भोपाल। राज्य सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर को दिए गए ओबीसी आरक्षण का कांग्रेस ने विरोध जताया है. पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने कहा कि यदि सरकार को किन्नरों को आरक्षण देना था तो उसके लिए अलग से प्रस्ताव लेकर आना था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में बीजेपी के तीन-तीन मुख्यमंत्री रहने के बाद भी ओबीसी का हक छीनने का काम ही बीजेपी ने किया है. उधर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि करीब 20 सालों से प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, लेकिन इसके बाद भी ओबीसी वर्ग को जो हक मिलना चाहिए था, बीजेपी ने वह उपलब्ध नहीं कराया.
केंद्र से की आंकड़े जारी करने की मांग: पत्रकारों से रूबरू हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार के समय जातिगत जनगणना कराई गई थी. इसके बाद सिर्फ जातिगत आंकड़े जारी करने थे, लेकिन पिछले 9 सालों में बीजेपी ने यह आंकड़े आज तक प्रस्तुत नहीं किए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि आखिर पिछले 9 सालों में बीजेपी ने पिछड़ों के लिए क्या किया. कांग्रेस के समय जो जातिगत जनगणना कराई गई थी, उस पर भी बीजेपी रोक लगाए बैठी है. आखिर सरकार को आंकड़े जारी करने में क्या समस्या है. 50 फीसदी आरक्षण का कैप भी सरकार ने लगा रखा है, उसे भी खत्म नहीं किया जाए. जिस जाति की आबादी देश में 56 फीसदी से ज्यादा है, उसको लेकर सरकार का यह रवैया क्यों है. जब कोई मुद्दा होता है, तब जरूर सरकार को ओबीसी की याद आती है.
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पूर्व मंत्री ने जताया विरोध: पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने राज्य सरकार द्वारा पिछले दिनों ट्रांसजेंडर्स को ओबीसी आरक्षण दिए जाने के फैसले का विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत गलत निर्णय हुआ है. प्रदेश सरकार को यदि उनका आरक्षण देना था, तो कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर विधानसभा में लाते. सरकार ओबीसी के हितों पर डाका डालने का काम कर रही है. राज्य सरकार के ओबीसी कल्याण आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए आंकड़ों पर उन्होंने कहा यह आंकड़े महाजन आयोग के हैं. इसी के आंकड़े चुराकर सुप्रीम कोर्ट में दिया गया. आखिर सरकार ने आज तक ओबीसी कल्याण आयोग को संवैधानिक दर्जा क्यों नहीं देती, जबकि सीएम कई बार विधानसभा में इसको लेकर दावा कर चुके हैं.