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उमंग सिंघार ने ट्वीट कर दिखाए अपने तेवर, कहा- 'जो गर जिंदा हो, तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है'

वन मंत्री उमंग सिंघार किसी न किसी तरीके से अपने तेवर बार-बार जाहिर कर रहे हैं. अब उन्होंने इसके लिए ट्विटर का सहारा लिया है. जानिए उन्होंने क्या लिखा है.

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Published : Sep 5, 2019, 10:26 AM IST

उमंग सिंघार ने ट्वीट कर दिखाए अपने तेवर

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ की फटकार के बाद दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले मंत्री उमंग सिंघार के तेवर भले ही ठंडे पड़ गए हों, लेकिन वन मंत्री किसी न किसी तरीके से अपने मन की बात जाहिर कर ही देते हैं.

अब उन्होंने अपने तेवर जाहिर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है और लिखा है कि 'उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जो गर जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है.' कुछ दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे आर्यमन सिंधिया ने भी यही शायरी कहते हुए वीडियो अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया था.

  • उसूलों पर जहाँ आँच आये टकराना जरूरी है।
    जो गर जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है।
    सत्यमेव जयते !

    — Umang Singhar (@UmangSinghar) September 4, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री कमलनाथ की कड़ी फटकार और समझाइश के बाद भी वन मंत्री उमंग सिंघार के तेवर को देखकर लगता है कि वो आसानी से मानने वाले नहीं हैं. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से दूरी बना ली थी, लेकिन बुधवार को फिर वो मीडिया के सामने आए. उस वक्त उनके तेवर ठंडे तो पड़ गए थे, लेकिन इशारों-इशारों में बार-बार सवाल वही खड़े कर रहे थे. इसी दौरान दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने उनके बंगले के बाहर उनका पुतला दहन किया था. उसके बाद देर रात उमंग सिंघार ने ट्वीट कर अपने इरादे जाहिर करने की कोशिश की है, लेकिन इसके बाद ये चर्चा जोर पकड़ रही है कि उमंग सिंघार ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाषा बोल रहे हैं और इन सारी परिस्थितियों के पीछे सिंधिया को वजह माना जा रहा है.

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ की फटकार के बाद दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले मंत्री उमंग सिंघार के तेवर भले ही ठंडे पड़ गए हों, लेकिन वन मंत्री किसी न किसी तरीके से अपने मन की बात जाहिर कर ही देते हैं.

अब उन्होंने अपने तेवर जाहिर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है और लिखा है कि 'उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जो गर जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है.' कुछ दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे आर्यमन सिंधिया ने भी यही शायरी कहते हुए वीडियो अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया था.

  • उसूलों पर जहाँ आँच आये टकराना जरूरी है।
    जो गर जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है।
    सत्यमेव जयते !

    — Umang Singhar (@UmangSinghar) September 4, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री कमलनाथ की कड़ी फटकार और समझाइश के बाद भी वन मंत्री उमंग सिंघार के तेवर को देखकर लगता है कि वो आसानी से मानने वाले नहीं हैं. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से दूरी बना ली थी, लेकिन बुधवार को फिर वो मीडिया के सामने आए. उस वक्त उनके तेवर ठंडे तो पड़ गए थे, लेकिन इशारों-इशारों में बार-बार सवाल वही खड़े कर रहे थे. इसी दौरान दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने उनके बंगले के बाहर उनका पुतला दहन किया था. उसके बाद देर रात उमंग सिंघार ने ट्वीट कर अपने इरादे जाहिर करने की कोशिश की है, लेकिन इसके बाद ये चर्चा जोर पकड़ रही है कि उमंग सिंघार ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाषा बोल रहे हैं और इन सारी परिस्थितियों के पीछे सिंधिया को वजह माना जा रहा है.

Intro:भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ की फटकार के बाद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले मंत्री उमंग सिंगार के तेवर भले ठंडे पड़ गए हो, लेकिन किसी न किसी तरीके से अपने तेवर बार-बार जाहिर कर रहे हैं।अब उन्होंने अपने तेवर जाहिर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है और ट्वीट किया है कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है,जो गर जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे आर्यमन सिंधिया ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया का यही शायरी कहते हुए वीडियो अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया थाBody:मंत्री उमंग सिंघार ने ट्वीट किया है...

उसूलों पर जहाँ आँच आये टकराना जरूरी है।
जो गर जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है।
सत्यमेव जयते !Conclusion:मुख्यमंत्री की कड़ी फटकार और समझाइश इसके बाद भी वन मंत्री उमंग सिंघार के तेवर को देखकर लगता है कि वह आसानी से मानने वाले नहीं हैं। हालांकि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से दूरी बना ली थी।लेकिन बुधवार को फिर वह मीडिया के सामने आए और उनके तेवर तो ठंडे पड़ गए थे। लेकिन इशारों इशारों में बार-बार सवाल वही खड़े कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ इसी दौरान दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने उनके बंगले के बाहर उनका पुतला दहन किया था।उसके बाद देर रात उमंग सिंघार ने ट्वीट कर अपने इरादे जाहिर करने की कोशिश की है।लेकिन इसके बाद यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि उमंग सिंघार ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाषा बोल रहे हैं और इन सारी परिस्थितियों के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया को वजह माना जा रहा है।
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