भोपाल। टाइगर स्टेट के रूप में पहचान रखने वाले मध्यप्रदेश में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. वन विभाग की आंतरिक गिनती में प्रदेश के टाइगर रिजर्व में 2018 की तुलना में 5 से 60 फीसदी तक बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश के 5 नेशनल पार्क 24 अभ्यारण और 63 सामान्य 1 मंडलों में पिछले 2 साल में 100 से ज्यादा बाघ बढ़ गए हैं. बाघों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी बांधवगढ़ में हुई है, यहां पिछले 2 साल में करीब 40 बाघ बढ़ गए हैं.
टाइगर स्टेट में पिछले तीन सालों में 93 बाघों की मौत
इन नेशनल पार्क में इतने बढ़े बाघ
- बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 2018 में 124 बाघ थे, जो 2020 में वन विभाग द्वारा कराए गए आंतरिक गणना में 164 बाघ मिले हैं.
- पन्ना टाइगर रिजर्व में 2018 में 25 बाघ थे, जो अब 42 हो गए हैं. इस तरह बाघों की संख्या में 17 की बढ़ोतरी हुई है.
- कान्हा नेशनल पार्क में 2018 में 88 बाघ मौजूद थे, जो अब बढ़कर 118 हो गए हैं. इस तरह बाघों की संख्या में 30 की बढ़ोतरी हुई है.
- पेच टाइगर रिजर्व में 2018 में 61 बाघ थे, जो अब 64 हो गए हैं.
- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 2018 में 40 बाघ थे, अब यहां बाघों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है.
- संजय दुबरी में 2018 में बाघों की संख्या 5 थी, जो अब बढ़कर 13 हो गई है.
इसके अलावा 45 से ज्यादा शावक हैं, जो अगले साल गिनती शुरू होने तक 1 साल की उम्र पूरी कर लेंगे. माना जा रहा है कि यदि बाघों की संख्या में इसी तरह बढ़ोतरी हुई तो अगली गणना में बाघों की संख्या 650 के आस पास पहुंच जाएगी. माना जा रहा है कि प्रदेश के जंगल बाघों के लिए बेहतर हैं. बाघों के लिए यहां पर्याप्त खाना और पानी है. इसलिए बाघों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.
2018 में मध्यप्रदेश में थे 526 बाघ
2018 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश बाघों की सर्वाधिक संख्या के चलते फिर से टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त करने में सफल रहा था. मध्यप्रदेश में 526 बाघ मिले थे. जबकि कर्नाटक में 524 बाघ पाए गए थे.