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केंद्र की आयुष्मान योजना को कमलनाथ के मंत्री ने बताया जुमला, बीजेपी बोली, फ्लॉप करने पर तुली कांग्रेस

कमलनाथ सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने केंद्र की आयुष्मान योजना को जुमला बताया है. इस पर पलटवार करते हुए विश्वास सारंग ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार केंद्र की योजनाओं को फ्लॉप करने की कोशिश कर रही है.

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Published : Jun 4, 2019, 8:32 PM IST

आयुष्मान योजना को कमलनाथ के मंत्री ने बताया जुमला

भोपाल| केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना के तहत राशि रिफंड नहीं होने से मध्यप्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है. मेडिकल कॉलेजों ने आयुष्मान योजना के तहत बड़ी राशि खर्च कर दी है, लेकिन उसकी तुलना में रिफंड हुई राशि नहीं के बराबर मिली है. लिहाजा इन कॉलेजों के सामने दूसरे खर्चों के लिए राशि का संकट पैदा होने लगा है. प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने योजना को केंद्र सरकार का जुमला बताया है. उधर बीजेपी आरोप लगा रही है कि कमलनाथ सरकार केंद्र की योजनाओं को फ्लॉप साबित करने के तरीके ढूंढ रही है.

कमलनाथ सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ के मुताबिक इंदौर मेडिकल कॉलेज ने इस योजना के तहत करीब डेढ़ करोड़ की राशि खर्च की है. एक करोड़ की रिफंड के एवज में मेडिकल कॉलेज को सिर्फ एक लाख रुपए मिला है. उनके मुताबिक सभी मेडिकल कॉलेज स्वशासी हैं और ऐसी स्थिति के चलते इन मेडिकल कॉलेजों को अपने दूसरे खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है.

आयुष्मान योजना को कमलनाथ के मंत्री ने बताया जुमला

मंत्री का कहना है कि वे जल्द ही सभी मेडिकल कॉलेजों की समीक्षा करेंगी. इस स्थिति को लेकर विजयलक्ष्मी साधौ ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये योजना जुमला साबित हो रही है. इस योजना को लेकर बीजेपी भी कांग्रेस पर लगातार पलटवार कर रही है. शिवराज सिंह सरकार में मंत्री रहे और मौजूदा विधायक विश्वास सारंग कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि जहां भी कांग्रेस की सरकार है, वहां केंद्र की योजनाओं को फ्लॉप करने की कोशिश की जा रही है और ऐसी ही स्थिति मध्यप्रदेश में भी हो रही है.

केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना शुरू की थी. इसके तहत 60 फीसदी हिस्सेदारी राज्य और 40 फीसदी राशि केंद्र सरकार को देनी है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में करीब 250 प्राइवेट हॉस्पिटल संचालित हो रहे हैं, जबकि प्रदेश भर में निजी कॉलेजों की संख्या करीब दो हजार है, लेकिन केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से प्रदेश के सिर्फ 86 हॉस्पिटल ही जुड़े हैं. प्रदेश के सभी 51 जिला अस्पताल, 35 सिविल हॉस्पिटल और 92 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में इस योजना का लोगों को लाभ मिल रहा है. इसी तरह सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबंधित हॉस्पिटलों में भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है.

भोपाल| केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना के तहत राशि रिफंड नहीं होने से मध्यप्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है. मेडिकल कॉलेजों ने आयुष्मान योजना के तहत बड़ी राशि खर्च कर दी है, लेकिन उसकी तुलना में रिफंड हुई राशि नहीं के बराबर मिली है. लिहाजा इन कॉलेजों के सामने दूसरे खर्चों के लिए राशि का संकट पैदा होने लगा है. प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने योजना को केंद्र सरकार का जुमला बताया है. उधर बीजेपी आरोप लगा रही है कि कमलनाथ सरकार केंद्र की योजनाओं को फ्लॉप साबित करने के तरीके ढूंढ रही है.

कमलनाथ सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ के मुताबिक इंदौर मेडिकल कॉलेज ने इस योजना के तहत करीब डेढ़ करोड़ की राशि खर्च की है. एक करोड़ की रिफंड के एवज में मेडिकल कॉलेज को सिर्फ एक लाख रुपए मिला है. उनके मुताबिक सभी मेडिकल कॉलेज स्वशासी हैं और ऐसी स्थिति के चलते इन मेडिकल कॉलेजों को अपने दूसरे खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है.

