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प्याज के बाद अब टमाटर के दामों ने पकड़ी रफ्तार, कम आवक से हो रहा इजाफा

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Published : Sep 27, 2019, 12:17 PM IST

प्याज के बाद टमाटर के दाम भी बढ़ने लगे हैं. राजधानी भोपाल में फिलहाल 50-60 रुपये किलो टमाटर मिलने लगा है. कम आवक के चलते आने वाले वक्त में टमाटरों की कीमत में और इजाफा होगा.

टमाटर के दामों ने पकड़ी रफ्तार

भोपाल| मध्यप्रदेश में हुई आफत की बारिश का जख्म अभी भरा नहीं था कि महंगाई की मार भी अब लोगों पर पड़ने लगी है. पहले प्याज की कीमतों ने लोगों के आंसु निकलवाए और अब टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं. राजधानी भोपाल में इस वक्त अभी 50-60 रुपये किलो टमाटर के भाव हैं, जो आने वाले समय में और बढ़ सकते हैं.

टमाटर के दामों ने पकड़ी रफ्तार

बारिश की वजह से बर्बाद हुई फसलों का असर अब खानपान पर दिखाई दे रहा है. बाजारों में मिलने वाली हरी सब्जियां लगातर महंगी होने लगी हैं. एक तरफ जहां प्याज का भाव 80 रुपये किलों हो गया है तो वहीं टमाटर भी प्याज की राह पर चल पड़ा है. मंडी में टमाटरों की आवक कम होने के चलते दामों में इजाफा होना माना जा रहा है.
बाइट-

बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में ज्यादातर हिस्सों में बाढ़ की स्थिति निर्मित है. साथ ही खेतों में लगे टमाटर पूरी तरह से सड़ चुके हैं. कई जगह टमाटर से भरा ट्रक बाढ़ की स्थिति में राजधानी तक पहुंच ही नहीं पा रहा है. इसकी वजह से ना केवल टमाटर व्यापारियों का ही नहीं बल्कि छोटे दुकानदारों का भी भारी नुकसान हो रहा है.
बाइट-

व्यापारियों को सता रहा इस बात का डर

टमाटर की खपत को पूरा करने के लिए व्यापारियों के द्वारा दूसरे राज्यों से टमाटर आयात किया जाता है, लेकिन दूसरे राज्यों में भी लगातार हो रही बारिश का असर हरी सब्जियों को महंगा करता जा रहा है. ऐसी स्थिति में लोगों का बजट भी लगातार बिगड़ रहा है. वहीं व्यापारी भी इतनी महंगी सब्जी बाजार में लाने से डर रहा है, क्योंकि ग्राहक महंगे दामों को देखते हुए अब कम संख्या में आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में टमाटर के खराब होने का डर भी व्यापारियों को सता रहा है.

एक महीने तक मंहगे मिल सकते हैं टमाटर

व्यापारियों का दावा है कि टमाटर की सही फसल आने में अभी एक महीने से ज्यादा का समय लग जाएगा. ऐसी स्थिति में अन्य राज्यों पर ही हमें निर्भर रहना पड़ेगा. फिलहाल मध्यप्रदेश में नागपुर, पुणे और औरंगाबाद से टमाटर मंगाया जा रहा है. इससे पहले केरल और कर्नाटक से टमाटर की सप्लाई होती थी, लेकिन वहां पर भी बाढ़ आने की वजह से टमाटर की फसल नहीं आ रही है. इसी वजह से दामों में इजाफा हुआ है.

भोपाल| मध्यप्रदेश में हुई आफत की बारिश का जख्म अभी भरा नहीं था कि महंगाई की मार भी अब लोगों पर पड़ने लगी है. पहले प्याज की कीमतों ने लोगों के आंसु निकलवाए और अब टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं. राजधानी भोपाल में इस वक्त अभी 50-60 रुपये किलो टमाटर के भाव हैं, जो आने वाले समय में और बढ़ सकते हैं.

टमाटर के दामों ने पकड़ी रफ्तार

बारिश की वजह से बर्बाद हुई फसलों का असर अब खानपान पर दिखाई दे रहा है. बाजारों में मिलने वाली हरी सब्जियां लगातर महंगी होने लगी हैं. एक तरफ जहां प्याज का भाव 80 रुपये किलों हो गया है तो वहीं टमाटर भी प्याज की राह पर चल पड़ा है. मंडी में टमाटरों की आवक कम होने के चलते दामों में इजाफा होना माना जा रहा है.
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बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में ज्यादातर हिस्सों में बाढ़ की स्थिति निर्मित है. साथ ही खेतों में लगे टमाटर पूरी तरह से सड़ चुके हैं. कई जगह टमाटर से भरा ट्रक बाढ़ की स्थिति में राजधानी तक पहुंच ही नहीं पा रहा है. इसकी वजह से ना केवल टमाटर व्यापारियों का ही नहीं बल्कि छोटे दुकानदारों का भी भारी नुकसान हो रहा है.
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व्यापारियों को सता रहा इस बात का डर

टमाटर की खपत को पूरा करने के लिए व्यापारियों के द्वारा दूसरे राज्यों से टमाटर आयात किया जाता है, लेकिन दूसरे राज्यों में भी लगातार हो रही बारिश का असर हरी सब्जियों को महंगा करता जा रहा है. ऐसी स्थिति में लोगों का बजट भी लगातार बिगड़ रहा है. वहीं व्यापारी भी इतनी महंगी सब्जी बाजार में लाने से डर रहा है, क्योंकि ग्राहक महंगे दामों को देखते हुए अब कम संख्या में आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में टमाटर के खराब होने का डर भी व्यापारियों को सता रहा है.

