भोपाल। पंडित प्रदीप मिश्रा क्या 2023 के विधानसभा चुनाव में एमपी में किसी दल के कैटेलिस्ट के तौर पर काम करते दिखाई देंगे. खास तौर पर मालवा निमाड़ में पंडित प्रदीप मिश्रा के लिए जनमानस में बनी आस्था के राजनीतिकरण की संभावनाएं बढ़ गई हैं क्या.विवादित बयानों के लिए मशहूर रहे प्रदीप मिश्रा अचानक राजनीतिक बयानों के साथ क्यों सामने आ रहे हैं. पहले हर घर से संघ और बजरंग दल में नौजवानों को भेजने का बयान और फिर पठान के विरोध में कश्मीर का जिक्र क्या कथा के सहारे कोई नहीं सियासी कहानी तैयार कर रहे हैं. क्या धर्म के बाद अब राजनीति के मैदान को पकड़ने की है तैयारी.कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शुरुआत कहां से हुई.दिए कौन से विवादित बयान. सीहोर के माहेश्वरी मोहल्ले से शुरु हुई यात्रा में क्या है पंडित प्रदीप मिश्रा के फर्श से अर्थ तक पहुंचने की कहानी. (what is story of political statement in shiv katha)
मालवा निमाड़ में घर-घर पंडित जी के अनुयायीः यूं तो अब पंडित प्रदीप मिश्रा की ख्याति पूरे देश में है. लेकिन मध्यप्रदेश का मालवा निमाड़ वो इलाका है, जहां पंडित जी के अनुयायियों की तादात सबसे ज्यादा. अकेले इंदौर शहर में ही बीते दो वर्ष में वो 6 से 7 कथाएं कर चुके हैं. भक्तों में उनकी लोकप्रियता देखते हुए ही कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों के विधायक अपने क्षेत्रों में उनकी कथा कराते रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के अलावा विधायक जीतू पटवारी विधायक, संजय शुक्ला ने भी इंदौर में उनकी कथा कराई है. कथा के साथ चुटीले मालवी संवाद की वजह से वो इस इलाके के आम आदमी से बहुत जल्दी कनेक्ट कर जाते हैं. अभी तक उनकी ज्यादा कथाएं भी सीहोर के अलावा मंदसौर इंदौर में ही हुई हैं. बैतूल में संघ और बजरंग दल के समर्थन में दिए गए बयान के बाद अब सवाल ये भी उठने लगा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर क्या प्रदीप मिश्रा वाकई किसी पॉलीटिकल पार्टी के इन्फ्लुएंजर के बतौर दिखाई देंगे. या धर्म के साथ राजनीति के मैदान में उतरने की है तैयारी. (Pandit ji followers house to house in malwa Nimar)
शिव की भक्ति जगाकर कैसे भक्तों में बनाई पैठः पंडित प्रदीप मिश्रा मध्यप्रदेश के उन कथा वाचकों में से हैं, जिन्होंने बहुत कम समय में अपने अनुयायियों की तादात बहुत तेजी से बढ़ाई. कोरोना काल में जब हर तरफ लोग घरों में कैद थे. तब धार्मिक चैनल के जरिए पंडित प्रदीप मिश्रा ने घर-घर में महाशिवरात्रि पर विशिष्ट मांत्रिक अभिषेक करवाए. भक्तों में शिव की भक्ति के साथ ये विधान बताया कि अकेले शिव ही हैं, जो एक लोटा जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं. इस विशिष्ट मांत्रिक अभिषेक से लोगों में उनके लिए विश्वास जागा और आस्था बढ़ी. (How he awakening the devotion of Shiva)
सवा लाख अभिमंत्रित रुद्राक्ष बांटने के कार्यक्रम से बढ़े भक्तः पंडित प्रदीप मिश्रा ने फिर सीहोर में सवा लाख अभिमंत्रित रुद्राक्ष वितरित करने का कार्यक्रम रहा. सीहोर में भागवत कथा के दौरान उन्होंने कहा कि वे सवा लाख रुद्राक्ष अभिमंत्रित करेंगे और ये रुद्राक्ष भक्तो में बांटे जाएंगे. लेकिन हुआ ये कि कथा स्थल बमुश्किल तीस चालीस हजार लोगों के बैठने के लायक था. रुद्राक्ष के लिए प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से चार लाख से ऊपर भीड़ जुट गई. हालात ये बने की इंदौर भोपाल का हाइवे जाम हो गया था. प्रशासन को व्यवस्था करने पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष वितरण का कार्यक्रम रुकवाना पड़ा. इसके बाद रोते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वो कथा सुनने आए लोगों से रोते हुए कह रहे थे कि मुझे मजबूर किया गया है कथा को रोकने के लिए. आप लोग घर जाइए. इसके बाद बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पूर्व सीएम उमा भारती उन्हें मनाने पहुंचे थे. कांग्रेस से विधायक पीसी शर्मा भी पहुंचे थे और यहां से ही पंडित प्रदीप मिश्रा का कथा स्थल राजनीति का मैदान बना था पहली बार. (Devotees increased by the program of distribution of 1.25 lakh invited Rudraksh)
