भोपाल| राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पिछले तीन सालों से लगातार कवायद चल रही है. राजधानी के टीटी नगर क्षेत्र में स्मार्ट सिटी को बनाने के लिए शासकीय मकानों को भी खाली करवाया जा चुका है. इन सभी मकानों को तोड़कर नए सिरे से काम शुरू कर दिया गया है. अब सवाल उठ रहा है कि स्मार्ट सिटी बनाने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है, वे अपने ही ऑफिस की छत को ठीक ढंग से नहीं बनवा पाए हैं, तो फिर भोपाल को किस तरह से स्मार्ट सिटी बनाएंगे. राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा स्थित स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यालय में इमारत की छत से पिछले कुछ दिनों से लगातार पानी रिस रहा है.
स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यालय में एयर कूलर लगाए गए हैं और इसके ठीक ऊपर छत पर काफी मात्रा में पानी भरा हुआ है. ये पानी एयर कूलर के माध्यम से पूरे ऑफिस में भर गया है. ऑफिस में मौजूद लोग कंप्यूटर और अन्य सामान को हटाकर उन्हें सुरक्षित करने का प्रयास करते रहते हैं. पानी फर्श पर नहीं फैले, इसके लिए स्मार्ट सिटी ऑफिस में जगह-जगह बाल्टियां रखी गई हैं. स्मार्ट सिटी की आलीशान इमारत में कार्यालय के अंदर इस तरह से पानी गिरने पर अब स्मार्ट सिटी ऑफिस की किरकिरी भी हो रही है. इस इमारत की पहली मंजिल पर 300 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश के सभी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर संचालित किए जाते हैं, जबकि सेकेंड फ्लोर पर आईटीईएम का संचालन होता है.
स्मार्ट सिटी ऑफिस में छत से गिरते हुए पानी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं अब कांग्रेस पार्षद भी सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. कांग्रेस पार्षद शबिस्ता जकी ने सोशल मीडिया पर इस पूरे मामले को लेकर लिखा है कि स्मार्ट सिटी कंपनी में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. यही वजह है कि कई करोड़ों से स्मार्ट सिटी कार्यालय को बनाया गया, लेकिन उसकी गुणवत्ता इतनी घटिया है कि बारिश का पानी कार्यालय के अंदर छत से रिस रहा है.