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चार्टर्ड एकाउंटेंट से नगरीय निकाय तीन साल के लेखों की ही करा सकेंगे संपरीक्षा - प्रदेश में चार्टर्ड एकाउंटेंट

प्रदेश में नगरीय निकाय अब एक चार्टर्ड एकाउंटेंट से अधिकतम तीन साल के लेखों की ही संपरीक्षा करा सकेंगे. जिसके लिए चार्टर्ड एकाउंटेट का चयन नगरीय निकायों द्वारा ही निर्धारित मापदंड के अनुसार किया जाएगा. वहीं संपरीक्षा का कार्य नहीं कराने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

Urban bodies will be able to get three years of accounts audited by a chartered accountant in bhopal
नगरीय निकाय एक चार्टर्ड एकाउंटेंट से तीन वर्ष के लेखों की ही करा सकेंगे संपरीक्षा
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Published : May 27, 2020, 11:18 PM IST

भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकाय अब एक चार्टर्ड एकाउंटेंट से अधिकतम तीन साल के लेखों की ही संपरीक्षा करा सकेंगे. चार्टर्ड एकाउंटेट का चयन नगरीय निकायों द्वारा ही निर्धारित मापदंड के अनुसार किया जाएगा. जिसके लिए जिन निकायों में डबल एंट्री अकाउंटिंग सिस्टम का कार्य पूरा किया गया है, उनमें संपरीक्षा का कार्य उस फर्म से नहीं किया जाएगा, जिसके द्वारा डबल एंट्री अकाउंटिंग का कार्य किया गया है.

आयुक्त नगरीय प्रशासन और विकास पी नरहरि ने इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी कर दिए है. साथ ही कहा है कि संपरीक्षा का कार्य नहीं कराने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

दरें निर्धारित की गई है जो इस प्रकार है

नगरीय निकायवार एक साल की संपरीक्षा चार्टर्ड एकाउंटेंट से कराए जाने के लिए अधिकतम दरें (जीएसटी छोड़कर) निर्धारित कर दी गई हैं. ये दरें नगर परिषद के लिए 35 हजार, नगर पालिका परिषद के लिए 65 हजार, 5 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर पालिक निगम के लिए एक लाख, 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर पालिक निगम के लिए एक लाख 50 हजार और 15 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर पालिक निगमों के लिए 2 लाख रूपए होगी.

पी नरहरि ने निर्देश दिए है कि संपरीक्षा का कार्य 15 सितंबर तक अनिवार्य रूप से करवाया जाए. उन्होंने कहा है कि समय-सीमा में संपरीक्षा का कार्य नहीं कराने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकाय अब एक चार्टर्ड एकाउंटेंट से अधिकतम तीन साल के लेखों की ही संपरीक्षा करा सकेंगे. चार्टर्ड एकाउंटेट का चयन नगरीय निकायों द्वारा ही निर्धारित मापदंड के अनुसार किया जाएगा. जिसके लिए जिन निकायों में डबल एंट्री अकाउंटिंग सिस्टम का कार्य पूरा किया गया है, उनमें संपरीक्षा का कार्य उस फर्म से नहीं किया जाएगा, जिसके द्वारा डबल एंट्री अकाउंटिंग का कार्य किया गया है.

आयुक्त नगरीय प्रशासन और विकास पी नरहरि ने इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी कर दिए है. साथ ही कहा है कि संपरीक्षा का कार्य नहीं कराने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

दरें निर्धारित की गई है जो इस प्रकार है

नगरीय निकायवार एक साल की संपरीक्षा चार्टर्ड एकाउंटेंट से कराए जाने के लिए अधिकतम दरें (जीएसटी छोड़कर) निर्धारित कर दी गई हैं. ये दरें नगर परिषद के लिए 35 हजार, नगर पालिका परिषद के लिए 65 हजार, 5 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर पालिक निगम के लिए एक लाख, 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर पालिक निगम के लिए एक लाख 50 हजार और 15 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर पालिक निगमों के लिए 2 लाख रूपए होगी.

पी नरहरि ने निर्देश दिए है कि संपरीक्षा का कार्य 15 सितंबर तक अनिवार्य रूप से करवाया जाए. उन्होंने कहा है कि समय-सीमा में संपरीक्षा का कार्य नहीं कराने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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