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शिवराज की तरह विंध्य को भी करना पड़ा 'विषपान', 24 विधायकों में से सिर्फ तीन बने मंत्री

शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद भाजपा में भारी असंतोष के सुर सुनाई दे रहे हैं. जिन नेताओं और जिन इलाकों के बीजेपी कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि उनके इलाके के नेता सरकार में मंत्री बनेंगे, लेकिन ज्यादातर लोगों को निराशा हासिल हुई है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन भी हो रहे हैं.

CM Shivraj
सीएम शिवराज
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Published : Jul 5, 2020, 9:45 AM IST

Updated : Jul 5, 2020, 11:54 AM IST

भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद भाजपा में भारी असंतोष के सुर सुनाई दे रहे हैं. जिन नेताओं और जिन इलाकों के बीजेपी कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि उनके इलाके के नेता सरकार में मंत्री बनेंगे, लेकिन ज्यादातर लोगों को निराशा हासिल हुई है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन भी हो रहे हैं. लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में विंध्य की उपेक्षा चौंकाने वाली है क्योंकि 33 मंत्री में से सिर्फ तीन मंत्री विंध्य क्षेत्र से बनाए गए हैं. जिसमें एक मंत्री कांग्रेस से बगावत करने वाले बिसाहूलाल सिंह हैं क्योंकि इनको उप चुनाव लड़ना है.

शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार में विंध्य क्षेत्र को मिले सिर्फ तीन मंत्री

विंध्य अंचल की 30 सीटों में से भाजपा 24 सीटें जीती थी. कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटें मिली थीं, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में विंध्य क्षेत्र से सिर्फ तीन मंत्री बनाए गए हैं. इन तीन मंत्रियों में मंत्रिमंडल गठन के वक्त मीना सिंह मंत्री बनीं थी, इसके अलावा पहले विस्तार में मंत्री बने रामखेलावन पटेल और कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल होने वाले बिसाहूलाल सिंह को मंत्री बनाया गया है. बिसाहूलाल सिंह को उप चुनाव लड़ना है, इसलिए उन्हें मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा विंध्य के 24 बीजेपी विधायकों में से सिर्फ 2 विधायकों को मंत्री बनाया गया है और 22 विधायक अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला, केदारनाथ शुक्ला के अलावा गिरीश गौतम जैसे दिग्गज नेताओं का नाम शामिल है.

विंध्य की उपेक्षा को लेकर नेताओं की नाराजगी भी देखने को मिल रही है. फिलहाल नेताओं को समझाइश दी गई है कि उपचुनाव के बाद फिर से मंत्रिमंडल का पुनर्गठन होगा तो क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखा जाएगा. इस बार ग्वालियर चंबल क्षेत्र में उपचुनाव की 16 सीटें होने के कारण वहां के नेताओं को मंत्रिमंडल में ज्यादा जगह दिया गया है. मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. सारे लोग इसकी निंदा कर रहे हैं, बीजेपी के लोग तक निंदा कर रहे हैं. जो लोग बड़ी-बड़ी बातें करके इस बात का आरोप लगाते थे कि कमलनाथ सब छिंदवाड़ा ले गए, यहां तो पूरा मंत्रिमंडल ग्वालियर में हाईजैक हो गया. 12 लोग केवल ग्वालियर चंबल क्षेत्र से मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं. जिन्होंने पूरी सरकार हाईजैक कर ली, वह लोग छिंदवाड़ा का आरोप लगाते थे, ये सत्ता का सबसे बड़ा दोमुंहापन है, जो सामने आ गया है. यह चेहरे दिखाई पड़ने लगे हैं.

इस बारे में मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि मैंने कहा कि नजरअंदाज किसी को नहीं किया है. थोड़ा थोड़ा इंतजार करिए, आगे आगे देखिए होता है क्या. बहुत जल्दी हर किसी को खुशखबरी मिलेगी.

भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद भाजपा में भारी असंतोष के सुर सुनाई दे रहे हैं. जिन नेताओं और जिन इलाकों के बीजेपी कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि उनके इलाके के नेता सरकार में मंत्री बनेंगे, लेकिन ज्यादातर लोगों को निराशा हासिल हुई है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन भी हो रहे हैं. लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में विंध्य की उपेक्षा चौंकाने वाली है क्योंकि 33 मंत्री में से सिर्फ तीन मंत्री विंध्य क्षेत्र से बनाए गए हैं. जिसमें एक मंत्री कांग्रेस से बगावत करने वाले बिसाहूलाल सिंह हैं क्योंकि इनको उप चुनाव लड़ना है.

शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार में विंध्य क्षेत्र को मिले सिर्फ तीन मंत्री

विंध्य अंचल की 30 सीटों में से भाजपा 24 सीटें जीती थी. कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटें मिली थीं, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में विंध्य क्षेत्र से सिर्फ तीन मंत्री बनाए गए हैं. इन तीन मंत्रियों में मंत्रिमंडल गठन के वक्त मीना सिंह मंत्री बनीं थी, इसके अलावा पहले विस्तार में मंत्री बने रामखेलावन पटेल और कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल होने वाले बिसाहूलाल सिंह को मंत्री बनाया गया है. बिसाहूलाल सिंह को उप चुनाव लड़ना है, इसलिए उन्हें मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा विंध्य के 24 बीजेपी विधायकों में से सिर्फ 2 विधायकों को मंत्री बनाया गया है और 22 विधायक अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला, केदारनाथ शुक्ला के अलावा गिरीश गौतम जैसे दिग्गज नेताओं का नाम शामिल है.

विंध्य की उपेक्षा को लेकर नेताओं की नाराजगी भी देखने को मिल रही है. फिलहाल नेताओं को समझाइश दी गई है कि उपचुनाव के बाद फिर से मंत्रिमंडल का पुनर्गठन होगा तो क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखा जाएगा. इस बार ग्वालियर चंबल क्षेत्र में उपचुनाव की 16 सीटें होने के कारण वहां के नेताओं को मंत्रिमंडल में ज्यादा जगह दिया गया है. मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. सारे लोग इसकी निंदा कर रहे हैं, बीजेपी के लोग तक निंदा कर रहे हैं. जो लोग बड़ी-बड़ी बातें करके इस बात का आरोप लगाते थे कि कमलनाथ सब छिंदवाड़ा ले गए, यहां तो पूरा मंत्रिमंडल ग्वालियर में हाईजैक हो गया. 12 लोग केवल ग्वालियर चंबल क्षेत्र से मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं. जिन्होंने पूरी सरकार हाईजैक कर ली, वह लोग छिंदवाड़ा का आरोप लगाते थे, ये सत्ता का सबसे बड़ा दोमुंहापन है, जो सामने आ गया है. यह चेहरे दिखाई पड़ने लगे हैं.

इस बारे में मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि मैंने कहा कि नजरअंदाज किसी को नहीं किया है. थोड़ा थोड़ा इंतजार करिए, आगे आगे देखिए होता है क्या. बहुत जल्दी हर किसी को खुशखबरी मिलेगी.

Last Updated : Jul 5, 2020, 11:54 AM IST
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