आयुष्मान योजना को कमलनाथ के मंत्री ने बताया जुमला

मंत्री का कहना है कि वे जल्द ही सभी मेडिकल कॉलेजों की समीक्षा करेंगी. इस स्थिति को लेकर विजयलक्ष्मी साधौ ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये योजना जुमला साबित हो रही है. इस योजना को लेकर बीजेपी भी कांग्रेस पर लगातार पलटवार कर रही है. शिवराज सिंह सरकार में मंत्री रहे और मौजूदा विधायक विश्वास सारंग कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि जहां भी कांग्रेस की सरकार है, वहां केंद्र की योजनाओं को फ्लॉप करने की कोशिश की जा रही है और ऐसी ही स्थिति मध्यप्रदेश में भी हो रही है.

केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना शुरू की थी. इसके तहत 60 फीसदी हिस्सेदारी राज्य और 40 फीसदी राशि केंद्र सरकार को देनी है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में करीब 250 प्राइवेट हॉस्पिटल संचालित हो रहे हैं, जबकि प्रदेश भर में निजी कॉलेजों की संख्या करीब दो हजार है, लेकिन केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से प्रदेश के सिर्फ 86 हॉस्पिटल ही जुड़े हैं. प्रदेश के सभी 51 जिला अस्पताल, 35 सिविल हॉस्पिटल और 92 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में इस योजना का लोगों को लाभ मिल रहा है. इसी तरह सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबंधित हॉस्पिटलों में भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है.

Intro:केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना के तहत राशि रिफंड ना होने से मध्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। मेडिकल कॉलेजों ने आयुष्मान योजना के तहत बड़ी राशि खर्च कर दी लेकिन उसकी तुलना में रिफंड हुई राशि ना के बराबर है। लिहाजा इन स्वशासी कॉलेजों के सामने दूसरे खर्चों के लिए राशि का संकट पैदा होने लगा है। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने योजना को केंद्र सरकार का जुमला बताया है उधर बीजेपी आरोप लगा रही है की कमलनाथ सरकार केंद्र की योजनाओं को फ्लॉप साबित करने के तरीके ढूंढ रही है।



Body:केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में अपनी महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना लॉन्च की थी। इसके तहत 60 फ़ीसदी हिस्सेदारी राज्य और 40 फ़ीसदी राशि केंद्र सरकार को उठाना है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में करीब ढाई सौ प्राइवेट हॉस्पिटल संचालित है जबकि प्रदेशभर में निजी कॉलेजों की संख्या करीब दो हजार है लेकिन केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से प्रदेश के सिर्फ 86 हॉस्पिटल ही जुड़े हैं। शुरुआत में इस योजना से जुड़े हॉस्पिटल ने इस योजना बाद में खुद को अलग कर लिया। हालांकि प्रदेश के सभी 51 जिला अस्पताल 35 सिविल हॉस्पिटल और 92 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में इस योजना का लोगों को लाभ मिल रहा है। इसी तरह सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबंधित हॉस्पिटलों में भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। हालांकि योजना को लेकर सरकारी मेडिकल कॉलेज परेशानी में आ गए हैं क्योंकि इस योजना के तहत मेडिकल कॉलेजों ने बड़ी राशि खर्च कर दी लेकिन उसका रिफंड नहीं हो पा रहा है। कमलनाथ सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधो के मुताबिक इंदौर मेडिकल कॉलेज ने ही इस योजना के तहत करीब डेढ़ करोड़ की राशि खर्च की है। एक करोड़ की रिफंड के एवज में मेडिकल कॉलेज को सिर्फ एक लाख रुपए मिला है। उनके मुताबिक सभी मेडिकल कॉलेज स्वशासी है और ऐसी स्थिति के चलते इन मेडिकल कॉलेजों अपने दूसरे खर्चों में परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे सभी मेडिकल कॉलेजों की समीक्षा करेंगी। इस स्थिति को लेकर वे मोदी सरकार पर निशाना भी साधती हैं उनका कहना है कि यह योजना जुमला साबित हो रही है। उधर इस योजना को लेकर बीजेपी भी कांग्रेस के खिलाफ मुखर हैं। शिवराज सिंह सरकार में मंत्री रहे और मौजूदा विधायक विश्वास सारंग कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहते हैं की जहां भी कांग्रेस की सरकार है वहां केंद्र की योजनाओं को फ्लॉप करने की कोशिश की जा रही है और ऐसी ही स्थिति मध्यप्रदेश में भी हो रही है।


Conclusion:उधर योजना को लेकर भले ही आरोप-प्रत्यारोप हो रही हो लेकिन बताया जाता है कि आयुष्मान भारत के तहत मध्यप्रदेश में 75 हजार 878 लोग लाभान्वित हो चुके हैं और इनके इलाज पर 33 करोड़ 17 लाख 67 हजार रुपए खर्च हो चुके हैं।
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