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सेवा की मिसाल: खुद पॉजीटिव होने के बाद भी कर रहे मरीजों का इलाज

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Published : Apr 22, 2021, 8:43 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 9:07 PM IST

अपनी जान की परवाह ना करते हुए हमीदिया अस्पताल के दो डॉक्टर ने यह कहावत चरितार्थ कर दी है कि खुद कोरोना संक्रमित होने के बाद भी वह मरीजों का इलाज कर रहे हैं. पढ़िए इन दो जाबांजों की कहानी...

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

भोपाल। डॉक्टर को ऐसे ही भगवान का रूप नहीं कहा जाता है. कोरोना जैसे विकट समय में अपनी जान की परवाह ना करते हुए हमीदिया अस्पताल के दो डॉक्टर ने यह कहावत चरितार्थ कर दी है कि खुद कोरोना संक्रमित होने के बाद भी वह मरीजों का इलाज कर रहे हैं. वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की देखभाल भी कर रहे हैं. यह मिसाल पेश की है हमीदिया में गांधी मेडिकल कॉलेज के दो जांबाज चिकित्सकों ने.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

संकट में संभाला मोर्चा

खास बात यह है कि यह दोनों जिस कोविड वार्ड में अपना इलाज करा रहे थे. उसी वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों को इलाज के जरिए काम भी करते रहे दोनों डॉक्टर्स का कहना है कि अगर इस संकट काल में हम ही हार मान कर बैठ गए तो मरीजों को कौन संभालेगा. इनमें एक डॉक्टर अनुराधा चौधरी जोकि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में सर्जरी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और डॉ. अनुराधा. पिछले 10 दिन से कोरोना की चपेट में है, उनका इलाज अस्पताल के ए ब्लॉक के सेकंड फ्लोर पर चल रहा है. लेकिन खुद संक्रमित होने के बावजूद भी डॉ. अनुराधा यहां वार्ड में भर्ती 20 से अधिक मरीजों को संभाल रही है, उनका इलाज कर रही हैं और उनका हौसला भी बढ़ा रही है.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

WHO की लिस्ट से 'बर्खास्त' हुआ रेमडेसिविर इंजेक्शन

ऐसे ही जांबाज डॉक्टर अनुभव अग्रवाल भी जीएमसी में एमडी मेडिसिन थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें कोरोना संक्रमित होने पर हमीदिया में कोविड वार्ड ब्लॉक ए के फर्स्ट फ्लोर पर भर्ती होना पड़ा. लेकिन यहां पर उन्होंने मरीजों का ना केवल इलाज किया बल्कि वह जल्दी ठीक हो जाएं इसलिए उनका हौसला भी बढ़ाया.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

डॉक्टर ने निभाया अपना फर्ज

डॉक्टर अनुराधा चौधरी ने बताया कि वार्ड में पहुंचने के बाद उन्हें लगा कि वह अपनी जिम्मेदारी यहां पर भी निभा सकती हैं. इलाज के दौरान उन्होंने देखा कि डॉक्टर देवेंद्र और डॉक्टर वर्डे मरीजों का इलाज कर रहे हैं और उनका हौसला बढ़ा रहे, इससे प्रेरणा लेकर उन्होंने भी मन में यह संकल्प किया की. मैं भी अपने वार्ड में भर्ती मरीजों का इलाज करूंगी और उनका हौसला भी बड़ा आऊंगी, जिससे कि सभी मरीज शीघ्र स्वस्थ हो जाएं.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

वहीं डॉक्टर अनुभव अग्रवाल ने बताया कि 16 अप्रैल को वह संक्रमित हुए और इलाज के लिए ए ब्लॉक में भर्ती हुए उन्होंने बताया कि जिस दिन वह यहां पहुंचे एक मरीज को रेमदेसीविर इंजेक्शन का रिएक्शन हुआ, उसकी हालत बिगड़ने लगी यह देख कर उन्होंने तय किया की, मैं मरीजों को देखूंगा भी और उनका इलाज भी करूंगा, ऐसा करने से उनके मन में भी सकारात्मक भाव उत्पन्न हुए और खुद को भी संक्रमण से उबरने में काफी मदद मिली.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

दोनों डॉक्टर की सेहत सुधरी, हुए होम क्वॉरेंटाइन

हमीदिया के गांधी मेडिकल कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रहे दोनों डॉक्टर कोरोना संक्रमण से उबर रहे हैं. दोनों ही अब हम क्वॉरेंटाइन हैं. डॉक्टर ने बताया कि हम इतने जल्दी ठीक हो जाएंगे, ऐसा नहीं लगता था लेकिन वहां कोरोना वार्ड में मरीजों का इलाज कर और उनका हौसला बढ़ाने से हमारे अंदर की इम्यूनिटी बढ़ गई और आज हम अपने अपने घर पर होम क्वॉरेंटाइन हो गए हैं, लगातार हमारी सेहत में सुधार हो रहा है.

