जबलपुर: देशभर में 12 अक्टूबर दिन शनिवार को दशहरा के पर्व मनाया जाएगा. 9 दिनों तक धूमधाम से शारदीय नवरात्रि पर्व का आयोजन किया गया. वहीं 10वें दिन दशहरा को लेकर भी तैयारियां पूरी हो गई है, लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक दिन पहले ही दशहरा पर्व मनाया गया. जबलपुर में 5 दिन चलने वाला दशहरा पंजाबी दशहरा के साथ शुरू होता है. जबलपुर में पंजाबी दशहरे के मौके पर शहर के आयुर्वेदिक कॉलेज में भव्य आयोजन हुआ. जिसमें बुराई के प्रतीक रावण और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया. इस मौके पर भव्य आतिशबाजी भी की गई.
जबलपुर में पंजाबी दशहरा का आयोजन
जबलपुर आयुर्वैदिक कॉलेज के मैदान में ऐतिहासिक पंजाबी दशहरे का आयोजन किया गया. संस्कारधानी में पंजाबी हिंदू संगठन द्वारा किए गए इस आयोजन का यह 72वां साल था. इस मौके पर 75 फीट ऊंचे रावण का भी दहन किया गया. पंजाबी दशहरा जबलपुर में नवमी के दिन मनाया जाता है. इस मौके पर लगभग 1 घंटे तक आतिशबाजी की गई. जिसमें जबलपुर के आतिशबाजी के अलावा शिव काशी से आए आतिशबाजों ने भी अपने हुनर का प्रदर्शन किया. वहीं जबलपुर के मशहूर बैंड ने धार्मिक धुनो पर संगीतमय प्रस्तुति दी.
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तरुण भनोट बोले-72 साल पुरानी परंपरा
इस आयोजन के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री तरुण भनोट रहे. उन्होंने कहा कि '72 साल पहले हमारे बुजुर्गों ने जो परंपरा शुरू की थी. हम आज भी उसे उसी तरीके से निभा रहे हैं. हमारी कोशिश है कि यह आगे भी ऐसे ही जारी रहे.' बता दें मैदान में पहले रामलीला का आयोजन किया गया. जिसमें भगवान राम लक्ष्मण और हनुमान ने सीताजी को रावण के चंगुल से छुड़ाया. इसके बाद राम लक्ष्मण ने रावण और कुंभकरण के पुतलों को जला दिया. इस तरह बुराई पर अच्छाई की जीत का यह त्यौहार जबलपुर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. इस आयोजन को देखने के लिए हजारों की तादाद में जनता आयुर्वैदिक कॉलेज मैदान में पहुंची थी.