भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग का जो एकेडमिक कैलेंडर है, कोई भी विश्वविद्यालय उसके हिसाब से नहीं चल रहा है. विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं से लेकर छात्र संघ चुनाव कुछ भी एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से संपन्न नहीं हो रहा है. ऐसी स्थिति में उच्च शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतते हुए सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करके एकेडमिक कैलेंडर का पालन नहीं होने पर जवाब तलब किया है.
कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एकेडमिक कैलेंडर का पालन नहीं होने के मामले में सारे रजिस्ट्रार को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि अनियमितता क्यों हुई है. अब एक गाइडलाइन बनाई गई है कि कैलेंडर का पालन न करना भी एक दोष माना जाएगा. कैलेंडर का पालन करवाना संबंधित अधिकारी और कर्मचारी की जिम्मेदारी होगी. अगर ऐसी कोई गड़बड़ी होगी तो कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इसके कारण कई बच्चों का भविष्य बिगड़ता है. माता-पिता परेशान होते हैं. कई गरीब अभिभावकों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है. यह जिम्मेदारी विभाग की है और विभाग को पालन करना होगा. वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर के लंबित मामले पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में कोई देरी नहीं हो रही है. हमारी भावना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर जल्दी काम करने लगें.
महाविद्यालयों में प्राचार्य की कमी को लेकर जीतू पटवारी ने कहा कि प्राचार्यो की कमी है. लगातार 15 साल से भाषण का शासन चला आ रहा था. प्रदेश के महाविद्यालयों में सिर्फ 15 फीसदी महाविद्यालय में रेगुलर प्राचार्य हैं. बाकी जगह प्रभारी प्राचार्य से काम चल रहा है. बहुत जल्द ही विज्ञापन निकाले जाएंगे और महाविद्यालयों को रेगुलर प्राचार्य मिल जाएंगे.