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कोरोना, फ्लू और जुकाम में क्या है अंतर, कैसे पता चलेगा आपको हुआ क्या है ? - फ्लू और जुकाम में क्या है अंतर

कोल्ड फ्लू और कोविड-19 तीनों अलग-अलग तरह के वायरस से होने वाली बीमारियां हैं, लेकिन सभी के लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं. ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि आखिर इंसान किस बीमारी का शिकार है. ऐसे में डॉक्टर की क्या सलाह है.पढ़िए पूरी खबर...

difference between common cold and flu
कॉमन कोल्ड और फ्लू में क्या है फर्क
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Published : Oct 31, 2020, 3:31 PM IST

भोपाल । कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों के बाद लोगों में इस वायरस को लेकर खौफ भी बढ़ रहा है. इस वायरस के लक्षण सामान्य फ्लू से मिलते-जुलते हैं. जिस वजह से हल्का-फुल्का सर्दी जुखाम या नॉर्मल फ्लू होने पर भी लोग घबरा जा रहे हैं. बदलते मौसम के कारण होने वाली बीमारियां भी खांसी और जुखाम से ही शुरू होती हैं. जिस वजह से लोग सामान्य फ्लू और कोरोना वायरस के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं.

कॉमन कोल्ड और फ्लू में क्या है फर्क

कॉमन कोल्ड और फ्लू में क्या है फर्क

कई बार ये पता लगाना आसान नहीं होता है कि मरीज इन्फ्लुएंजा (फ्लू) से पीड़ित है या कॉमन कोल्ड से. जुखाम होने पर ज्यादातर गले में खराश होती है और नाक बहने लगती है. इसके दो-तीन दिन बाद खांसी शुरू होती है, साथ ही कई दिनों तक लोग सिर में दर्द और बुखार से परेशान रहते हैं. इससे कमजोरी महसूस होती है. लेकिन कॉमन कोल्ड कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है. इसके विपरीत फ्लू को ठीक होने में वक्त लगता है. कमजोरी के साथ-साथ इसमें सिर और मांसपेशियों में भी दर्द होता है. एक्सपर्ट का कहना है कि आम फ्लू और कोरोना के लक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है. ये जानना बेहद जरूरी है कि लक्षण केवल कोल्ड और फ्लू है या कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं.

Symptoms of corona
कोरोना के लक्षण

कोरोना के प्रति लापरवाही न बरतें

ठंड के मौसम में बच्चे फ्लू की चपेट में जल्दी आ जाते हैं. हालांकि ये मौसमी फ्लू कुछ दिनों में अपने आप चला जाता है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. डॉक्टर जेपी. पालीवाल का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रति हम लापरवाह न बने लेकिन साथ ही इससे डरना भी नहीं है. जब भी व्यक्ति को सर्दी, जुखाम बुखार होता है तो वह चिकित्सीय राय लें और लक्षण के आधार पर देख लें कि कहीं कोरोना संक्रमण तो नहीं है. सामान्य बुखार 3 से लेकर 7 दिन में चला जाता है लेकिन अगर इसके बाद भी भ्रम की स्थिति बनी है तो जरूरी चिकित्सकीय परामर्श लें .

cold-flu
कोल्ड फ्लू

शासकीय स्कूलों में खुले संजीवनी क्लीनिक, लेकिन छात्रों को सता रहा कोरोना का डर

मौसमी बीमारियों और कोरोना संक्रमण के लक्षणों में अंतर

कोरोना वायरस संक्रमण और अन्य मौसमी बीमारियों में अंतर कैसे किया जा सकता है. इस बारे में विशेषज्ञ डॉक्टर जे.पी. पालीवाल का कहना है अभी की परिस्थिति में आम आदमी के लिए सामान्य बुखार और कोरोना वायरस में अंतर कर पाना तब तक बहुत मुश्किल है जब तक कि वह चिकित्सकीय परामर्श ना लें. कोरोना और गैर कोरोना में बहुत से लक्षण एक जैसे होते हैं.

