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फर्जी राशन कार्ड बनाने के मामले में दो अधिकारी निलंबित, कलेक्टर ने जारी किए आदेश - फर्जी राशन कार्ड केस भोपाल

कलेक्टर अविनाश लवानिया ने दो खाद्य अधिकारी के निलंबन और एक के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी किए हैं. दोनों को गलत तरीके से राशन कार्ड बनवाने के मामले में दोषी पाया गया है.

Two officers suspended for making fake ration card
फर्जी राशन कार्ड बनाने के मामले में दो अधिकारी निलंबित
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Published : Nov 27, 2020, 1:34 PM IST

भोपाल। फर्जी राशन कार्ड मामले में दो खाद्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं एक के खिलाफ विभागीय जांच के कलेक्टर ने आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने इस पूरे मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे. जांच रिपोर्ट में अधिकारियों को दोषी पाया गया है.

गुरुवार को मजिस्ट्रियल दिलीप यादव ने इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट कलेक्टर अविनाश लवानिया को सौंपी. मामले में संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों को निलंबित करने की कार्रवाई की है. जांच में पाया गया कि कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी मयंक द्विवेदी और प्रताप सिंह द्वारा गलत तरीके से कार्यालय से बाहर बीपीएल राशन कार्ड और खाता रजिस्टर ले जाकर अपात्र व्यक्तियों से राशन कार्ड बनवाना, कोरे राशन कार्ड पर हस्ताक्षर करना, कोरे बीपीएल राशन कार्ड और खाता रजिस्टर जैसे सरकारी दस्तावेज को अनाधिकृत व्यक्ति को सौंपने का कार्य किया जाना पाया गया. जो शासकीय सेवक के आचरण के खिलाफ और गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है.

जांच में दोषी पाए जाने के बाद प्रताप सिंह कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी और मयंक द्विवेदी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के खिलाफ निलंबन के आदेश जारी किए हैं. साथ ही दिनेश अहिरवार सहायक आपूर्ति अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच करने के आदेश जारी किए गए हैं. निलंबन के दौरान दोनों कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी का मुख्यालय बैरसिया एसडीएम कार्यालय रहेगा. इन अधिकारियों को निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी.

बता दें कि राजधानी के बजरिया थाने में रहने वाले एक सेल्समैन के घर से सात नवंबर को छापामार कार्रवाई के दौरान 500 राशन कार्ड बरामद किए गए थे, इसमें अधिकांश बीपीएल राशन कार्ड थे. जो अधिकारियों के साइन और सील लगे हुए थे, सभी राशन कार्ड प्लेन थे, इनमें किसी का नाम दर्ज नहीं था.

भोपाल। फर्जी राशन कार्ड मामले में दो खाद्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं एक के खिलाफ विभागीय जांच के कलेक्टर ने आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने इस पूरे मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे. जांच रिपोर्ट में अधिकारियों को दोषी पाया गया है.

गुरुवार को मजिस्ट्रियल दिलीप यादव ने इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट कलेक्टर अविनाश लवानिया को सौंपी. मामले में संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों को निलंबित करने की कार्रवाई की है. जांच में पाया गया कि कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी मयंक द्विवेदी और प्रताप सिंह द्वारा गलत तरीके से कार्यालय से बाहर बीपीएल राशन कार्ड और खाता रजिस्टर ले जाकर अपात्र व्यक्तियों से राशन कार्ड बनवाना, कोरे राशन कार्ड पर हस्ताक्षर करना, कोरे बीपीएल राशन कार्ड और खाता रजिस्टर जैसे सरकारी दस्तावेज को अनाधिकृत व्यक्ति को सौंपने का कार्य किया जाना पाया गया. जो शासकीय सेवक के आचरण के खिलाफ और गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है.

जांच में दोषी पाए जाने के बाद प्रताप सिंह कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी और मयंक द्विवेदी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के खिलाफ निलंबन के आदेश जारी किए हैं. साथ ही दिनेश अहिरवार सहायक आपूर्ति अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच करने के आदेश जारी किए गए हैं. निलंबन के दौरान दोनों कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी का मुख्यालय बैरसिया एसडीएम कार्यालय रहेगा. इन अधिकारियों को निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी.

बता दें कि राजधानी के बजरिया थाने में रहने वाले एक सेल्समैन के घर से सात नवंबर को छापामार कार्रवाई के दौरान 500 राशन कार्ड बरामद किए गए थे, इसमें अधिकांश बीपीएल राशन कार्ड थे. जो अधिकारियों के साइन और सील लगे हुए थे, सभी राशन कार्ड प्लेन थे, इनमें किसी का नाम दर्ज नहीं था.

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