ETV Bharat / state

शराबबंदी के लिए CM शिवराज से करूंगी बात : उमा भारती

मुरैना जहरीली शराब कांड के बाद मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग उठने लगी है. पूर्व सीएम उमा भारती ने भी शराबबंदी का समर्थन करते हुए कहा है कि प्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए, इसके लिए वे सीएम शिवराज से बात करेंगी.

Uma Bharti
उमा भारती
author img

By

Published : Jan 22, 2021, 3:59 PM IST

Updated : Jan 22, 2021, 4:51 PM IST

भोपाल। मुरैना में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद प्रदेश में एक तरफ जहां गृह मंत्री शराब दुकानें बढ़ाने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में शराब बंदी की भी मांग उठने लगी है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी शराबबंदी का समर्थन किया है. अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए सभी बीजेपी शासित राज्यों से मांग की है कि वह भी शराबबंदी की तरफ कदम बढ़ाए. ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर सरकार से बात करने की बात कही.

उमा भारती ने ईटीवी भारत से बात की

अपने बच्चे का मांस खाने वाली मां को कहूंगी कुमाता

प्रदेश में शराबबंदी को लेकर उमा भारती मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलेंगी. हाल ही में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद उमा भारती ने शुक्रवार को लगातार आठ ट्वीट करते हुए शराबबंदी की मांग की थी. उमा भारती ने अपने ट्वीट में स्पष्ट कहा था कि सरकार ही शराब पिलाने का प्रबंध करती है. जैसे मां की जिम्मेदारी अपने बच्चे को पोषण करते हुए रक्षा करने की होती है. वहीं मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो सरकारी तंत्र द्वारा भी शराब दुकान खोलना ऐसा ही है. उमा भारती ने एक बार फिर सरकार से सख्त लहजे में कहा कि अगर मां ही बच्चे का मांस खाने लगे तो मैं उस मां को मां नहीं बल्कि कुमाता कहूंगी.

पढ़ें:अब मयखानों पर पाबंदी की मांग, उमा के ट्वीट से बदली सियासी हवा

शराब बंदी पॉलिटिकल एजेंडा नहीं होना चाहिए

प्रदेश में शराब बंदी को लेकर उमा भारती का कहना है कि शराबबंदी पॉलिटिकल एजेंडा नही होना चाहिए. बल्कि सामाजिक एजेंडे के तौर पर चलाना चाहिए और राजस्व की पूर्ति कैसे हो उस पर सरकार को विचार करना चाहिए. इसके साथ ही शराब बंदी के बाद क्या स्थिति बनेगी, इस पर विचार करना पड़ेगा. उमार भारती ने कहा कि मैं सार्वजनिक तौर पर यह बात कह रही हूं कि कोरोना काल में मेरे मन में यह बात आई थी क्योंकि उस समय एक भी व्यक्ति शराब पीने से नहीं मरा और दुकान खुली उसके बाद लोग मरने लगे.

पूर्व सीएम ने कहा कि हर एक चीज का समय होता है और जब मुझे सही समय लगा तो मैंने इस बात को उठाया है. इस बात पर कायम हूं. अगर कोई मां बच्चों का मांस खाने लगे तो, वो माता माता नही, कुमाता होती है.

मध्यप्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब पीने से 25 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद से प्रदेश में एक बार फिर शराबबंदी की मांग उठने लगी है. शराब सरकार के लिए राजस्व का एक सबसे बड़ा जरिया है. ऐसे में कहीं न कहीं सरकार भी इस शराबबंदी को लेकर सख्त कदम उठाने के मूड में नहीं है. हालांकि सरकार कई बार नशा मुक्ति को लेकर अभियान छेड़ने की बात करती है, लेकिन शराबबंदी को लेकर कभी कोई अभियान नहीं चलाया.

भोपाल। मुरैना में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद प्रदेश में एक तरफ जहां गृह मंत्री शराब दुकानें बढ़ाने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में शराब बंदी की भी मांग उठने लगी है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी शराबबंदी का समर्थन किया है. अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए सभी बीजेपी शासित राज्यों से मांग की है कि वह भी शराबबंदी की तरफ कदम बढ़ाए. ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर सरकार से बात करने की बात कही.

उमा भारती ने ईटीवी भारत से बात की

अपने बच्चे का मांस खाने वाली मां को कहूंगी कुमाता

प्रदेश में शराबबंदी को लेकर उमा भारती मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलेंगी. हाल ही में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद उमा भारती ने शुक्रवार को लगातार आठ ट्वीट करते हुए शराबबंदी की मांग की थी. उमा भारती ने अपने ट्वीट में स्पष्ट कहा था कि सरकार ही शराब पिलाने का प्रबंध करती है. जैसे मां की जिम्मेदारी अपने बच्चे को पोषण करते हुए रक्षा करने की होती है. वहीं मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो सरकारी तंत्र द्वारा भी शराब दुकान खोलना ऐसा ही है. उमा भारती ने एक बार फिर सरकार से सख्त लहजे में कहा कि अगर मां ही बच्चे का मांस खाने लगे तो मैं उस मां को मां नहीं बल्कि कुमाता कहूंगी.

पढ़ें:अब मयखानों पर पाबंदी की मांग, उमा के ट्वीट से बदली सियासी हवा

शराब बंदी पॉलिटिकल एजेंडा नहीं होना चाहिए

प्रदेश में शराब बंदी को लेकर उमा भारती का कहना है कि शराबबंदी पॉलिटिकल एजेंडा नही होना चाहिए. बल्कि सामाजिक एजेंडे के तौर पर चलाना चाहिए और राजस्व की पूर्ति कैसे हो उस पर सरकार को विचार करना चाहिए. इसके साथ ही शराब बंदी के बाद क्या स्थिति बनेगी, इस पर विचार करना पड़ेगा. उमार भारती ने कहा कि मैं सार्वजनिक तौर पर यह बात कह रही हूं कि कोरोना काल में मेरे मन में यह बात आई थी क्योंकि उस समय एक भी व्यक्ति शराब पीने से नहीं मरा और दुकान खुली उसके बाद लोग मरने लगे.

पूर्व सीएम ने कहा कि हर एक चीज का समय होता है और जब मुझे सही समय लगा तो मैंने इस बात को उठाया है. इस बात पर कायम हूं. अगर कोई मां बच्चों का मांस खाने लगे तो, वो माता माता नही, कुमाता होती है.

मध्यप्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब पीने से 25 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद से प्रदेश में एक बार फिर शराबबंदी की मांग उठने लगी है. शराब सरकार के लिए राजस्व का एक सबसे बड़ा जरिया है. ऐसे में कहीं न कहीं सरकार भी इस शराबबंदी को लेकर सख्त कदम उठाने के मूड में नहीं है. हालांकि सरकार कई बार नशा मुक्ति को लेकर अभियान छेड़ने की बात करती है, लेकिन शराबबंदी को लेकर कभी कोई अभियान नहीं चलाया.

Last Updated : Jan 22, 2021, 4:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.