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चलती ट्रेन में महिला को हुआ लेबर पेन, रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर ने कराई डिलीवरी, भड़का रेलवे

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 30, 2023, 3:06 PM IST

Updated : Dec 30, 2023, 3:30 PM IST

Woman Labor Pain In Train: एमपी के मैहर में चलती ट्रेन में एक महिला की डिलीवरी हुई. धार्मिक यात्रा पर जा रहे एक रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर ने मुस्लिम महिला का प्रसव कराया. जबकि रेलवे प्रशासन ने कोई मदद नहीं की.

Woman Labor Pain In Train
ट्रेन में महिला की डिलीवरी
चलती ट्रेन में महिला को हुआ लेबर पेन

भोपाल। राजधानी में रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर शैलेश लुनावत ने चलती ट्रेन में महिला की डिलीवरी कर एक मिसाल पेश की है. ट्रेन में दर्द से कराह रही महिला के लिए डॉ. लुनावत मसीहा बनकर आए. धार्मिक यात्रा पर जा रहे डॉ. लुनावत ने चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला का प्रसव कराया. जबकि इस दौरान रेलवे स्टाफ ने पीड़िता की कोई मदद नहीं की. जब डॉ. लुनावत ने पीड़िता की डिलीवरी कराई तो रेलवे प्रशासन धन्यवाद देने के बजाए उन पर ही बिफर गया.

ट्रेन में महिला को हुआ लेबर पेन: डॉ शैलेश लुनावत ने बताया कि कि 'मैं मुंबई मेल से परिवार के साथ एसी 3 कोच में जैन तीर्थ शिखरजी जा रहा था. ट्रेन करीब 5:00 बजे मैहर के पास पहुंची, तभी कुछ लोग चिल्लाने लगे की बोगी में कोई डॉक्टर है क्या. मैंने कहा क्या बात है, तो उन्होंने बताया कि हमारी बोगी में लोअर बर्थ पर एक प्रसूता दर्द से कराह रही है. तब डॉ. लुनावत को महिला के परिजन 28 साल की निकहत के पास ले गए. उसे लेबर पेन उठ रहा था. उन्होंने बताया कि मैंने रेलवे स्टाफ से कहा लेकिन उन्होंने कोई खास मदद नहीं की.

Woman Labor Pain In Train
महिला ने दिया स्वस्थ बच्ची को जन्म

ट्रेन में महिला की डिलीवरी: इसके बाद 108 एंबुलेंस से संपर्क किया तो पता चला कि अगले स्टेशन सतना पर एंबुलेंस मिल पाएगी. इस बीच महिला का दर्द और बढ़ गया. मैंने उसे अटेंड करने की ठानी. परिवार वालों की सहमति से उसे ट्रेन में ही डिलीवरी करने की बात कही. हमारे पास कोई भी मेडिकल औजार नहीं थे. सैनिटाइजर एक कैची ग्लब्स और कॉटन भी इत्तेफाक से मेरे पास था. ट्रेन में अन्य महिलाओं ने साथ दिया और ₹45 मिनट के संघर्ष के बाद निकहत ने लड़की को जन्म दिया. 6:00 बजे ट्रेन सतना पहुंची, तो एंबुलेंस बुलाकर महिला को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया.

डॉक्टर बोले मुझे खुशी है कि मैंने किसी की जान बचाई: लुनावत ने बताया कि महिला और बच्चे की जान बचाने की तो खुशी है ही पर रेलवे का रवैया हैरान करने वाला रहा. उन्होंने कहा रेलवे स्टाफ ने इस मामले में हमें बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं किया. ऊपर से टिकट चेकिंग स्टाफ सिर्फ इस बात पर हमने नाराज हो गया कि आपने महिला के साथ हमारा कंबल चादर दे दिया. ऐसी स्थिति में हम महिला और उसके बच्चे को खुले में एंबुलेंस तक नहीं भेज सकते थे.

यहां पढ़ें...

कौन हैं डॉक्टर शैलेश लुनावत: डॉक्टर शैलेश लुनावत भोपाल में वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट हैं. वह समय-समय पर लोगों की मदद के लिए जाने जाते हैं. वे गरीबों के लिए कैंपेन भी चलाते रहते हैं और कई बार अपने सेंटर पर गरीब और जरूरतमंदों की फ्री रेडियोलॉजी भी करते हैं. आपको बता दें की शैलेश लुणावत के भाई विजेश लुनावत बीजेपी पदाधिकारी रहे हैं. उन्हें कोरोना के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी थी.

