ञासाओं को लेकर युवा तनाव में रहते हैं. वे कॉल सेंटर पर सबसे ज्यादा सवाल करते हैं. इसका खुलासा 104 कॉल सेंटर की तिमाही रिपोर्ट से हुआ है. 13 फीसदी कॉलर ने बताई सेक्सुएलिटी से जुड़ी समस्या और 29 फासदी ने कॅरियर के लिए किया कॉल.

what are youth most worried about
तनाव में रहते युवा
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Published : Jan 4, 2023, 10:03 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 10:14 PM IST

कौन सी बात युवाओं को करती है सबसे ज्यादा परेशान

भोपाल। मध्यप्रदेश के युवाओं में जितना मानसिक तनाव अपने कॅरियर को लेकर होता है, उतना ही यौन जिज्ञासाओं को लेकर भी है. भविष्य में क्या करना है, जॉब करें या बिजनस, किस विषय की पढ़ाई करें. अक्सर ऐसी बातें युवा दिमाग में तनाव पैदा करती है, लेकिन इसके साथ ही यौन जिज्ञासाएं भी युवाओं के मानसिक तनाव का प्रमुख कारण है. मानसिक तनाव से जूझ रहे युवाओं मे 13 फीसदी युवा सैक्सुलिएटी परेशानियों से परेशान रहते हैं. यह चौांकने वाला आंकड़ा 104 कॉल सेंटर की तिमाही रिपोर्ट से सामने आई है.

खुलकर बात नहीं करते युवा: रिपोर्ट के मुताबिक काउंसलिंग के 29 फीसदी मामले कॅरियर से जुड़े होते हैं. वहीं 13 फीसदी काउसंलिंग सैक्स समस्याओं से संबंधित होती है. मामले में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. राजेंद्र कुमार बैरागी बताते हैं कि हमारे देश में अब भी सेक्स के बारे में खुलकर बात नहीं होती. यही कारण है कि युवाओं के मन में सवाल और उलझन बनी रहती है. ओपीडी में आने वाले 10 में से दो मरीज सेक्स संबंधी सवाल या परेशानियों से जूझ रहे होते हैं. इसका एक कारण यह भी है कि सेक्स एजुकेशन को लेकर भी माता-पिता अभी उतने जागरूक नहीं है, जिसका असर बच्चों पर पड़ता है.

मानसिक तनाव को लेकर भी सवाल: रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन महीने में 104 कॉल सेंटर के काउंसलर ने 822 कॉलर की काउंसलिंग की. इस दौरान टेंशन, डिप्रेशन और मनोचिकित्सा से जुड़े मामले भी सबसे ज्यादा आते हैं. लोग बीमारी, परिवार में लड़ाई, दोस्तों के साथ मनमुटाव और परीक्षा मे फैल हो जाने पर मानसिक रूप से टूट जाते हैं. इनसे निजात पाने के लिए कॉउंसलर का सहारा लेते हैं.

कोरोना के दौरान लेते थे जानकारी: 104 कॉल सेंटर का संचालन स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के लिए किया गया था. जिसमें कोविड के दौरान लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. संचालन करने वाली कंपनी जेएईएस के सीनियर मैनेजर तरुण सिंह ने बताया कि कोरोना के दौरान लोग संक्रमण को लेकर ज्यादा चिंतित रहते थे. थोड़ा भी बुखार होने पर वे कॉल सेंटर पर कॉल करते थे. उन्होंने बताया कि कॉल सेंटर दो स्तर पर काम करता है. कॉल अटैंड करने के लिए पैरामेडिक स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया है. वह कॉलर से प्राथमिक जानकारी लेकर काउंसलिंग और चिकित्सीय सलाह के लिए काउंसलर और डॉक्टर के पास कॉल फॉरवर्ड करते हैं.
आंकड़े

-काउंसलिंग- प्रतिशत
-कॅरियर - 29 फीसदी
-सेक्सुअल - 13फीसदी
-अन्य - 10.9 फीसदी
-टेंशन - 10.8 फीसदी
-डिप्रेशन - 10.7 फीसदी
-साइकोलॉजी - 10.0 फीसदी

