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शिक्षा विभाग का एकेडमिक कैलेंडर नहीं मान रहे विश्वविद्यालय, कारण बताओ नोटिस जारी कर मांगा जवाब - मध्य प्रदेश में विश्वविद्यालय

एमपी में विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग के एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से नहीं चल रहे हैं. ऐसे में विभाग ने विश्वविद्यालय के कुलसचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जीतू पटवारी
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Published : Oct 22, 2019, 9:27 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग का जो एकेडमिक कैलेंडर है, कोई भी विश्वविद्यालय उसके हिसाब से नहीं चल रहा है. विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं से लेकर छात्र संघ चुनाव कुछ भी एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से संपन्न नहीं हो रहा है. ऐसी स्थिति में उच्च शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतते हुए सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करके एकेडमिक कैलेंडर का पालन नहीं होने पर जवाब तलब किया है.

एकेडमिक कैलेंडर को लेकर मंत्री जीतू पटवारी के बोल


कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एकेडमिक कैलेंडर का पालन नहीं होने के मामले में सारे रजिस्ट्रार को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि अनियमितता क्यों हुई है. अब एक गाइडलाइन बनाई गई है कि कैलेंडर का पालन न करना भी एक दोष माना जाएगा. कैलेंडर का पालन करवाना संबंधित अधिकारी और कर्मचारी की जिम्मेदारी होगी. अगर ऐसी कोई गड़बड़ी होगी तो कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इसके कारण कई बच्चों का भविष्य बिगड़ता है. माता-पिता परेशान होते हैं. कई गरीब अभिभावकों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है. यह जिम्मेदारी विभाग की है और विभाग को पालन करना होगा. वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर के लंबित मामले पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में कोई देरी नहीं हो रही है. हमारी भावना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर जल्दी काम करने लगें.


महाविद्यालयों में प्राचार्य की कमी को लेकर जीतू पटवारी ने कहा कि प्राचार्यो की कमी है. लगातार 15 साल से भाषण का शासन चला आ रहा था. प्रदेश के महाविद्यालयों में सिर्फ 15 फीसदी महाविद्यालय में रेगुलर प्राचार्य हैं. बाकी जगह प्रभारी प्राचार्य से काम चल रहा है. बहुत जल्द ही विज्ञापन निकाले जाएंगे और महाविद्यालयों को रेगुलर प्राचार्य मिल जाएंगे.

भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग का जो एकेडमिक कैलेंडर है, कोई भी विश्वविद्यालय उसके हिसाब से नहीं चल रहा है. विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं से लेकर छात्र संघ चुनाव कुछ भी एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से संपन्न नहीं हो रहा है. ऐसी स्थिति में उच्च शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतते हुए सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करके एकेडमिक कैलेंडर का पालन नहीं होने पर जवाब तलब किया है.

एकेडमिक कैलेंडर को लेकर मंत्री जीतू पटवारी के बोल


कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एकेडमिक कैलेंडर का पालन नहीं होने के मामले में सारे रजिस्ट्रार को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि अनियमितता क्यों हुई है. अब एक गाइडलाइन बनाई गई है कि कैलेंडर का पालन न करना भी एक दोष माना जाएगा. कैलेंडर का पालन करवाना संबंधित अधिकारी और कर्मचारी की जिम्मेदारी होगी. अगर ऐसी कोई गड़बड़ी होगी तो कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इसके कारण कई बच्चों का भविष्य बिगड़ता है. माता-पिता परेशान होते हैं. कई गरीब अभिभावकों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है. यह जिम्मेदारी विभाग की है और विभाग को पालन करना होगा. वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर के लंबित मामले पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में कोई देरी नहीं हो रही है. हमारी भावना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर जल्दी काम करने लगें.


महाविद्यालयों में प्राचार्य की कमी को लेकर जीतू पटवारी ने कहा कि प्राचार्यो की कमी है. लगातार 15 साल से भाषण का शासन चला आ रहा था. प्रदेश के महाविद्यालयों में सिर्फ 15 फीसदी महाविद्यालय में रेगुलर प्राचार्य हैं. बाकी जगह प्रभारी प्राचार्य से काम चल रहा है. बहुत जल्द ही विज्ञापन निकाले जाएंगे और महाविद्यालयों को रेगुलर प्राचार्य मिल जाएंगे.

Intro:भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार कुछ भी काम नहीं हो रहा है। ना तो कैलेंडर के हिसाब से परीक्षाएं हो रही हैं और ना ही कैलेंडर के हिसाब से परीक्षा परिणाम आ रहे हैं। यहां तक की कैलेंडर के अनुसार अब तक छात्र संघ चुनाव संपन्न हो जाने थे, लेकिन चुनाव भी संपन्न नहीं हो सके हैं। ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में सख्ती बरतते हुए सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करके एकेडमिक कैलेंडर का पालन ना होने पर जवाब तलब किया है। मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि कैलेंडर का पालन ना करना लापरवाही और गलती की श्रेणी में आएगा और विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। वहीं उन्होंने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर का जो मामला कोर्ट में चल रहा है। उसका जल्द निराकरण हो जाएगा। क्योंकि सरकार लगातार कोर्ट में अपना पक्ष रख कर असिस्टेंट प्रोफेसरों को काम पर लाना चाहती है।वही जीतू पटवारी ने बताया कि प्रदेश के महाविद्यालयों में सिर्फ़ 15 फ़ीसदी महाविद्यालय में प्राचार्य हैं। बाकी महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य के भरोसे चल रहे हैं। इसलिए इन्हें जल्द भर्ती की जाएगी।Body:मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एकेडमिक कैलेंडर का पालन नहीं होने के मामले में हमने सारे रजिस्टार को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि अनियमितता क्यों हुई है। मैं मानता हूं कि बहुत परीक्षा परिणाम निकल गए हैं। इसलिए अब एक गाइडलाइन बनाई गई है कि कैलेंडर का पालन न करना भी एक दोष माना जाएगा। कैलेंडर का पालन करवाना संबंधित अधिकारी और कर्मचारी की जिम्मेदारी होगी।अगर ऐसी कोई गड़बड़ी होगी तो कार्रवाई होगी। इसके कारण कई बच्चों के भविष्य बिगड़ता है। माता-पिता परेशान होते हैं ।कई गरीब अभिभावकों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है। मैं मानता हूं यह जिम्मेदारी विभाग की है और विभाग को पालन करना होगा।Conclusion:वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर के लंबित मामले पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में कोई देरी नहीं हो रही है। पूरी प्रक्रिया पाइपलाइन में हैं। आप देखेंगे कि बीजेपी सरकार ने 3 साल तक इस मामले को लंबित रखा। मेरे मंत्री बनने के बाद कोर्ट में हमने पक्ष रखते हुए इस प्रक्रिया को बहुत तेज कर दिया है। हमारी भावना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर जल्दी काम करने लगे।

वहीं महाविद्यालयों में प्राचार्य की कमी को लेकर जीतू पटवारी का कहना है कि मैं मानता हूं कि प्राचार्यो की कमी है। लगातार 15 साल भाषण का शासन चला आ रहा था। प्रदेश की महाविद्यालयों में सिर्फ 15 फ़ीसदी महाविद्यालय में रेगुलर प्राचार्य हैं। बाकी जगह प्रभारी प्राचार्य से काम चल रहा है। बहुत जल्द ही हम विज्ञापन निकाल रहे हैं।तो महाविद्यालयों को रेगुलर प्राचार्य मिल जाएंगे।
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