भोपाल। बीजेपी की सीनियर लीडर और शिवराज सरकार में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने स्वास्थ्य कारणों से विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरने से मना कर दिया है. उन्होंने चिट्ठी लिखकर बीजेपी आला कमान से चुनाव में न उतरने का आग्रह किया है. बताया जा रहा है उन्होंने पार्टी से कहा है कि "मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है चार बार मुझे कोविड हुआ है. ऐसे में चुनावी भाग दौड़ मुझसे नहीं हो सकती, इसलिए मैं चुनाव नहीं लड़ सकती." उधर यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा चुनाव मैदान से पीछे हटने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधा है.
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा है कि "भाजपा के नेता चुनाव के नतीजे को लेकर अभी से घबराए हुए हैं. पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारा लेकिन वे खुद बयान दे रहे हैं कि वे चुनाव के लिए तैयार नहीं है. स्थिति साफ है जनता में सरकार और भाजपा नेताओं को लेकर जिस तरह का आक्रोश है. भाजपा नेता चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते.
क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया उतरेंगे शिवपुरी सीट से मैदान में: यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा चुनाव लड़ने से इनकार किए जाने के पीछे कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रही है. बताया जा रहा है कि यशोधरा राजे स्थानीय नेताओं से नाराज चल रही थीं. पिछले दिनों उन्होंने इसको लेकर बयान भी दिया था. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था की "एंटी इनकंबेंसी जैसी कोई चीज नहीं है, लेकिन चार-पांच लोग हैं, जो माहौल बिगाड़ने में लगे हुए हैं. यह लोग तब कहां थे, जब कोरोना का समय आया था, जब बाढ़ के हालात बने थे. लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. कोई भी चुनाव लड़ सकता है." उधर कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से सिंधिया परिवार का ही कोई सदस्य चुनाव लड़ सकता है. केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव मैदान में उतरने के बाद चर्चा है कि शिवपुरी से ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चुनाव मैदान में उतार सकते हैं. शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में सिंधिया परिवार का अच्छा दखल है और सिंधिया परिवार नहीं चाहेगा कि उनकी राजनीतिक जमीन पर कोई और पैर जमाए.
कांग्रेस ने साधा निशाना: उधर यशोधरा राजेश सिंधिया द्वारा चुनाव लड़ने से इनकार किए जाने के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि "बीजेपी के खेमे में खलबली मची हुई है. कई नेता चुनाव को लेकर परेशान हैं. कई नेता चुनाव ही लड़ना नहीं चाहते. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तो उम्मीदवारों की सूची में नाम आने पर कोई जवाब ही नहीं दिया. कैलाश विजयवर्गीय कह रहे हैं कि उनका एक प्रतिशत मन नहीं है. वह तो हेलीकॉप्टर से प्रचार करने वाले नेता हैं. कहां हाथ जोड़कर वोट मांगेंगे. इसी तरह से फग्गन सिंह कुलस्ते 33 साल से चुनाव ही नहीं लड़े. ऐसे जितने भी नेताओं को चुनाव मैदान में उतार रहे हैं. सभी जानते हैं कि यह डूबती हुई नैया है. शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन उनका सूची में नाम ही नहीं आ रहा है, क्योंकि बीजेपी उन पर चुनाव ही नहीं लड़ाना चाहती.