ऐसे आए कॉल
-मेडिकल एडवाइज - 2624
-काउंसलिंग - 1659
-सामान्य जानकारी - 13951

कौन सी बात युवाओं को करती है सबसे ज्यादा परेशान

भोपाल। मध्यप्रदेश के युवाओं में जितना मानसिक तनाव अपने कॅरियर को लेकर होता है, उतना ही यौन जिज्ञासाओं को लेकर भी है. भविष्य में क्या करना है, जॉब करें या बिजनस, किस विषय की पढ़ाई करें. अक्सर ऐसी बातें युवा दिमाग में तनाव पैदा करती है, लेकिन इसके साथ ही यौन जिज्ञासाएं भी युवाओं के मानसिक तनाव का प्रमुख कारण है. मानसिक तनाव से जूझ रहे युवाओं मे 13 फीसदी युवा सैक्सुलिएटी परेशानियों से परेशान रहते हैं. यह चौांकने वाला आंकड़ा 104 कॉल सेंटर की तिमाही रिपोर्ट से सामने आई है.

खुलकर बात नहीं करते युवा: रिपोर्ट के मुताबिक काउंसलिंग के 29 फीसदी मामले कॅरियर से जुड़े होते हैं. वहीं 13 फीसदी काउसंलिंग सैक्स समस्याओं से संबंधित होती है. मामले में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. राजेंद्र कुमार बैरागी बताते हैं कि हमारे देश में अब भी सेक्स के बारे में खुलकर बात नहीं होती. यही कारण है कि युवाओं के मन में सवाल और उलझन बनी रहती है. ओपीडी में आने वाले 10 में से दो मरीज सेक्स संबंधी सवाल या परेशानियों से जूझ रहे होते हैं. इसका एक कारण यह भी है कि सेक्स एजुकेशन को लेकर भी माता-पिता अभी उतने जागरूक नहीं है, जिसका असर बच्चों पर पड़ता है.

मानसिक तनाव को लेकर भी सवाल: रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन महीने में 104 कॉल सेंटर के काउंसलर ने 822 कॉलर की काउंसलिंग की. इस दौरान टेंशन, डिप्रेशन और मनोचिकित्सा से जुड़े मामले भी सबसे ज्यादा आते हैं. लोग बीमारी, परिवार में लड़ाई, दोस्तों के साथ मनमुटाव और परीक्षा मे फैल हो जाने पर मानसिक रूप से टूट जाते हैं. इनसे निजात पाने के लिए कॉउंसलर का सहारा लेते हैं.

कोरोना के दौरान लेते थे जानकारी: 104 कॉल सेंटर का संचालन स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के लिए किया गया था. जिसमें कोविड के दौरान लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. संचालन करने वाली कंपनी जेएईएस के सीनियर मैनेजर तरुण सिंह ने बताया कि कोरोना के दौरान लोग संक्रमण को लेकर ज्यादा चिंतित रहते थे. थोड़ा भी बुखार होने पर वे कॉल सेंटर पर कॉल करते थे. उन्होंने बताया कि कॉल सेंटर दो स्तर पर काम करता है. कॉल अटैंड करने के लिए पैरामेडिक स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया है. वह कॉलर से प्राथमिक जानकारी लेकर काउंसलिंग और चिकित्सीय सलाह के लिए काउंसलर और डॉक्टर के पास कॉल फॉरवर्ड करते हैं.
आंकड़े

-काउंसलिंग- प्रतिशत
-कॅरियर - 29 फीसदी
-सेक्सुअल - 13फीसदी
-अन्य - 10.9 फीसदी
-टेंशन - 10.8 फीसदी
-डिप्रेशन - 10.7 फीसदी
-साइकोलॉजी - 10.0 फीसदी

ऐसे आए कॉल
-मेडिकल एडवाइज - 2624
-काउंसलिंग - 1659
-सामान्य जानकारी - 13951

Last Updated : Jan 4, 2023, 10:14 PM IST
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