भोपाल। ई-टेंडर घोटाले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निजी सहायक वीरेंद्र पांडे को जबलपुर हाईकोर्ट से राहत मिली है. वीरेंद्र पांडे की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. 6 शर्तों पर कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर की है.
6 शर्तों पर दी गयी जमानत
मंत्री नरोत्तम मिश्रा के करीबी वीरेंद्र पांडे जल संसाधन विभाग के टेंडरों में गड़बड़ी के आरोप में जेल में बंद थे. हाईकोर्ट ने 6 शर्तों पर पांडे को जमानत दी है, जिनमें पूछताछ में सहयोग करने, देश के बाहर न जाने और इस मामले में फंसे लोगों से किसी तरह का मेलजोल नहीं रखने, समेत कई शर्तें शामिल हैं.
मनोहर एमएन को भी मिली जमानत
इसके अलावा एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी बेंगलुरु के अधिकारी मनोहर एमएन की जमानत भी हाई कोर्ट ने मंजूर की है. उन पर एफआईआर दर्ज करने और पूछताछ करने के बाद ईओडब्ल्यू ने उन्हें गिरफ्तार किया था.
भोपाल कोर्ट से नहीं मिली थी जमानत
वीरेंद्र पांडे के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने जल संसाधन विभाग के टेंडरों में हुई गड़बड़ी में शामिल होने के आरोप में एफ आई आर दर्ज की थी और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. इस बीच कई दिनों तक वीरेंद्र पांडे को पुलिस रिमांड पर भी रखा गया और बाद में कोर्ट उन्हें जेल भेज दिया. हालांकि इस दौरान वीरेंद्र पांडे ने भोपाल जिला अदालत में भी जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन भोपाल कोर्ट से वीरेंद्र पांडे को जमानत नहीं मिली थी.