भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगातार वाहनों का दबाव बढ़ रहा है. वाहन शहर के सड़कों पर सरपट दौड़ते हैं. जगह-जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति लगभग हर दिन बनती है. जाम की स्थिति से निपटने के लिए शहर भर में लगाए गए अधिकांश ट्राफिक सिग्नल खराब है. भोपाल के नए और पुराने शहर में कुल 65 सिग्नल है. लेकिन चौंकाने वाली बात तो यह है कि 65 में से महज 16 ही सिग्नल काम कर रहे हैं.
तीन एजेंसियों के पास है ट्रैफिक सिग्नलों का रखरखाव
राजधानी भोपाल में ट्रैफिक मैनेजमेंट की स्थिति कितनी बदहाल है. इसका अंदाजा शहर के ट्रैफिक सिग्नलों के हालातों से ही लगाया जा सकता है. नए और पुराने शहर में कुल 65 ट्रैफिक सिग्नल हैं, जिनमें से 49 सिग्नल खराब पड़े हुए हैं. सिर्फ 16 ही सिग्नल ऐसे हैं जो काम कर रहे हैं. खराब ट्रैफिक सिग्नल आए दिन हादसों को तो न्योता देते हैं और जाम की स्थिति भी बन जाती है.
राजधानी भोपाल में ट्रैफिक सिग्नल का काम तीन एजेंसियों के पास है
- पहली नगर निगम जिसके पास 22 ट्रैफिक सिग्नल है
- दूसरी एजेंसी बीआरटीएस जिसके पास 21 सिग्नल हैं
- तीसरी एजेंसी ऊर्जा निगम है. जिनके पास 22 ट्रैफिक सिग्नल है
हालांकि ऊर्जा निगम ने अपने सभी सिग्नल यातायात पुलिस को दे दिए हैं. तीन एजेंसियों के पास अपने-अपने ट्रैफिक सिग्नलों के रखरखाव का भी जिम्मा है. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. पिछले 4 से 5 महीने लॉकडाउन के चलते इन सिगनलों बंद ही रखा गया था. लेकिन अब अनलॉक के साथ ही शहर में ट्रैफिक भी बढ़ गया है और सिग्नल खराब पड़े हुए हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक हाल ही में सभी एजेंसियों से संयुक्त बैठक कर इन सिग्नलों को ठीक करने का निर्णय लिया गया है. इसके बावजूद भी अब तक ट्रैफिक सिग्नल बंद ही पड़े हुए हैं.
25 मुख्य सिग्नलों के लिए टेंडर जारी
इधर 25 मुख्य ट्रेफिक सिग्नलों के रखरखाव के लिए टेंडर जारी किया गया है. टेंडर के बाद प्राइवेट कंपनी को इनके रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी. ट्रैफिक सिग्नल में कई छोटे-बड़े पार्ट्स होते हैं. जो भी पार्ट खराब होगा उसे बदलकर ट्रैफिक सिग्नलों को जल्द से जल्द चालू किया जाएगा. इसके अलावा शहर में ट्रैफिक की स्थिति को यातायात पुलिस ही बेहतर समझती है. लिहाजा ट्रैफिक पुलिस को नगर निगम की एक टीम भी उपलब्ध कराई गई है. निगम की यह टीम ट्रैफिक अधिकारियों के आदेशों पर ही काम करती है. जहां जैसी जरूरत होती है वहां ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी ही निगम की टीम से काम लेते हैं.
सिग्नलों के मेंटनेंस पर हर साल होते है सवा करोड़ रुपये खर्च
बताया जा रहा है कि शहर के प्रमुख ट्रैफिक सिग्नलों को लेकर करीब 57 लाख का टेंडर निकाला गया है, जोकी महज 25 सिग्नलों के लिए ही है. यानी कि टेंडर लेने वाली कंपनी महज 25 ही सिग्नलों का रखरखाव करेगी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि शेष बचे 40 सिग्नलों के रखरखाव का क्या होगा. भोपाल शहर में सिग्नलों के मेंटेनेंस को लेकर हर साल करीब सवा करोड रुपए खर्च किए जाते हैं. इसके बावजूद भी लगभग 80 फीसदी ट्रैफिक सिग्नल खराब स्थिति में ही है. जिसके चलते हर दिन जाम तो लगता ही है और हादसों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.