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मध्यप्रदेश की सियासत में क्या फिर होगी उमा भारती की एंट्री ? उपचुनाव के बाद बदल सकती है तस्वीर - उमा भारती की मध्यप्रदेश में एंट्री

प्रदेश की राजनीति में वनवास काट रहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की मध्यप्रदेश की राजनीति में वापसी हो सकती है. कहा जा रहा है कि उमा भारती मध्य प्रदेश में होने वाले 24 विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव के परिणामों का इंतजार कर रही हैं. लिहाजा अब देखना यह होगा कि क्या मध्य प्रदेश की नई दिशा उमा भारती की तरफ बढ़ेगी ?

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बदल सकती है तस्वीर
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Published : Jun 13, 2020, 5:30 PM IST

भोपाल। पिछले कई सालों से प्रदेश की राजनीति से बाहर वनवास काट रहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की मध्यप्रदेश की राजनीति में वापसी हो सकती है. जानकारों के अनुसार उमा भारती मध्य प्रदेश में होने वाले 24 विधानसभा उपचुनाव के परिणामों का इंतजार कर रही हैं, क्योंकि इन चुनाव परिणामों के साथ ही मध्य प्रदेश की राजनीति की दिशा भी बदलेगी.

क्या फिर होगी उमा भारती की एंट्री ?


एमपी की राजनीति में 2004 से शुरू हुआ था वनवास

बीजेपी की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती ने 2004 में जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, उसके बाद ही उनका वनवास शुरू हो गया था, और अब उम्मीद जताई जा रही है कि उमा भारती का यह वनवास जल्द ही खत्म हो जाएगा. सूत्रों के अनुसार इसको लेकर उमा भारती ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. जिसका उदाहरण है उमा भारती की मध्यप्रदेश में रहने के प्रमाण पत्र, जिनमें खासतौर पर आधार कार्ड और भोपाल की मतदाता सूची में उनका नाम शामिल कराना है.

24 विधानसभा सीटों पर होना है उपचुनाव

सबसे खास वजह ये है कि 2019 लोकसभा चुनाव में झांसी से उमा भारती का चुनाव नहीं लड़ना. दरअसल उसके बाद से लगातार उमा भारती ने अपना डेरा भोपाल में जमा रखा है, और इस दौरान उन्होंने अपने आधार कार्ड में पता और मतदाता सूची में भी नाम शामिल करा लिया है. जानकारों की मानें तो मध्यप्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में वर्तमान मध्य प्रदेश के राजनीतिक हालात ठीक नहीं है. प्रदेश के बड़े नेताओं के बीच एक कोल्ड वॉर जारी है. जिसमें सभी नेता अपने आप को श्रेष्ठ पद पर देखना चाहते हैं, और वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस दौरान कोल्ड वॉर से निपटने के साथ ही आने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में लगे हैं.

उपचुनाव के रिजल्ट से तय होगी तस्वीर

सबसे खास बात ये है कि उपचुनाव के परिणाम ही मध्य प्रदेश में सत्ता की दिशा और दशा दोनों तय करेंगे, और किस नेता के सिर पर प्रदेश की सत्ता का ताज होगा. यह इन 24 विधानसभा उपचुनाव की हार जीत के परिणाम के बाद तय होंगे, और यही वजह है कि उमा भारती को इंतजार है इन चुनाव परिणामों का. उमा भारती बीजेपी की फायर ब्रांड नेता हैं. राम जन्मभूमि आंदोलन में मुख्य भूमिका के तौर पर उमा भारती का नाम जाना जाता है. एक संत और एक बैकवर्ड क्लास के सबसे बड़े नेता के रूप में उमा भारती की पहचान मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे देश में है.

बीजेपी की फायरब्रांड नेता कही जाती हैं उमा भारती

उमा भारती पांच बार सांसद रह चुकी हैं, और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मानव संसाधन, पर्यटन, युवा एवं खेल, कोयला एवं खदान जैसे विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं. विधानसभा चुनाव 2003 में प्रदेश से दिग्विजय सिंह सरकार की विदाई भी उमा भारती के नाम पर दर्ज है. हालांकि अगस्त 2004 में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद से उमा भारती मध्य प्रदेश की राजनीति से दूर हो गई थीं, और अब एक बार फिर प्रदेश के राजनीतिक हालातों को देखते हुए उमा भारती की सत्ता में वापसी की संभावना बढ़ती जा रही हैं.

