भोपाल। देशभर में बुधवार को नहाय-खाय के साथ महापर्व छठ की शुरूआत हुई. ये त्योहार देशभर में 18 से 21 नवंबर तक मनाया जाएगा. राजधानी भोपाल में महापर्व मनाने के लिए 40 जगहों को चिन्हित किया गया है. हर साल शहर में भोजपुरी समाज द्वारा छठ पूजा का महापर्व मनाया जाता है. छठी मैया की कृपा पाने के लिए महिलाएं चार दिन तक व्रत रखती हैं और विधि-विधान के साथ पूजा करती हैं. भोजपुरी समाज की महिलाओं के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र उपवास होता है.
कोरोना गाइडलाइन के साथ हुई व्रत की शुरुआत
छठ का व्रत रखने वाली महिलाओं ने बताया कि कोरोना के चलते नहाय-खाय का नियम अपने घर पर ही पूरा किया. महिलाओं ने घर पर ही नहाय खाय के साथ पूजा की शुरुआत की. महिलाओं ने बताया कि आज सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहन कर छठ माई की पूजा की. आम दिनों में नहाय खाय का नियम नदी या घाट में स्नान करके होता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण महिलाओं ने नहाय खाय का नियम घर पर ही किया.
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इन नियमों के साथ चार दिन तक होगी छठी मैय्या की पूजा
छठ की पूजा पूरे विधि विधान के साथ चार दिन तक की जाएगी. पहले दिन नहाय खाय के बाद महिलाएं दूसरे दिन खरना बनाएंगी. वहीं छठ की शाम ढलते ही सूर्य को अर्ध्य दिया जायगा ओर फिर अगली सुबह उगते सूरज को अर्ध्य देने के साथ छठ पर्व का समापन किया जाएगा. माना जाता है कि छठ का व्रत रखने से संतान की प्राप्ति होती है और बच्चों से जुड़े कष्टों का निवारण भी होता है. छठ व्रत रखने वाली महिलाएं कहती है कि छठी मैय्या का व्रत रखने से सूर्य भगवान की कृपा बरसती है.
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राजधानी की इन जगहों पर होगी पूजा
राजधानी के कोलार, काली मंदिर, शीतला माता धाम, शाहपुरा तालाब, करोंद , अयोध्या बाय पास, खटला समेत 40 से ज्यादा जगहों पर पूजा होगी. वहीं छठ पूजा पर राजधानी के बड़े तालाब में 21,100 दीपों को प्रज्वलित कर प्रवाहित किया जाएगा. भोजपुरी एकता मंच की पांच हजार से ज्यादा महिलाएं अलग-अलग जगहों पर छठ की पूजा करेंगी.