भोपाल। डॉक्टर को ऐसे ही भगवान का रूप नहीं कहा जाता है. कोरोना जैसे विकट समय में अपनी जान की परवाह ना करते हुए हमीदिया अस्पताल के दो डॉक्टर ने यह कहावत चरितार्थ कर दी है कि खुद कोरोना संक्रमित होने के बाद भी वह मरीजों का इलाज कर रहे हैं. वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की देखभाल भी कर रहे हैं. यह मिसाल पेश की है हमीदिया में गांधी मेडिकल कॉलेज के दो जांबाज चिकित्सकों ने.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

संकट में संभाला मोर्चा

खास बात यह है कि यह दोनों जिस कोविड वार्ड में अपना इलाज करा रहे थे. उसी वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों को इलाज के जरिए काम भी करते रहे दोनों डॉक्टर्स का कहना है कि अगर इस संकट काल में हम ही हार मान कर बैठ गए तो मरीजों को कौन संभालेगा. इनमें एक डॉक्टर अनुराधा चौधरी जोकि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में सर्जरी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और डॉ. अनुराधा. पिछले 10 दिन से कोरोना की चपेट में है, उनका इलाज अस्पताल के ए ब्लॉक के सेकंड फ्लोर पर चल रहा है. लेकिन खुद संक्रमित होने के बावजूद भी डॉ. अनुराधा यहां वार्ड में भर्ती 20 से अधिक मरीजों को संभाल रही है, उनका इलाज कर रही हैं और उनका हौसला भी बढ़ा रही है.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

WHO की लिस्ट से 'बर्खास्त' हुआ रेमडेसिविर इंजेक्शन

ऐसे ही जांबाज डॉक्टर अनुभव अग्रवाल भी जीएमसी में एमडी मेडिसिन थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें कोरोना संक्रमित होने पर हमीदिया में कोविड वार्ड ब्लॉक ए के फर्स्ट फ्लोर पर भर्ती होना पड़ा. लेकिन यहां पर उन्होंने मरीजों का ना केवल इलाज किया बल्कि वह जल्दी ठीक हो जाएं इसलिए उनका हौसला भी बढ़ाया.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

डॉक्टर ने निभाया अपना फर्ज

डॉक्टर अनुराधा चौधरी ने बताया कि वार्ड में पहुंचने के बाद उन्हें लगा कि वह अपनी जिम्मेदारी यहां पर भी निभा सकती हैं. इलाज के दौरान उन्होंने देखा कि डॉक्टर देवेंद्र और डॉक्टर वर्डे मरीजों का इलाज कर रहे हैं और उनका हौसला बढ़ा रहे, इससे प्रेरणा लेकर उन्होंने भी मन में यह संकल्प किया की. मैं भी अपने वार्ड में भर्ती मरीजों का इलाज करूंगी और उनका हौसला भी बड़ा आऊंगी, जिससे कि सभी मरीज शीघ्र स्वस्थ हो जाएं.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

वहीं डॉक्टर अनुभव अग्रवाल ने बताया कि 16 अप्रैल को वह संक्रमित हुए और इलाज के लिए ए ब्लॉक में भर्ती हुए उन्होंने बताया कि जिस दिन वह यहां पहुंचे एक मरीज को रेमदेसीविर इंजेक्शन का रिएक्शन हुआ, उसकी हालत बिगड़ने लगी यह देख कर उन्होंने तय किया की, मैं मरीजों को देखूंगा भी और उनका इलाज भी करूंगा, ऐसा करने से उनके मन में भी सकारात्मक भाव उत्पन्न हुए और खुद को भी संक्रमण से उबरने में काफी मदद मिली.

Two doctors of Bhopal are treating patients
सेवा की मिशाल

दोनों डॉक्टर की सेहत सुधरी, हुए होम क्वॉरेंटाइन

हमीदिया के गांधी मेडिकल कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रहे दोनों डॉक्टर कोरोना संक्रमण से उबर रहे हैं. दोनों ही अब हम क्वॉरेंटाइन हैं. डॉक्टर ने बताया कि हम इतने जल्दी ठीक हो जाएंगे, ऐसा नहीं लगता था लेकिन वहां कोरोना वार्ड में मरीजों का इलाज कर और उनका हौसला बढ़ाने से हमारे अंदर की इम्यूनिटी बढ़ गई और आज हम अपने अपने घर पर होम क्वॉरेंटाइन हो गए हैं, लगातार हमारी सेहत में सुधार हो रहा है.

Last Updated : Apr 22, 2021, 9:07 PM IST
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