कथावाचक प्रदीप मिश्रा से जुड़े विवादः सबसे पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उनका एक वीडियो विवादों में आया था. जिसमें पंडित प्रदीप मिश्रा बिना पढ़ाई किए पास कराने की गारंटी दे रहे थे. उपाय बताते हुए प्रदीप मिश्रा इस वीडियो में कहते दिखाई देते हैं कि अगर आपको लग रहा है कि आपके बच्चे ने पढ़ाई नहीं की और वो पास नहीं होगा तो बेल पत्र के बीच वाली पत्ती पर शहद लगा लीजिए और शिवलिंग पर जाकर बच्चे के हाथ से उसे चिपकवा दीजिए. बच्चे ने भले कोई तैयारी नहीं की हो लेकिन वो पास हो जाएगा. बाद में पंडित प्रदीप मिश्रा के बेटे को लेकर भी इस तरह की खबरें आई कि वो आठवीं में फेल हो गया. (controversies related to narrator Pradeep Mishra)
मंदसौर के लिए कहा बेटियों को धंधे से मुक्त कराना हैः पंडित प्रदीप मिश्रा अशोक नगर में कथा कर रहे थे और उनकी इसके बाद मंदसौर में कथा थी. पंडित जी ने मंदसौर के लिए कहा कि वे वहां इसलिए जा रहे हैं कि ताकि वहां पर देह व्यापार करने वाली बहन बेटियों को इस गंदे धंधे से मुक्त करा सकें. इस पर जब बहुत विरोध हुआ तो उहें माफी मांगनी पड़ी.
करवा चौथ व्रत को लेकर महिलाओं का मजाकः पडित प्रदीप मिश्रा ने मंदसौर में ही महिलाओं के व्रत को लेकर मजाक बनाया था. और कहा था कि तुम्हारे एक दिन भूखा रहने से पति की उम्र नहीं बढ़ेगी क्योंकि तुम एक दिन भूखा रहती हो बाकी के दिन पति के प्राण खाती हो. (Will Pandit Pradeep Mishra enter politics after religion)
तुलसीदास को कह चुके हैं गंवारः इतना ही नहीं पंडित प्रदीप मिश्रा अपनी कथा के दौरान संत तुलसीदास को गंवार कह चुके हैं. उन्होंने शिवमहापुराण की कथा के दौरान कहा कि मैं तो कुछ भी नहीं हूं. मैं तो तुलसी दास जी के समान गंवार हूं. (what is story of political statement in shiv katha)
इंदौर में कहा मदिरा दुकान पर छोरे कम छोरियां ज्यादाः विवादित बयान इंदौर में भी दिया था पंडित प्रदीप मिश्रा ने. उन्होंने कहा था कि इंदौर में मदिरा की दुकान पर छोरे कम और छोरियां ज्यादा दिखाई देती हैं. यह मेरे इंदौर की बेटियां नहीं हो सकती. (what is story of political statement in shiv katha)
सीहोर में मनोरमा देवी के घर पढ़ी थी पहली कथाः सीहोर में मध्यमवर्गीय परिवार में जन्में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कभी शादियो में वीडियोग्राफी भी की है, और दूध ब्रेड भी बेची है. कथावाचन की शुरुआत तब हुई जब माहेश्वरी समाज के चांडक वाली मनोरमा देवी के घर श्रीमद भागवत कथा सुनाने पंडित प्रदीप मिश्रा पहुंचे. माता मनोरमा देवी के आग्रह पर उनकी ये पहली कथा थी. फिर माहेश्वरी समाज में कई महीनों तक कथा करने लगे. फिर पंडित प्रदीप मिश्रा तिलक उत्सव और गोकूल उत्सव महाराज के सानिध्य में आए. इसके बाद उन्होने वैष्णव संप्रदाय धारण कर लिया. वैष्णव समाज की कथाएं शुरु कर दी. इंदौर में राखोड़ी वाले सेठ के यहां जब पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा की तो जो गाड़ी उनको छोड़ने आई थी. वही गाड़ी टाटा सफारी उन्हे जजमान ने भेंट कर दी थी. (Will Pandit Pradeep Mishra enter politics after religion)