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फ्री टीका लगवाओ-तबीयत बिगड़ी तो तुम जानो! आधी-अधूरी तैयारी से शुरू हुआ 'वैक्सीनेशन-महाअभियान'!

हर टीकाकरण केंद्र में एक किट तैयार कर रखने की बात की गई थी, जिसमें ऐनफ़लैक्सिस (An acute allergic reaction to an antigen-यानी साइड इफेक्ट) की अवस्था से निपटने के लिए कुछ इंजेक्शन, पानी चढ़ाने वाली ड्रिप और बाक़ी ज़रूरी समान का होना अनिवार्य बताया गया था, परंतु प्रदेश की राजधानी के टीकाकरण केन्द्रों की ईटीवी भारत ने जब पड़ताल की तो यहाँ किसी तरह के कोई इंतजाम नही दिखाई दिए.

Get a free vaccine - you know if your health deteriorates!
फ्री टीका लगवाओ-तबीयत बिगड़ी तो तुम जानो!
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Published : Jun 21, 2021, 12:49 PM IST

भोपाल। प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान कार्यक्रम की शुरुआत लगभग हर जगह हो चुकी है, पर महाअभियान में प्रशासन से जल्दबाजी में कुछ गलतियां भी हुई है, जैसे- टीका लगवाने के बाद व्यक्ति को 30 मिनट तक टीकाकरण केंद्र पर इंतज़ार करने के लिए कहा जाता है, ताकि किसी भी तरह के एडवर्स इफ़ेक्ट को मॉनिटर किया जा सके. हर टीकाकरण केंद्र में इससे निपटने के लिए एक किट तैयार रखने की बात की गई थी, जिसमें ऐनफ़लैक्सिस (An acute allergic reaction to an antigen यानी साइड इफेक्ट) की अवस्था से निपटने के लिए कुछ इंजेक्शन, सलाइन चढ़ाने वाली ड्रिप और बाक़ी ज़रूरी समान का होना अनिवार्य बताया गया था, परंतु प्रदेश की राजधानी के टीकाकरण केन्द्रों की ईटीवी भारत ने जब पड़ताल की तो यहाँ किसी तरह के कोई इंतजाम नही दिखाई दिए.

फ्री टीका लगवाओ-तबीयत बिगड़ी तो तुम जानो!

टीकाकरण केन्द्रों में नहीं है समुचित व्यवस्था

प्रदेश सरकार ने वैक्सीनेशन महाअभियान के लिये करोड़ो रूपये विज्ञापन व प्रचार-प्रसार में खर्च किये, पर 2 रुपये की पैरासिटामॉल दवा की व्यवस्था नहीं कर पाई. परंतु कुछ अस्पतालों को छोड़कर किसी भी सेंटर पर टीकाकरण कराने वाले व्यक्ति के साथ कोई साइड इफेक्ट होने की दशा में किसी तरह की कोई मेडिकल व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा जिस व्यक्ति को टीका लग रहा है,उसे बाद में बुखार आदि आने की हालत में दी जाने वाली सामान्य पैरासिटामॉल की गोली उपलब्ध कराई जानी चाहिए, पर किसी भी केन्द्र पर यह दवा मुहैया नहीं कराई जा रही है.

बीते 15 दिनों से है यही हाल

पिछले 15 दिनों से जब भी टीकाकरण शिविरों का आयोजन किया गया वहां टीकाकरण कराने वाले व्यक्ति को पैरासिटामॉल टेबलेट उपलब्ध नहीं कराई जा रही. टीकाकरण कराने वाले लोगों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें बुखार के लिए किसी तरह की कोई भी गोली उपलब्ध नहीं कराई गई. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि पहले टीकाकरण कराने वाले व्यक्ति को दो पेरासिटामोल की टेबलेट उपलब्ध कराई जाती थी परंतु पिछले काफी समय से सरकार के पास पैरासिटामॉल नहीं है और कुछ अधिकारी अपनी जेब से पैसे खर्च करके लोगो को पैरासिटामॉल की टेबलेट उपलब्ध करा रहे हैं.

Vaccination महाअभियान: CM शिवराज दतिया से करेंगे शुरुआत, 7 हजार सेंटर पर हर दिन 10 लाख लोगों के Vaccination का लक्ष्य

वैक्सीनेशन महाअभियान में भी नहीं है इंतेज़ाम
भोपाल नगर निगम द्वारा वार्ड 85 में आयोजित कैम्प में हमने कुछ लोगो से इस सम्बंध में बात की तो दूसरा डोज लगवाने वाले हर्ष लाल द्विवेदी ने बताया जो उन्हें किसी प्रकार की कोई दवाई नहीं दी गई. रविंदर कौर ने भी अपना दूसरा डोज लगवाया पर उन्हें भी किसी प्रकार की कोई दवाई नही दी गई. प्रथम डोज लगवाने वाली रेखा श्रीवास्तव ने बताया कि उनका घर से निकलना कम होता था जिसके चलते उन्होंने आज पहला डोज लगवाया है,पर उन्हें भी किसी प्रकार की कोई मेडिसिन उपलब्ध नही कराई गई. वही सुमन सौरभ ने बताया कि वो दूसरी लहर में कोरोना पॉजिटिव हो गए थे, इसके चलते उन्होंने आज डॉक्टर की सलाह पर पहला डोज लगवाया है,उन्हें बुखार आने पर पैरासिटामॉल लेने की सलाह दी गई है परंतु दवाई के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया.

महाअभियान में महा-लापरवाही?

ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब 1 महीने पहले टीकाकरण कराने आए लोगों को टीकाकरण के बाद पैरासिटामॉल उपलब्ध कराई जाती थी और आज वैक्सीनेशन महाअभियान कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है तो लोगों को एहतियातन पैरासिटामॉल टेबलेट क्यों उपलब्ध नहीं कराई जा रही? शहरी क्षेत्रों में तो लोगों को जानकारी है। कि टीके के बाद बुखार आता है वह बुखार आने पर पैरासिटामॉल लेना है परंतु कमोबेश ग्रामीण अंचलों में क्या स्थिति होगी यह एक बड़ा सवाल है।

भोपाल। प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान कार्यक्रम की शुरुआत लगभग हर जगह हो चुकी है, पर महाअभियान में प्रशासन से जल्दबाजी में कुछ गलतियां भी हुई है, जैसे- टीका लगवाने के बाद व्यक्ति को 30 मिनट तक टीकाकरण केंद्र पर इंतज़ार करने के लिए कहा जाता है, ताकि किसी भी तरह के एडवर्स इफ़ेक्ट को मॉनिटर किया जा सके. हर टीकाकरण केंद्र में इससे निपटने के लिए एक किट तैयार रखने की बात की गई थी, जिसमें ऐनफ़लैक्सिस (An acute allergic reaction to an antigen यानी साइड इफेक्ट) की अवस्था से निपटने के लिए कुछ इंजेक्शन, सलाइन चढ़ाने वाली ड्रिप और बाक़ी ज़रूरी समान का होना अनिवार्य बताया गया था, परंतु प्रदेश की राजधानी के टीकाकरण केन्द्रों की ईटीवी भारत ने जब पड़ताल की तो यहाँ किसी तरह के कोई इंतजाम नही दिखाई दिए.

फ्री टीका लगवाओ-तबीयत बिगड़ी तो तुम जानो!

टीकाकरण केन्द्रों में नहीं है समुचित व्यवस्था

प्रदेश सरकार ने वैक्सीनेशन महाअभियान के लिये करोड़ो रूपये विज्ञापन व प्रचार-प्रसार में खर्च किये, पर 2 रुपये की पैरासिटामॉल दवा की व्यवस्था नहीं कर पाई. परंतु कुछ अस्पतालों को छोड़कर किसी भी सेंटर पर टीकाकरण कराने वाले व्यक्ति के साथ कोई साइड इफेक्ट होने की दशा में किसी तरह की कोई मेडिकल व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा जिस व्यक्ति को टीका लग रहा है,उसे बाद में बुखार आदि आने की हालत में दी जाने वाली सामान्य पैरासिटामॉल की गोली उपलब्ध कराई जानी चाहिए, पर किसी भी केन्द्र पर यह दवा मुहैया नहीं कराई जा रही है.

बीते 15 दिनों से है यही हाल

पिछले 15 दिनों से जब भी टीकाकरण शिविरों का आयोजन किया गया वहां टीकाकरण कराने वाले व्यक्ति को पैरासिटामॉल टेबलेट उपलब्ध नहीं कराई जा रही. टीकाकरण कराने वाले लोगों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें बुखार के लिए किसी तरह की कोई भी गोली उपलब्ध नहीं कराई गई. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि पहले टीकाकरण कराने वाले व्यक्ति को दो पेरासिटामोल की टेबलेट उपलब्ध कराई जाती थी परंतु पिछले काफी समय से सरकार के पास पैरासिटामॉल नहीं है और कुछ अधिकारी अपनी जेब से पैसे खर्च करके लोगो को पैरासिटामॉल की टेबलेट उपलब्ध करा रहे हैं.

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वैक्सीनेशन महाअभियान में भी नहीं है इंतेज़ाम
भोपाल नगर निगम द्वारा वार्ड 85 में आयोजित कैम्प में हमने कुछ लोगो से इस सम्बंध में बात की तो दूसरा डोज लगवाने वाले हर्ष लाल द्विवेदी ने बताया जो उन्हें किसी प्रकार की कोई दवाई नहीं दी गई. रविंदर कौर ने भी अपना दूसरा डोज लगवाया पर उन्हें भी किसी प्रकार की कोई दवाई नही दी गई. प्रथम डोज लगवाने वाली रेखा श्रीवास्तव ने बताया कि उनका घर से निकलना कम होता था जिसके चलते उन्होंने आज पहला डोज लगवाया है,पर उन्हें भी किसी प्रकार की कोई मेडिसिन उपलब्ध नही कराई गई. वही सुमन सौरभ ने बताया कि वो दूसरी लहर में कोरोना पॉजिटिव हो गए थे, इसके चलते उन्होंने आज डॉक्टर की सलाह पर पहला डोज लगवाया है,उन्हें बुखार आने पर पैरासिटामॉल लेने की सलाह दी गई है परंतु दवाई के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया.

महाअभियान में महा-लापरवाही?

ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब 1 महीने पहले टीकाकरण कराने आए लोगों को टीकाकरण के बाद पैरासिटामॉल उपलब्ध कराई जाती थी और आज वैक्सीनेशन महाअभियान कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है तो लोगों को एहतियातन पैरासिटामॉल टेबलेट क्यों उपलब्ध नहीं कराई जा रही? शहरी क्षेत्रों में तो लोगों को जानकारी है। कि टीके के बाद बुखार आता है वह बुखार आने पर पैरासिटामॉल लेना है परंतु कमोबेश ग्रामीण अंचलों में क्या स्थिति होगी यह एक बड़ा सवाल है।

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