भोपाल। कोविड-19 संक्रमण की वजह से राजधानी में कई लोगों की जान जा चुकी हैं, तो वहीं अभी भी यह संक्रमण लगातार अपने पैर राजधानी में पसार रहा है, लेकिन राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस का असर ज्यादातर गैस पीड़ित मरीजों के ऊपर दिखाई दिया है. राजधानी में जिन लोगों की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हुई है, उसमें से ज्यादातर लोग गैस पीड़ित हैं. यही वजह है कि अब प्रशासन ने भी इस मामले में गंभीरता दिखाई है और जिन क्षेत्रों में गैस पीड़ित रह रहे हैं, वहां पर विशेष कैंप लगाए जाने की योजना तैयार की गई है.
गैस पीड़ितों की स्क्रीनिंग के लिए गैस प्रभावित क्षेत्रों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे. कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने इस संबंध में स्मार्ट सिटी आफिस में बैठक लेकर संबंधित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि, ऐसे सभी व्यक्ति जो गैस पीड़ित हैं और जिनकी आयु 60 से ऊपर है उन सभी को विशेष निगरानी में रखने की आवश्यकता है .
बैठक के दौरान कलेक्टर ने बताया है कि, गैस पीड़ित व्यक्तियों का इम्यून सिस्टम कमजोर है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ऐसे सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जावे और आवश्यकता पड़ने पर इन सभी का सैंपल लिये जाए. इसके लिए 21 से अधिक जगहों पर विशेष कैंप आयोजन किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.
कलेक्टर ने दिए जरूरी निर्देश
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि, भोपाल में गैस प्रभावित लोगों की काफी बड़ी संख्या है. ऐसे लोग जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है. और वो किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उनको विशेष सुरक्षा की जरूरत है. ऐसे लोग परिवार में सबसे दूर रहें. सर्दी खासी वाले मरीजों से दूर रहें, घर से ना निकले और लॉकडाउन का पालन करें. इन सभी व्यक्तियों को विशेष निगरानी के लिए इन सभी की स्क्रीनिंग किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए सभी संबंधित विभागों में 21 जगहों को चिन्हित कर कैंप लगाए जाएंगे.
ये अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में एडीएम सतीश कुमार एस, गैस राहत अस्पताल के सीएमओ एवं गैस पीड़ित एक्टिविस्ट रचना ढींगरा, सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी, डॉ. रवि वर्मा, केके दुबे, आर आर तिवारी, संचालक राष्ट्रीय रिसर्च पर्यावरण स्वस्थ संस्थान समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे, इसके अलावा अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे.