भोपाल। World Diabetes Day 2021: विश्व में करोड़ों लोग डायबिटीज की बीमारी का शिकार हैं. मधुमेह को ऐसे साइलेंट किलर वाली बीमारी कहा जाता है जो इंसान के शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देती है. इस बीमारी की चपेट में आने वाले शख्स को पूरी जिंदगी ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करना पड़ता है. डायबिटीज के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 14 नंवबर को 'वर्ल्ड डायबिटीज डे' मनाया जाता है.
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14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे
विश्व स्तर पर अनुमानित 422 मिलियन वयस्क 2014 में डायबिटीज के शिकार हो चुके थे. जबकि 1980 में ये संख्या 108 मिलियन थी. डायबिटीज का ग्लोबल प्रसार 1980 के बाद से लगभग दोगुना हो गया है, जो वयस्क आबादी में 4.7% से बढ़कर 8.5% हो गया है. यह अधिक वजन या मोटापे जैसे संबंधित जोखिम कारकों में बढ़ोतरी को दर्शाता है. पिछले एक दशक में हाई इनकम वाले देशों की तुलना में लो और मध्यम आय वाले देशों में डायबिटीज का प्रसार तेजी से हुआ है. डायबिटीज के कारण अंधापन, किडनी फेल्योर, दिल का दौरा, स्ट्रोक जैसी बीमारियां हो सकती है. हेल्दी डाइट, शारीरिक गतिविधि और तंबाकू के सेवन से बचना टाइप 2 डायबिटीज को रोकने में मददगार साबित हो सकता है. डायबिटीज बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) मनाया जाता है.
क्या है डायबिटीज की बीमारी? (What Is The Disease Of Diabetes?)
डायबिटीज एक पुराना मर्ज है, जो तब होती है जब अग्न्याशय यानी Pancreas पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है, या जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है. इससे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है.
टाइप 1 मधुमेह (जिसे पहले इंसुलिन पर निर्भर या बचपन से शुरू होने वाले डायबिटीज के रूप में जाना जाता था) को इंसुलिन उत्पादन में कमी से पहचाना जाता है. टाइप 2 डायबिटीज शरीर द्वारा इंसुलिन के अप्रभावी उपयोग के कारण होता है. यह अक्सर शरीर के अतिरिक्त वजन और शारीरिक निष्क्रियता के कारण होता है.
वर्ल्ड डायबिटीज डे की थीम (World Diabetes Day 2021 Theme)
इस बार वर्ल्ड डायबिटीज डे की थीम डायबिटीज केयर तक पहुंच (Access To Diabetes Care) है. इंसुलिन की खोज के 100 साल बाद दुनिया भर में डायबिटीज से पीड़ित लाखों लोग अपनी डायबिटीज की ठीक से देखभाल नहीं कर पाते हैं. डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपनी स्थिति को मैनेज करने और जटिलताओं से बचने के लिए निरंतर देखभाल और सहायता की जरूरत होती है.
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भूलकर भी न करें ये गलती
डायबिटीज अंदर ही अंदर शरीर को खोखला कर देता है, साथ ही ये कई घातक बीमारियों का कारण हो सकता है. ऐसे में जरा सी असावधानी से ये बीमारी आपके लिए नासुर बन सकती है.
सुस्त भरी लाइफस्टाइल
सुस्ती भरी लाइफस्टाइल आम आदमी की सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक है. डायबिटीज के केस में ये और भी घातक है, क्योंकि इससे ना सिर्फ मोटापा बल्कि बल्ड शुगर भी तेजी से बढ़ाता है. इसलिए अपनी लाइफस्टाइल में हर दिन एक्सरसाइज करने का रुटीन बनाएं. शुरुआत में बहुत भारी एक्सरसाइज करने से बचें वरना ब्लड शुगर लेवल में गिरावट आ सकती है.
हाई कार्ब्स-लो फैट डाइट
अन्य पोषक तत्वों की तरह ही फैट भी आपकी डाइट का एक अहम हिस्सा होना चाहिए. कई लोग अपना वजन घटाने के चक्कर में डाइट से फैट को पूरी तरह से खत्म कर देते हैं और इस वजह उनके शरीर में हेल्दी फैट की भी कमी हो जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, डायबिटीज के मरीजों में हेल्दी फैट होना जरूरी है और इसे नट्स, सीड्स और शुद्ध तेल के जरिए लिया जा सकता है.
खाने के बीच ना हो लंबा गैप
अगर आपको डायबिटीज है, तो खाने के बीच का अंतर ज्यादा नहीं होना चाहिए, क्योंकि दो डाइट के बीच ज्यादा समय हो जाने से खाने की मात्रा बढ़ जाती है, ऐसे में ब्लड शुगर भी बढ़ने लगता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ डायबिटीज के मरीजों को थोड़ी-थोड़ी देर पर कुछ ना कुछ खाने की सलाह देते हैं. दो डाइट के बीच हेल्दी स्नैक्स लेने की कोशिश करनी चाहिए.
फलों से ना करें पूरी तरह परहेज
अधिकांश लोगों को ये गलतफहमी होती है कि डायबिटीज के मरीजों को फल नहीं खाना चाहिए क्योंकि उसमें नेचुरल शुगर होता है. लेकिन फलों से पूरी तरह परहेज ना करें और ना ही इसे बहुत ज्यादा खाएं. डायबिटीज में सीमित मात्रा में फलों का सेवन करना चाहिए. फलों को धीरे-धीरे अच्छे से चबाकर खाना सही रहता है.
ज्यादा स्ट्रेस ना लें
सेहत के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक तनाव लेना है. ये आपके हार्मोन, मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी बुरा असर डालता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज के मरीजों को तनाव से बिल्कुल दूर रहने की सलाह देते हैं. स्टडीज के अनुसार, स्ट्रेस ब्लड शुगर को बढ़ाता है और दिल के लिए भी खतरनाक होता है.
लें पर्याप्त नींद
नींद आराम देने के अलावे शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, सोते समय बॉडी के अंदर अधिकांश हार्मोनल संतुलित होते रहते हैं. इंसुलिन भी एक हार्मोन ही है. इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को अच्छी नींद लेनी बहुत जरूरी है.