भोपाल। राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले के तार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात सहित कई राज्यों से जुड़े हैं. कई राज्यों में इन मामलों को लेकर एफआईआर भी दर्ज हुई हैं. इसलिए पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी को करनी चाहिए.
मामले को लेकर विवेक तंखा ने उठाए कई सवाल
- वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने पत्र के माध्यम से सवाल उठाए कि इंजेक्शन की सीमित उपलब्धता के बावजूद प्रदेश में इसकी भरपूर सप्लाई कैसे जारी हैं. इसका खुलासा होना चाहिए.
- प्रदेश के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर सहित कई जिलों में राज्य शासन द्वारा 100 से 500 की संख्या में रेमडेसिविर उपलब्ध कराए जा रहे थे, तो इन जिलों के सरकारी और निजी अस्पतालों में यह हजारों की संख्या में कैसे पहुंच रहे थे. अस्पताल में औसतन 100 से 200 इंजेक्शन दिए जा रहे थे, जबकि अस्पतालों द्वारा 300 से 500 की संख्या में यह इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए.
- इस मामले की जांच होनी चाहिए कि कोरोना मरीजों को कौन सा इंजेक्शन लगाया गया, असली या नकली ?. नकली इंजेक्शन से होने वाली मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा ?.
यह मामला अपराध की श्रेणी में आता हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय को पूरी पारदर्शिता के साथ सामने आकर प्रदेश की जनता को जवाब देना चाहिए. इस नकली खरीदी के तार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात सहित कई राज्यों से जुड़े हुए हैं.