आगे क्या होगी तस्वीर
गौरतलब है कि उमा भारती मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और 2004 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर प्रदेश में राजनीतिक वनवास काट रहीं हैं. उमा भारती ने अब फिर से भोपाल में अपना डेरा जमा लिया है. जानकारों के अनुसार प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के परिणाम मध्यप्रदेश की नई दिशा तय करेंगे अब देखना यह होगा कि क्या मध्य प्रदेश की नई दिशा उमा भारती की तरफ बढ़ेंगी ?

भोपाल। पिछले कई सालों से प्रदेश की राजनीति से बाहर वनवास काट रहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की मध्यप्रदेश की राजनीति में वापसी हो सकती है. जानकारों के अनुसार उमा भारती मध्य प्रदेश में होने वाले 24 विधानसभा उपचुनाव के परिणामों का इंतजार कर रही हैं, क्योंकि इन चुनाव परिणामों के साथ ही मध्य प्रदेश की राजनीति की दिशा भी बदलेगी.

क्या फिर होगी उमा भारती की एंट्री ?


एमपी की राजनीति में 2004 से शुरू हुआ था वनवास

बीजेपी की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती ने 2004 में जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, उसके बाद ही उनका वनवास शुरू हो गया था, और अब उम्मीद जताई जा रही है कि उमा भारती का यह वनवास जल्द ही खत्म हो जाएगा. सूत्रों के अनुसार इसको लेकर उमा भारती ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. जिसका उदाहरण है उमा भारती की मध्यप्रदेश में रहने के प्रमाण पत्र, जिनमें खासतौर पर आधार कार्ड और भोपाल की मतदाता सूची में उनका नाम शामिल कराना है.

24 विधानसभा सीटों पर होना है उपचुनाव

सबसे खास वजह ये है कि 2019 लोकसभा चुनाव में झांसी से उमा भारती का चुनाव नहीं लड़ना. दरअसल उसके बाद से लगातार उमा भारती ने अपना डेरा भोपाल में जमा रखा है, और इस दौरान उन्होंने अपने आधार कार्ड में पता और मतदाता सूची में भी नाम शामिल करा लिया है. जानकारों की मानें तो मध्यप्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में वर्तमान मध्य प्रदेश के राजनीतिक हालात ठीक नहीं है. प्रदेश के बड़े नेताओं के बीच एक कोल्ड वॉर जारी है. जिसमें सभी नेता अपने आप को श्रेष्ठ पद पर देखना चाहते हैं, और वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस दौरान कोल्ड वॉर से निपटने के साथ ही आने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में लगे हैं.

उपचुनाव के रिजल्ट से तय होगी तस्वीर

सबसे खास बात ये है कि उपचुनाव के परिणाम ही मध्य प्रदेश में सत्ता की दिशा और दशा दोनों तय करेंगे, और किस नेता के सिर पर प्रदेश की सत्ता का ताज होगा. यह इन 24 विधानसभा उपचुनाव की हार जीत के परिणाम के बाद तय होंगे, और यही वजह है कि उमा भारती को इंतजार है इन चुनाव परिणामों का. उमा भारती बीजेपी की फायर ब्रांड नेता हैं. राम जन्मभूमि आंदोलन में मुख्य भूमिका के तौर पर उमा भारती का नाम जाना जाता है. एक संत और एक बैकवर्ड क्लास के सबसे बड़े नेता के रूप में उमा भारती की पहचान मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे देश में है.

बीजेपी की फायरब्रांड नेता कही जाती हैं उमा भारती

उमा भारती पांच बार सांसद रह चुकी हैं, और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मानव संसाधन, पर्यटन, युवा एवं खेल, कोयला एवं खदान जैसे विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं. विधानसभा चुनाव 2003 में प्रदेश से दिग्विजय सिंह सरकार की विदाई भी उमा भारती के नाम पर दर्ज है. हालांकि अगस्त 2004 में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद से उमा भारती मध्य प्रदेश की राजनीति से दूर हो गई थीं, और अब एक बार फिर प्रदेश के राजनीतिक हालातों को देखते हुए उमा भारती की सत्ता में वापसी की संभावना बढ़ती जा रही हैं.

आगे क्या होगी तस्वीर
गौरतलब है कि उमा भारती मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और 2004 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर प्रदेश में राजनीतिक वनवास काट रहीं हैं. उमा भारती ने अब फिर से भोपाल में अपना डेरा जमा लिया है. जानकारों के अनुसार प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के परिणाम मध्यप्रदेश की नई दिशा तय करेंगे अब देखना यह होगा कि क्या मध्य प्रदेश की नई दिशा उमा भारती की तरफ बढ़ेंगी ?

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