भोपाल। भले ही शिवराज सिंह और उनके परिवार को डंपर कांड से अदालत के रास्ते मुक्ति मिल गई हो, लेकिन आए दिन उन्हें डंपर का भूत परेशान करता रहता है. मध्यप्रदेश की राजनीति में डंपर की चर्चा फिर से जोरों पर है.
डंपर कांड में क्लीन चिट मिलने के बाद भी शिवराज सिंह को सता रहा डंपर का भूत
डंपर मुद्दा फिर से सुर्खियां बटोर रहा है. जहां शिवराज मीडिया के सवालों से बचते नजर आ रहे हैं, वहीं बीजेपी के अध्यक्ष ये कहकर किनारा कर लेते है कि जब कांग्रेस हमारा सामना नहीं कर पाती हैं तो अधिकारियों को आगे कर देती है.
डंपर ने फिर बटौरी सुर्खियां
भोपाल। भले ही शिवराज सिंह और उनके परिवार को डंपर कांड से अदालत के रास्ते मुक्ति मिल गई हो, लेकिन आए दिन उन्हें डंपर का भूत परेशान करता रहता है. मध्यप्रदेश की राजनीति में डंपर की चर्चा फिर से जोरों पर है.
Intro:भोपाल। भले ही शिवराज सिंह और उनके परिवार को डंपर कांड से अदालत के रास्ते मुक्ति मिल गई हो। लेकिन आए दिन उन्हें डंपर का भूत परेशान करता रहता है। मप्र की राजनीति में डंपर की चर्चा फिर से जोरों पर है। दरअसल पिछले दिनों रीवा नगर निगम के कमिश्नर सभाजीत यादव ने शिवराज सिंह के उन पर लगाए गए आरोपों को लेकर उन्हें एक पत्र लिखा था। जिसमें तमाम आरोपों का जवाब देने के बाद उन्होंने इशारों ही इशारों में शिवराज सिंह के डंपर का उल्लेख किया था। जब इस मामले पर मीडिया ने शिवराज सिंह से सवाल पूछा तो वह टाल गए और मप्र बीजेपी के अध्यक्ष ने यह कहकर किनारा कर लिया कि कांग्रेस जब हमारा सामना नहीं कर पाती है। तो अधिकारियों को आगे करती है। इस मामले में मप्र कांग्रेस का कहना है कि डंपर का नाम सुनते ही भाजपा नेताओं की असहजता से ऐसा लगता है कि जैसे चोर की दाढ़ी में तिनका।
Body:दरअसल प्रदेश की राजनीति में फिर से डंपर कांड चर्चा में आने की वजह रीवा नगर निगम के कमिश्नर सभाजीत सिंह यादव हैं। सभाजीत सिंह यादव जब चर्चा में आए थे,जब उन्होंने सरकार की योजना के तहत ईडब्ल्यूएस मकानों के आवंटन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला पर करीब 5 करोड़ की रिकवरी निकाल दी थी। इसके बाद बीजेपी इतनी नाराज हुई कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद रीवा पहुंचे और उन्होंने रीवा नगर निगम के कमिश्नर पर कांग्रेस के इशारे पर काम करने का और उनकी बीवी पर कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने की बात कही। इस बात से नाराज नगर निगम कमिश्नर ने उनके लगाए आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा और अंत में उन्होंने लिखा कि मेरे पास कुछ लोग आए थे।जिन्होंने एक जगह साफ कराने के लिए कहा था और मुझे बताया गया था कि वहां आपकी पत्नी के डंपर रखे जाने हैं। इस एक लाइन के चलते पूरा मुद्दा एक तरफ हो गया और प्रदेश की सियासत में डंपर कांड फिर से सुर्खियों में आ गया।इस मामले में जब शिवराज सिंह से सवाल पूछा गया तो वह टाल गए और जब मप्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से पूछा गया। तो उन्होंने उल्टे कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जब कांग्रेस हमारा सामना नहीं कर पाती है। तो अधिकारियों को आगे कर देती है।
Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे का कहना है कि आखिर डंपर का नाम सुनकर भाजपा इतना सहज क्यों हो जाती है। शिवराज सिंह ने तो प्रतिक्रिया तक नहीं दी। उन्होंने अपने पत्र में इतना ही लिखा है कि कुछ लोगों ने आग्रह किया था कि जो डंपर रखने का स्थान है, उसे आप साफ करवा दें। आप उस बयान को खारिज करिए। मुझे लगता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका, इसलिए प्रश्न सुनते ही असहज हो जाते हैं ।
Body:दरअसल प्रदेश की राजनीति में फिर से डंपर कांड चर्चा में आने की वजह रीवा नगर निगम के कमिश्नर सभाजीत सिंह यादव हैं। सभाजीत सिंह यादव जब चर्चा में आए थे,जब उन्होंने सरकार की योजना के तहत ईडब्ल्यूएस मकानों के आवंटन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला पर करीब 5 करोड़ की रिकवरी निकाल दी थी। इसके बाद बीजेपी इतनी नाराज हुई कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद रीवा पहुंचे और उन्होंने रीवा नगर निगम के कमिश्नर पर कांग्रेस के इशारे पर काम करने का और उनकी बीवी पर कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने की बात कही। इस बात से नाराज नगर निगम कमिश्नर ने उनके लगाए आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा और अंत में उन्होंने लिखा कि मेरे पास कुछ लोग आए थे।जिन्होंने एक जगह साफ कराने के लिए कहा था और मुझे बताया गया था कि वहां आपकी पत्नी के डंपर रखे जाने हैं। इस एक लाइन के चलते पूरा मुद्दा एक तरफ हो गया और प्रदेश की सियासत में डंपर कांड फिर से सुर्खियों में आ गया।इस मामले में जब शिवराज सिंह से सवाल पूछा गया तो वह टाल गए और जब मप्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से पूछा गया। तो उन्होंने उल्टे कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जब कांग्रेस हमारा सामना नहीं कर पाती है। तो अधिकारियों को आगे कर देती है।
Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे का कहना है कि आखिर डंपर का नाम सुनकर भाजपा इतना सहज क्यों हो जाती है। शिवराज सिंह ने तो प्रतिक्रिया तक नहीं दी। उन्होंने अपने पत्र में इतना ही लिखा है कि कुछ लोगों ने आग्रह किया था कि जो डंपर रखने का स्थान है, उसे आप साफ करवा दें। आप उस बयान को खारिज करिए। मुझे लगता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका, इसलिए प्रश्न सुनते ही असहज हो जाते हैं ।
Last Updated : Nov 17, 2019, 10:51 PM IST