चलती ट्रेन में महिला को हुआ लेबर पेन

भोपाल। राजधानी में रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर शैलेश लुनावत ने चलती ट्रेन में महिला की डिलीवरी कर एक मिसाल पेश की है. ट्रेन में दर्द से कराह रही महिला के लिए डॉ. लुनावत मसीहा बनकर आए. धार्मिक यात्रा पर जा रहे डॉ. लुनावत ने चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला का प्रसव कराया. जबकि इस दौरान रेलवे स्टाफ ने पीड़िता की कोई मदद नहीं की. जब डॉ. लुनावत ने पीड़िता की डिलीवरी कराई तो रेलवे प्रशासन धन्यवाद देने के बजाए उन पर ही बिफर गया.

ट्रेन में महिला को हुआ लेबर पेन: डॉ शैलेश लुनावत ने बताया कि कि 'मैं मुंबई मेल से परिवार के साथ एसी 3 कोच में जैन तीर्थ शिखरजी जा रहा था. ट्रेन करीब 5:00 बजे मैहर के पास पहुंची, तभी कुछ लोग चिल्लाने लगे की बोगी में कोई डॉक्टर है क्या. मैंने कहा क्या बात है, तो उन्होंने बताया कि हमारी बोगी में लोअर बर्थ पर एक प्रसूता दर्द से कराह रही है. तब डॉ. लुनावत को महिला के परिजन 28 साल की निकहत के पास ले गए. उसे लेबर पेन उठ रहा था. उन्होंने बताया कि मैंने रेलवे स्टाफ से कहा लेकिन उन्होंने कोई खास मदद नहीं की.

Woman Labor Pain In Train
महिला ने दिया स्वस्थ बच्ची को जन्म

ट्रेन में महिला की डिलीवरी: इसके बाद 108 एंबुलेंस से संपर्क किया तो पता चला कि अगले स्टेशन सतना पर एंबुलेंस मिल पाएगी. इस बीच महिला का दर्द और बढ़ गया. मैंने उसे अटेंड करने की ठानी. परिवार वालों की सहमति से उसे ट्रेन में ही डिलीवरी करने की बात कही. हमारे पास कोई भी मेडिकल औजार नहीं थे. सैनिटाइजर एक कैची ग्लब्स और कॉटन भी इत्तेफाक से मेरे पास था. ट्रेन में अन्य महिलाओं ने साथ दिया और ₹45 मिनट के संघर्ष के बाद निकहत ने लड़की को जन्म दिया. 6:00 बजे ट्रेन सतना पहुंची, तो एंबुलेंस बुलाकर महिला को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया.

डॉक्टर बोले मुझे खुशी है कि मैंने किसी की जान बचाई: लुनावत ने बताया कि महिला और बच्चे की जान बचाने की तो खुशी है ही पर रेलवे का रवैया हैरान करने वाला रहा. उन्होंने कहा रेलवे स्टाफ ने इस मामले में हमें बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं किया. ऊपर से टिकट चेकिंग स्टाफ सिर्फ इस बात पर हमने नाराज हो गया कि आपने महिला के साथ हमारा कंबल चादर दे दिया. ऐसी स्थिति में हम महिला और उसके बच्चे को खुले में एंबुलेंस तक नहीं भेज सकते थे.

यहां पढ़ें...

कौन हैं डॉक्टर शैलेश लुनावत: डॉक्टर शैलेश लुनावत भोपाल में वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट हैं. वह समय-समय पर लोगों की मदद के लिए जाने जाते हैं. वे गरीबों के लिए कैंपेन भी चलाते रहते हैं और कई बार अपने सेंटर पर गरीब और जरूरतमंदों की फ्री रेडियोलॉजी भी करते हैं. आपको बता दें की शैलेश लुणावत के भाई विजेश लुनावत बीजेपी पदाधिकारी रहे हैं. उन्हें कोरोना के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी थी.

Last Updated : Dec 30, 2023, 3:30 PM IST
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