भोपाल। वंदे भारत ट्रेन में आग 17 जुलाई को बीना और कुरवाई के बीच लगी थी, बैटरी में शॉर्ट सर्किट के कारण वंदे भारत के 'C-14' कोच में आग लगी थी, तब ट्रेन रानी कमलापति से हजरत निजामउद्दीन के लिए जा रही थी. इसी बीच चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस में लग गई थी. इस घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, जिसमें सीनियर डिवीजनल सेफ्टी ऑफिसर, सीनियर डिवीजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, सीनियर डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर, सीनियर डिवीजनल ऑपरेशनल मैनेजर, सीनियर डीएससी (कमांडेट) को शामिल किया गया था. इस पूरी ट्रेन का टेक्निकल सेफ्टी ऑडिट दिल्ली में ही किया गया.
वंदे भारत एक्सप्रेस में शार्ट सर्किट से लगी थी आग: अब वंदे भारत में आग लगने वाली घटना को लेकर ऑफिसियल जांच रिपोर्ट सामने आ गई है, रेलवे की तरफ से अब तक इस मामले में कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने के लिए तैयारा नहीं है और न ही किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी किया गया है. रेलवे के अफसरों ने अनऑफिसियली बताया कि वे इसे जल्द ही जारी करेगें. हादसे के बाद हुई जांच में सेफ्टी और इलेक्ट्रिकल विंग के इंजीनियर्स की तकनीकी जांच में आग बैटरी बॉक्स में लगने के कुछ सबूत मिले थे, इनके अनुसार बैटरी में आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी है.
इनके अलावा रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई से जुड़े अफसरों ने भी आग लगने की वजह बैटरी अथवा केबल शॉर्ट होने को मुख्य कारण बताया है. भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों के अनुसार भी जांच में पता चला है कि बैटरी के आसपास शॉर्ट सर्किट के कारण यह आग लगी थी, हालांकि दावे के साथ इस बात को नहीं कहा जा रहा है. माना यह भी जा रहा है कि यह शॉर्ट सर्किट बैटरी के फॉल्ट होने अथवा केबल में आई खराबी के कारण हो सकता है, हादसे के बाद बैटरी बनाने वाली मेघा कंपनी के अधिकारियों को भी सूचित किया गया है.
Read More: |
मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट: गौरतलब है कि वंदे भारत ट्रेन में लीथियम आयरन फॉस्फेट बैटरी लगाई गई है, जिस खासतौर से वंदे भारत ट्रेन के लिए ही डिजाइन किया गया है. जिस कंपनी ने इसे बनाया है, उसका नाम मेधा है. अन्य ट्रेनों में भी इस बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन उसमें लेड एसिड होती हैं. भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कमेटी द्वारा की गई अनुशंसाओं पर रेलवे द्वारा उचित स्तर पर कार्यवाही की जा रही है. रेलवे की निगरानी में कम्पनी द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण अनुरक्षण किया जायेगा, जांच के उपरांत मंडल द्वारा विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है.
बता दें कि वंदे भारत में हर चार कोच के बीच एक बैटरी लगाई गई है और ऐसी एक वंदे भारत में कुल चार बैटरियां लगी हैं. इमरजेंसी में वंदे भारत के एक कोच को अलग नहीं किया जा सकता है, इसमें चार-चार कोच के ब्लॉक होते हैं.