सर्दी-खांसी, जुखाम के अलावा अगर सांस की तकलीफ ज्यादा है, सुगन्ध करने की क्षमता और स्वाद चला गया है, शरीर में बहुत ज्यादा जकड़न और दर्द बना हुआ है और बुखार बार-बार जाकर आ रहा है तो व्यक्ति को कोरोना को प्राथमिकता देनी चाहिए.

क्या हैं कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना संक्रमण के लक्षणों में सूखी खांसी, गले में खराश,बुखार आना, बदन दर्द, दस्त लगना, अपच होना शामिल है. कई लोगों में नींद ना आना और जी मचलाना जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं. इसके साथ ही सबसे बड़ा लक्षण है -स्वाद और सुगंध का ना आना. कोरोना संक्रमण के कम लक्षण वाले मरीज और मौसमी बुखार में लगभग यहीं लक्षण समान हैं.

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि लोग यह ध्यान रखें कि किसी भी तरह का बुखार आना जरूरी नहीं है कि वह कोरोना वायरस संक्रमण हो. कोरोना संक्रमण में व्यक्ति के स्वाद और सुगंध की क्षमता बहुत कम हो जाती हैं. यह एक मुख्य लक्षण है जिस पर ध्यान देकर यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति को कोरोना वायरस संक्रमण है या नहीं.

फीवर क्लीनिक में बढ़ी मरीजों की संख्या

राजधानी भोपाल में अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां सामान्य बुखार और सर्दी जुकाम के मरीज कोरोना वायरस के डर के कारण कोविड-19 जांच कराने पहुंच रहे हैं. अब पहले की तुलना के करीब 35-40 प्रतिशत ज्यादा लोग फीवर क्लीनिक पर पहुंच रहे हैं. ऐसे मरीजों के लिए शहर में करीब 46 फीवर क्लिनिक्स बनाए गए हैं. जहां जरूरत पड़ने पर कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लिए जाते हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया प्रोटोकॉल

इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी मौसमी बीमारियों को लेकर प्रोटोकॉल जारी किया है कि मौसमी बीमारी का इलाज कैसे करना है, इनके सैंपल किस तरह से लिए जाएंगे और मरीजों का इलाज कोरोना वायरस से अलग किस तरह से किया जा रहा है.

भोपाल । कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों के बाद लोगों में इस वायरस को लेकर खौफ भी बढ़ रहा है. इस वायरस के लक्षण सामान्य फ्लू से मिलते-जुलते हैं. जिस वजह से हल्का-फुल्का सर्दी जुखाम या नॉर्मल फ्लू होने पर भी लोग घबरा जा रहे हैं. बदलते मौसम के कारण होने वाली बीमारियां भी खांसी और जुखाम से ही शुरू होती हैं. जिस वजह से लोग सामान्य फ्लू और कोरोना वायरस के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं.

कॉमन कोल्ड और फ्लू में क्या है फर्क

कॉमन कोल्ड और फ्लू में क्या है फर्क

कई बार ये पता लगाना आसान नहीं होता है कि मरीज इन्फ्लुएंजा (फ्लू) से पीड़ित है या कॉमन कोल्ड से. जुखाम होने पर ज्यादातर गले में खराश होती है और नाक बहने लगती है. इसके दो-तीन दिन बाद खांसी शुरू होती है, साथ ही कई दिनों तक लोग सिर में दर्द और बुखार से परेशान रहते हैं. इससे कमजोरी महसूस होती है. लेकिन कॉमन कोल्ड कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है. इसके विपरीत फ्लू को ठीक होने में वक्त लगता है. कमजोरी के साथ-साथ इसमें सिर और मांसपेशियों में भी दर्द होता है. एक्सपर्ट का कहना है कि आम फ्लू और कोरोना के लक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है. ये जानना बेहद जरूरी है कि लक्षण केवल कोल्ड और फ्लू है या कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं.

