ETV Bharat / state

राष्ट्रीय अभय संगोष्ठी में लेखक और कवियों ने महात्मा गांधी को लेकर रखे विचार

राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय अभय संगोष्ठी का दो दिवसीय आगाज राज्य संग्रहालय भोपाल में आयोजित हुआ. जिसमें देशभर से आए बुद्धिजीवी लेखकों और कवियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए.

Writers and poets shared their views on Mahatma Gandhi
लेखक और कवियों ने महात्मा गांधी को लेकर रखे विचार
author img

By

Published : Feb 23, 2020, 4:53 AM IST

भोपाल। राष्ट्रीय संगोष्ठी अभय का दो दिवसीय आगाज भोपाल के राज्य संग्रहालय में आयोजित हुआ. जिसमें देशभर से आए अनेकों बुद्धिजीवी लेखक, कवि ने अपने विचार व्यक्त किए. इस दौरान साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर गांधी राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिवस पर शुभारंभ सत्र हुआ.

लेखक और कवियों ने महात्मा गांधी को लेकर रखे विचार

इसमें बुद्धिजीवी श्रवण गर्ग ने अपने वक्तव्य में कहा कि गांधी की सचमुच वापसी हो सकती है या नहीं. हमारे बीच पहले की तरह रह सकते हैं या नहीं. गोपेश्वर सिंह दिल्ली ने कहा कि क्या सचमुच गांधी को अपनी जमीन से बेदखल किया जा रहा है. गांधी अभय होकर अपने साथियों के साथ क्या आगे बढ़ सकते हैं.

वहीं राजकुमार राणा सिंह ने कहा कि गांधी के विचार से ग्राम स्वराज के विचार नहीं बल्कि आधुनिकता के भी हैं. कुमार प्रशांत दिल्ली ने कहा कि गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटने के 32 वर्षों में बार-बार निर्वासित होते हैं और निर्वाचित होते हैं अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सुधीर चंद्र ने कहा कि गांधी ऐसा व्यक्तित्व जो मरने के बाद भी नहीं मारा.

बता दें कि यह आयोजन साहित्य अकेडमी भोपाल द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में आयोजित किया जा रहा है.

भोपाल। राष्ट्रीय संगोष्ठी अभय का दो दिवसीय आगाज भोपाल के राज्य संग्रहालय में आयोजित हुआ. जिसमें देशभर से आए अनेकों बुद्धिजीवी लेखक, कवि ने अपने विचार व्यक्त किए. इस दौरान साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर गांधी राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिवस पर शुभारंभ सत्र हुआ.

लेखक और कवियों ने महात्मा गांधी को लेकर रखे विचार

इसमें बुद्धिजीवी श्रवण गर्ग ने अपने वक्तव्य में कहा कि गांधी की सचमुच वापसी हो सकती है या नहीं. हमारे बीच पहले की तरह रह सकते हैं या नहीं. गोपेश्वर सिंह दिल्ली ने कहा कि क्या सचमुच गांधी को अपनी जमीन से बेदखल किया जा रहा है. गांधी अभय होकर अपने साथियों के साथ क्या आगे बढ़ सकते हैं.

वहीं राजकुमार राणा सिंह ने कहा कि गांधी के विचार से ग्राम स्वराज के विचार नहीं बल्कि आधुनिकता के भी हैं. कुमार प्रशांत दिल्ली ने कहा कि गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटने के 32 वर्षों में बार-बार निर्वासित होते हैं और निर्वाचित होते हैं अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सुधीर चंद्र ने कहा कि गांधी ऐसा व्यक्तित्व जो मरने के बाद भी नहीं मारा.

बता दें कि यह आयोजन साहित्य अकेडमी भोपाल द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में आयोजित किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.