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एक साल पूरा होने पर पर्यटन मंत्री सुरेंद्र बघेल ने गिनाईं कमलनाथ सरकार की उपलब्धियां

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Published : Dec 16, 2019, 8:08 PM IST

मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को एक साल होने वाला है. सरकार के एक साल होने पर मंत्री अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं. इसी कड़ी में पर्यटन मंत्री सुरेंद्र बघेल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है.

Special conversation with tourism minister Surendra Singh Baghel
पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल से खास बातचीत

भोपाल। कमलनाथ सरकार को 17 दिसंबर को एक साल पूरा हो जाएगा. प्रदेश सरकार के एक साल पूरे होने पर पर्यटन मंत्री सुरेंद्र बघेल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कमलनाथ सरकार की एक साल की उपलब्धियों और चुनौतियों पर चर्चा की.


मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने विभाग का लेखा-जोखा साझा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटकों के मामले में देश में 8वें और विदेशी सैलानियों के मामले में 13वें स्थान पर है. पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में अलग-अलग पर्यटन स्थलों को जोड़कर सर्किट बनाए जा रहे हैं. केंद्र सरकार को प्रदेश में जैन सर्किट, सूफी सर्किट और नर्मदा सर्किट बनाने का प्रस्ताव भेजा है.

पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल


फूड फेस्टिवल करने की तैयारी
पर्यटन मंत्री कहा कि मध्यप्रदेश में राजे-रजवाड़े भले ही खत्म हो गए हों, लेकिन सूबे के अलग-अलग राजपरिवारों के खास खानपान से प्रदेश में देशी-विदेशी सैलानियों को आकर्शित किया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग राज परिवारों के खास व्यंजनों को लेकर एक फूड फेस्टिवल करने जा रहा है. ये आयोजन भोपाल में 26 से 29 दिसंबर तक आयोजित होगा.


महलों को विकसित करने की योजना
सुरेंद्र सिंह बघेल ने बताया कि मध्यप्रदेश में राजस्थान की तरह अच्छे महल और दूसरे राज्यों की तरह वॉटर बॉडी और नेशनल पार्क मौजूद हैं, लेकिन इसके बाद में मध्यप्रदेश में इसका बेहतर उपयोग नहीं किया गया. कमलनाथ सरकार में पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल भी इस बात को स्वीकार करते हैं. उनके मुताबिक राजस्थान की तर्ज पर सरकार प्रदेश के महलों को पर्यटन के हिसाब से विकसित करने की योजना बना रही है. इसके लिए राजपरिवारों से चर्चा की जा रही है. साथ ही उन्हें सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही है.


एडवेंचर एक्टिविटी को बढ़ाने की तैयारी
प्रदेश में बड़ा आदिवासी क्षेत्र मौजूद है. विदेशी सैलानी आदिवासी रहन-सहन को देखना भी चाहते हैं. झाबुआ के साथ बड़वानी, धार, छिंदवाड़ा को मिलाकर एक सर्किट तैयार किया जाएगा. जहां आदिवासी जनजातियों से जुड़ा रहन-सहन और उनकी संस्कृति से पर्यटक रूबरू हो सकेंगे. प्रदेश के बड़े पर्यटन स्थलों के आसपास एडवेंचर एक्टविटीज को बढ़ाने के लिए प्राइवेट पाटनर्स की मदद ली जा रही है. इसके साथ ही प्रदेश में फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फिल्म पर्यटन नीति तैयार की जा रही है. इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है.

भोपाल। कमलनाथ सरकार को 17 दिसंबर को एक साल पूरा हो जाएगा. प्रदेश सरकार के एक साल पूरे होने पर पर्यटन मंत्री सुरेंद्र बघेल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कमलनाथ सरकार की एक साल की उपलब्धियों और चुनौतियों पर चर्चा की.


मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने विभाग का लेखा-जोखा साझा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटकों के मामले में देश में 8वें और विदेशी सैलानियों के मामले में 13वें स्थान पर है. पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में अलग-अलग पर्यटन स्थलों को जोड़कर सर्किट बनाए जा रहे हैं. केंद्र सरकार को प्रदेश में जैन सर्किट, सूफी सर्किट और नर्मदा सर्किट बनाने का प्रस्ताव भेजा है.

पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल


फूड फेस्टिवल करने की तैयारी
पर्यटन मंत्री कहा कि मध्यप्रदेश में राजे-रजवाड़े भले ही खत्म हो गए हों, लेकिन सूबे के अलग-अलग राजपरिवारों के खास खानपान से प्रदेश में देशी-विदेशी सैलानियों को आकर्शित किया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग राज परिवारों के खास व्यंजनों को लेकर एक फूड फेस्टिवल करने जा रहा है. ये आयोजन भोपाल में 26 से 29 दिसंबर तक आयोजित होगा.


महलों को विकसित करने की योजना
सुरेंद्र सिंह बघेल ने बताया कि मध्यप्रदेश में राजस्थान की तरह अच्छे महल और दूसरे राज्यों की तरह वॉटर बॉडी और नेशनल पार्क मौजूद हैं, लेकिन इसके बाद में मध्यप्रदेश में इसका बेहतर उपयोग नहीं किया गया. कमलनाथ सरकार में पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल भी इस बात को स्वीकार करते हैं. उनके मुताबिक राजस्थान की तर्ज पर सरकार प्रदेश के महलों को पर्यटन के हिसाब से विकसित करने की योजना बना रही है. इसके लिए राजपरिवारों से चर्चा की जा रही है. साथ ही उन्हें सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही है.


एडवेंचर एक्टिविटी को बढ़ाने की तैयारी
प्रदेश में बड़ा आदिवासी क्षेत्र मौजूद है. विदेशी सैलानी आदिवासी रहन-सहन को देखना भी चाहते हैं. झाबुआ के साथ बड़वानी, धार, छिंदवाड़ा को मिलाकर एक सर्किट तैयार किया जाएगा. जहां आदिवासी जनजातियों से जुड़ा रहन-सहन और उनकी संस्कृति से पर्यटक रूबरू हो सकेंगे. प्रदेश के बड़े पर्यटन स्थलों के आसपास एडवेंचर एक्टविटीज को बढ़ाने के लिए प्राइवेट पाटनर्स की मदद ली जा रही है. इसके साथ ही प्रदेश में फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फिल्म पर्यटन नीति तैयार की जा रही है. इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है.

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