एक महीने तक मंहगे मिल सकते हैं टमाटर

व्यापारियों का दावा है कि टमाटर की सही फसल आने में अभी एक महीने से ज्यादा का समय लग जाएगा. ऐसी स्थिति में अन्य राज्यों पर ही हमें निर्भर रहना पड़ेगा. फिलहाल मध्यप्रदेश में नागपुर, पुणे और औरंगाबाद से टमाटर मंगाया जा रहा है. इससे पहले केरल और कर्नाटक से टमाटर की सप्लाई होती थी, लेकिन वहां पर भी बाढ़ आने की वजह से टमाटर की फसल नहीं आ रही है. इसी वजह से दामों में इजाफा हुआ है.

Intro: ( स्पेशल स्टोरी )


प्याज के बाद अब टमाटर पर भी महंगाई की पड़ी मार , बरसात के चलते और बढ़ेंगे दाम


भोपाल| मध्यप्रदेश में हो रही लगातार बरसात का असर अब लोगों के खानपान पर भी दिखाई देने लगा है . बाजारों में मिलने वाली हरी सब्जियां लगातार महंगी होती चली जा रही है . जहां एक तरफ प्याज के दाम 80 रुपए तक पहुंच रहे हैं तो वहीं अब टमाटर भी लोगों को रुलाने वाला है . दरअसल टमाटर की आवक कम हो जाने के कारण इसके भी दाम में इजाफा हो गया है .


Body:बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में ज्यादातर हिस्सों में बाढ़ की स्थिति निर्मित है . साथ ही खेतों में लगे टमाटर पूरी तरह से सड़ चुके हैं . कई जगह टमाटर से भरा ट्रक बाढ़ की स्थिति में राजधानी तक पहुंच ही नहीं पा रहा है . इसकी वजह से ना केवल टमाटर व्यापारी का बल्कि छोटे दुकानदारों का भी भारी नुकसान हो रहा है .

टमाटर की खपत को पूरा करने के लिए व्यापारियों के द्वारा दूसरे राज्यों से टमाटर आयात किया जाता है . लेकिन दूसरे राज्यों में भी लगातार हो रही बारिश का असर हरी सब्जियों को महंगा करता जा रहा है . ऐसी स्थिति में लोगों का बजट भी लगातार बिगड़ रहा है .

वही व्यापारी भी इतनी महंगी सब्जी बाजार में लाने से डर रहा है , क्योंकि ग्राहक महंगे दामों को देखते हुए अब कम संख्या में आ रहे हैं . ऐसी स्थिति में टमाटर के खराब होने का डर भी व्यापारियों को सता रहा है .


Conclusion:टमाटर व्यापारी शरीफ खान का कहना है कि मध्य प्रदेश में चल रही बारिश की वजह से टमाटर की आवक नहीं हो रही है . प्रदेश के कई जिलों में इस समय पर टमाटर की अच्छी पैदावार होती थी. लेकिन जिस हिसाब से पानी गिर रहा है उसकी वजह से किसानों की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है , थोड़ी बहुत जो कसर रह गई थी वह बाढ़ ने पूरी कर दी है . क्योंकि बाहर के प्रदेश से भी यदि टमाटर मंगाया जा रहा है तो वह कई जिलों तक पहुंच ही नहीं पा रहा है .उसका सीधा सा कारण यह है कि बाढ़ की स्थिति में कई बार ट्रांसपोर्ट का ट्रक फस जाता है और जब तक निकलने की गुंजाइश बनती है तब तक टमाटर खराब हो चुका होता है . यही वजह है कि अब जो टमाटर आ रहा है वह थोड़ा महंगा है .


उन्होंने बताया कि अभी टमाटर का मूल्य और ज्यादा बढ़ सकता है , क्योंकि प्रदेश के टमाटर की सही फसल आने में अभी 1 महीने से ज्यादा का समय लग जाएगा . ऐसी स्थिति में अन्य राज्यों पर ही हमें निर्भर रहना पड़ेगा . फिलहाल मध्यप्रदेश में नागपुर , पुणे और औरंगाबाद से टमाटर मंगाया जा रहा है . इससे पहले केरल और कर्नाटक से टमाटर की सप्लाई होती थी , लेकिन वहां पर भी बाढ़ आने की वजह से टमाटर की फसल नहीं आ रही है .

वही एक और टमाटर व्यापारी समीर खान का कहना है कि करोद मंडी और भदभदा मंडी में अभी फिलहाल अन्य राज्यों से ही टमाटर आ रहा है . ट्रांसपोर्ट का खर्चा ज्यादा होने की वजह से इन टमाटरो का मूल्य अधिक है . अब हमारी भी मजबूरी है . क्योंकि हम जब बड़े व्यापारी से महंगे दामों में टमाटर लाएंगे तो उसे महंगे दाम पर ही बेचना होगा . ऐसी स्थिति में ग्राहक को तो परेशानी होती ही है , यदि लाया गया टमाटर नहीं बिका तो अगले दिन टमाटर खराब हो जाएगा और यह नुकसान हम जैसे छोटे व्यापारियों को ही उठाना पड़ता है . जिस प्रकार से बारिश का सिलसिला चल रहा है , उससे अभी यही कहा जा सकता है कि फिलहाल टमाटर का मूल्य और ज्यादा हो जाएगा . क्योंकि अभी 50 से 60 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है लेकिन यह मूल्य कुछ दिनों के अंदर ही 80 रुपए तक पहुंच जाएगा .
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