भोपाल। जिला न्यायालय ने किर्गिस्तान एवं इन्डोनेशिया के 12-12 जमातियों को लॉकडाउन के उल्लंघन और संक्रमण फैलाने के आरोप में सजा सुनाते हुए जुर्माना लगाया है. पुलिस ने राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण की शुरुआत के साथ ही कई जमातियों को गिरफ्तार किया था. इन जमातियों में कई विदेश भी शामिल थे.
जिला न्यायालय में अनुराग सिंह कुशवाहा की न्यायालय में किर्गिस्तान के 12 जमातियों को न्यायालय उठने तक यानि (सुनवाई के बाद जज के कोर्ट से जाने तक उन्हें वहीं बिठाकर रखा गया) की सजा और 6 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है. शासन की ओर से अभियोजन का संचालन एडीपीओ सुमित मारन द्वारा किया गया. जिन्हें सजा सुनाई गई है उनमें रूसलेन, वक्यत, ताजा बेक, इअवगार, नियाजबेक, अब्दुसतार, अर्निष्ट , सर्द्धबेक , अजमत, वक्तयार , कुरसांत , कैलिच बेक शामिल हैं.
इसी प्रकार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पुष्पक पाठक की न्यायालय में इंडोनेशिया के 12 जमातियों को न्यायालय उठने तक की सजा और 7 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है. शासन की ओर से अभियोजन का संचालन एडीपीओ गुंजन गुप्ता ने किया. जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है उनमें अब्दुल रहमान, अकमद सौद, अहमद साहीर, बकरूद्दीन इमान, इन्देख सैफुल, तेकुउमर, सुशीलावती, एहसा, इनाह, सेहनाह, खुलिस, वारनी हीरनावती एवं किती सेतियावती शामिल हैं.
किर्गिस्तान के 12 जमाती टूरिस्ट बीजा पर दिल्ली आए थे और बंगला मस्जिद में तबलीगी जमात की अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित हुए थे. इस दौरान कोरोना संक्रमण के चलते जिला दंडाधिकारी के द्वारा शहर में धारा 144 लागू कर दी गई थी, इसके बावजूद भी इन लोगों के द्वारा धारा 144 का उल्लंघन किया गया.
इंडोनेशिया के 12 नागरिकों को सजा
इसी प्रकार इंडोनेशिया के 12 नागरिक भी टूरिस्ट बीजा पर दिल्ली आए थे और बंगला मस्जिद में विदेशी नागरिकों के तबलीगी जमात की कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित हुए और सम्मिलित होने के बात यह लोग 09 मार्च को भोपाल आए थे. इस दौरान यह सभी लोग शहर कें ऐशबाग की बड़ी मस्जिद बाग फरहत अफजा में रुके हुए थे और 31 मार्च तक ये सभी लोग सक्रिय रूप से धार्मिक गतिविधियों में सम्मिलित हो रहे थे. इस दौरान कई लोगों के संपर्क में भी आए थे. इसकी सूचना भी इन लोगों के द्वारा प्रशासन को नहीं दी गई थी.
6 हजार रुपए का आर्थ दंड
इस पूरे मामले की विवेचना पूर्ण होने पर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था, जिसे लेकर आज फैसला सुनाया है. कोरोना संक्रमण फैलाने और प्रशासन के द्वारा तय किए गए नियमों का उल्लंघन करने के चलते इन सभी लोगों को न्यायाधीश के द्वारा पूरे दिन कोर्ट में बिठाए रखा गया, साथ ही 6 हजार रुपए का आर्थ दंड भी लगाया गया.