Symptoms of corona
कोरोना के लक्षण

कोरोना के प्रति लापरवाही न बरतें

ठंड के मौसम में बच्चे फ्लू की चपेट में जल्दी आ जाते हैं. हालांकि ये मौसमी फ्लू कुछ दिनों में अपने आप चला जाता है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. डॉक्टर जेपी. पालीवाल का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रति हम लापरवाह न बने लेकिन साथ ही इससे डरना भी नहीं है. जब भी व्यक्ति को सर्दी, जुखाम बुखार होता है तो वह चिकित्सीय राय लें और लक्षण के आधार पर देख लें कि कहीं कोरोना संक्रमण तो नहीं है. सामान्य बुखार 3 से लेकर 7 दिन में चला जाता है लेकिन अगर इसके बाद भी भ्रम की स्थिति बनी है तो जरूरी चिकित्सकीय परामर्श लें .

cold-flu
कोल्ड फ्लू

शासकीय स्कूलों में खुले संजीवनी क्लीनिक, लेकिन छात्रों को सता रहा कोरोना का डर

मौसमी बीमारियों और कोरोना संक्रमण के लक्षणों में अंतर

कोरोना वायरस संक्रमण और अन्य मौसमी बीमारियों में अंतर कैसे किया जा सकता है. इस बारे में विशेषज्ञ डॉक्टर जे.पी. पालीवाल का कहना है अभी की परिस्थिति में आम आदमी के लिए सामान्य बुखार और कोरोना वायरस में अंतर कर पाना तब तक बहुत मुश्किल है जब तक कि वह चिकित्सकीय परामर्श ना लें. कोरोना और गैर कोरोना में बहुत से लक्षण एक जैसे होते हैं.

सर्दी-खांसी, जुखाम के अलावा अगर सांस की तकलीफ ज्यादा है, सुगन्ध करने की क्षमता और स्वाद चला गया है, शरीर में बहुत ज्यादा जकड़न और दर्द बना हुआ है और बुखार बार-बार जाकर आ रहा है तो व्यक्ति को कोरोना को प्राथमिकता देनी चाहिए.

क्या हैं कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना संक्रमण के लक्षणों में सूखी खांसी, गले में खराश,बुखार आना, बदन दर्द, दस्त लगना, अपच होना शामिल है. कई लोगों में नींद ना आना और जी मचलाना जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं. इसके साथ ही सबसे बड़ा लक्षण है -स्वाद और सुगंध का ना आना. कोरोना संक्रमण के कम लक्षण वाले मरीज और मौसमी बुखार में लगभग यहीं लक्षण समान हैं.

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि लोग यह ध्यान रखें कि किसी भी तरह का बुखार आना जरूरी नहीं है कि वह कोरोना वायरस संक्रमण हो. कोरोना संक्रमण में व्यक्ति के स्वाद और सुगंध की क्षमता बहुत कम हो जाती हैं. यह एक मुख्य लक्षण है जिस पर ध्यान देकर यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति को कोरोना वायरस संक्रमण है या नहीं.

फीवर क्लीनिक में बढ़ी मरीजों की संख्या

राजधानी भोपाल में अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां सामान्य बुखार और सर्दी जुकाम के मरीज कोरोना वायरस के डर के कारण कोविड-19 जांच कराने पहुंच रहे हैं. अब पहले की तुलना के करीब 35-40 प्रतिशत ज्यादा लोग फीवर क्लीनिक पर पहुंच रहे हैं. ऐसे मरीजों के लिए शहर में करीब 46 फीवर क्लिनिक्स बनाए गए हैं. जहां जरूरत पड़ने पर कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लिए जाते हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया प्रोटोकॉल

इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी मौसमी बीमारियों को लेकर प्रोटोकॉल जारी किया है कि मौसमी बीमारी का इलाज कैसे करना है, इनके सैंपल किस तरह से लिए जाएंगे और मरीजों का इलाज कोरोना वायरस से अलग किस तरह से किया जा रहा है.

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