भोपाल। सिविल सोसायटी के मदद से एमपी में कांग्रेस का हाथ मजबूत करने आए भारत जोड़ो अभियान के नेशनल काउंसिल सदस्य योगेन्द्र यादव ने कहा है कि यहां हम कांग्रेस की बारात में शामिल होने नहीं आए हैं. उन्होने कहा कि मुद्दा कांग्रेस को जिताने का भर नहीं है. जनसंगठनों को साथ लेकर कर्नाटक की जीत एमपी में दोहराए जाने की जरुरत इसलिए है ताकि लोकतंत्र की हत्या कर चुकी बीजेपी को जड़ से उखाड़ा जा सके. जनसंगठनों को जोड़कर चुनाव के पांच महीने पहले एमपी में चुनावी रणनीति तैयार करने आए योगेन्द्र यादव के लिए क्या एमपी में राह कर्नाटक जितनी आसान होगी. वजह ये है कि चुनाव पूर्व तैयारी की इस बैठक में सिविल सोसायटी की ओर से कांग्रेस को लेकर कई सवाल उठे हैं.
क्यों बोले योगेन्द्र यादव...कांग्रेस का बारात नहीं: भारत जोड़ो यात्रा के प्रमुख सदस्य रहे योगेन्द्र यादव ने कहा कि यहां हम किसी कांग्रेस की बारात में शामिल होने नहीं आए हैं. उनकी बारात है वो चलाएं. किसी दूल्हे की बारात में हम नहीं आए हैं हम अपने बच्चों के भविष्य के लिए आए हैं हमें अपना देश चाहिए. यादव ने कहा कि लोग कहते हैं कांग्रेस का समर्थन कर रहे हो. कांग्रेस से ये गारंटी दिला दो, कांग्रेस से ये कह दो. मैं कहता हूं भैय्या मैं तो अपने बच्चों के लिए आया हूं. उनको मेरी गरज नहीं है मुझे उनकी गरज है. योगेन्द्र यादव ने कहा कि हमने तो कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन किया है लेकिन इस समय देश के सामने इस तरह की चुनौती है देश खत्म हो रहा है. उस समय मैं अपने कंधे का फ्रैक्चर याद करूं ये नहीं होगा. देश को फ्रैक्चर हो गया है उसे देखूंगा देश बचेगा तो मैं भी बच जाऊंगा. देश बचेगा तो इनसे कुश्ती भी कर लूंगा मैं यहां देश बचाने का सवाल है.
सिविल सोसायटी की ओर से उठे सवाल: योगेन्द्र यादव और भारत जोड़ो अभियान की चुनाव के मद्देनजर भोपाल में ये तीसरी बैठक थी. इस बैठक में चुनाव के पांच महीने पहले जनसंगठनों के साथ लेखक और एक्टिविस्ट भी बुलाए गए थे लेकिन रणनीति तैयार करने आए लेखक और एक्टिविस्ट ने कांग्रेस को लेकर कई सवाल उठाए. मिसाल के तौर पर कांग्रेस अब भी कमजोर विपक्ष की भूमिका में है. कांग्रेस के लिए जरुरी है कि जो उसकी विचारधारा है बीजेपी की नकल में वो उसे ना भूले. कांग्रेस में धार्मिक अनुष्ठान ये बात कुछ हजम नहीं हुई. दिग्विजय सिंह की नेगेटिव इमेज बना दी गई कमलनाथ के पास सुनने समय नहीं, कैसे जीतेगी कांग्रेस. इसे चिंता कहिए रिएक्शन कहिए या फिर सिविल सोसायटी का योगेन्द्र यादव को दिखाया गया आईना लेकिन कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में जमीन तैयार करने आए योगेन्द्र यादव को ये बता दिया गया कि राह इतनी भी आसान नहीं है.
जनसंगठन पर्दे के पीछे से करेंगे कांग्रेस की मदद: 2023 के विधानसभा चुनाव में भारत जोड़ो अभियान के साथ जनसंगठन जुड़कर चुनावी रणनीति पर काम करेंगे. अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं और माना जा रहा है कि अगली बैठक में चुनावी तैयारी का पूरा खाका तैयार कर लिया जाएगा.