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अधिकारियों की फर्जी प्रोफाइल बनाकर हो रही जालसाजी, सोशल मीडिया पर कोई अर्जेंट पैसे मांगे तो हो जाएं सावधान ! - भोपाल

साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक ये जालसाज करने वाले लोग अधिकारियों की फर्जी आईडी बना रहे हैं. जालसाज उन्हें धिकारी की फ्रेंड लिस्ट में शामिल दोस्तों और करीबियों को बहुत जरूरी बता कर तत्काल पैसे भेजने के लिए मैसेज भेजेते हैं. इसी तरह भोपाल में जालसाजों ने अधिकारियों की सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाई और कुछ लोगों ने इनके झांसे में आकर पैसे ट्रांसफर कर दिए.

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Published : Dec 24, 2020, 12:58 PM IST

भोपाल। अगर सोशल मीडिया पर आपका कोई करीबी मदद के लिए तत्काल पैसे मांगे तो सतर्क हो जाएं, ऐसे मामले में मदद कर आप साइबर फ्रॉड के शिकार हो सकते हैं. झारखंड का जामताड़ा मोदी गुलाब सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गया है, जालसाज अब आम लोगों के अलावा अधिकारियों की फर्जी प्रोफाइल तैयार कर उनके करीबियों से पैसों की डिमांड कर रहे हैं. जालसाज डीआईजी और सीएसपी स्तर तक के पुलिस अधिकारियों की फर्जी प्रोफाइल तैयार कर पैसों की डिमांड कर रहे हैं. राजधानी भोपाल सहित प्रदेश भर में इस तरह की हर हफ्ते दो से तीन दर्जन शिकायतें पहुंच रही हैं.

इन पुलिस अधिकारियों की बनाई फर्जी प्रोफाइल

साइबर ठगों ने हाल में एसएएफ में डीआईजी दीपक वर्मा की फर्जी प्रोफाइल तैयार की. इसके लिए जालसाजों ने असली प्रोफाइल से पिक्चर लेकर फर्जी प्रोफाइल पर लगाई, इसके बाद जालसाज उन्हें अधिकारी की फ्रेंड लिस्ट में शामिल दोस्तों और करीबियों को बहुत जरूरी बता कर तत्काल पैसे भेजने के लिए मैसेज भेजें. जालसाजियों ने राजधानी के टीटी नगर सीएसपी उमेश तिवारी, सीएसपी निशातपुरा, अनिल त्रिपाठी सहित कई पुलिस अधिकारियों की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल तैयार की है.

बताया जा रहा है कि इस तरह के मैसेज पढ़कर कई लोग इन जालसाजों के झांसे में आ भी गए और अकाउंट में पैसे भी ट्रांसफर कर दिए. अधिकारियों को इसकी भनक तब लगी जब उनके करीबियों ने उन्हें फोन करके अचानक पैसे मांगने की वजह पूछी. अधिकारियों ने राज्य साइबर सेल में इसकी शिकायत की है.

फर्जी नाम पते पर होते हैं सिम कार्ड

जालसाज फर्जी प्रोफाइल तैयार करने के लिए फर्जी नाम पते से सिम कार्ड चलाते हैं. ऐसी स्थिति में साइबर सेल के सामने तब मुसीबत खड़ी हो जाती है, जब पुलिस एक प्रोफाइल बनकर आती है तो जालसाज दूसरी सिम का उपयोग करने लगते हैं. साइबर फ्रॉड के मामले मध्य प्रदेश के शहरों में लगातार सामने आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में हर माह साइबर फ्रॉड के करीब 25 से 30 मामले सामने आ रहे हैं. साइबर सेल के अधिकारियों के मुताबिक जालसाज झारखंड, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और एनसीआर के शहरों में बैठकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.

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एक्सपर्ट के सुझाव

ऐसे बचें जालसाजी से

साइबर ठगी से बचने के लिए आपकी सावधानी सबसे जरूरी है, इसलिए कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखें. साइबर एक्सपर्ट पंकज वर्मा साइबर फ्रॉड से बचने के लिए कई सुझाव देते हैं.

एक्सपर्ट के सुझाव
  • जालसाजी से बचने के लिए प्रोफाइल पर पब्लिक ऑप्शन के स्थान पर प्राइवेट ऑप्शन पर क्लिक करके रखें.
  • प्राइवेट ऑप्शन होने के बाद आपके फ्रेंड्स ही ही आपकी फ्रेंड लिस्ट और पिक्चर्स को देख सकेंगे.
  • अपनी फ्रेंड लिस्ट में अनजान लोगों को शामिल करने से बचें.
  • सोशल मीडिया पर यदि कोई अर्जेंट पैसों की डिमांड करें, तो पैसे ना भेजें.
  • मदद के लिए पैसे भेजने से पहले संबंधित व्यक्ति से फोन पर बात जरूर कर लें ताकि सच्चाई पता चल सके.
  • सोशल मीडिया कि किसी प्लेटफार्म से आप हट रहे हैं तो मोबाइल से उसके ऐप को अनइनस्टॉल करने के स्थान पर अकाउंट को डिलीट करें.
  • मोबाइल पर अनुपयोगी ऐप को डाउनलोड ना करें, यदि कोई ऐप डाउनलोड करते समय फोटो कॉल रिकॉर्डिंग या गैलरी का एक्सेस मांगता है तो एप डाउनलोड करने के बाद उसकी सेटिंग को बदल दें.

भोपाल। अगर सोशल मीडिया पर आपका कोई करीबी मदद के लिए तत्काल पैसे मांगे तो सतर्क हो जाएं, ऐसे मामले में मदद कर आप साइबर फ्रॉड के शिकार हो सकते हैं. झारखंड का जामताड़ा मोदी गुलाब सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गया है, जालसाज अब आम लोगों के अलावा अधिकारियों की फर्जी प्रोफाइल तैयार कर उनके करीबियों से पैसों की डिमांड कर रहे हैं. जालसाज डीआईजी और सीएसपी स्तर तक के पुलिस अधिकारियों की फर्जी प्रोफाइल तैयार कर पैसों की डिमांड कर रहे हैं. राजधानी भोपाल सहित प्रदेश भर में इस तरह की हर हफ्ते दो से तीन दर्जन शिकायतें पहुंच रही हैं.

इन पुलिस अधिकारियों की बनाई फर्जी प्रोफाइल

साइबर ठगों ने हाल में एसएएफ में डीआईजी दीपक वर्मा की फर्जी प्रोफाइल तैयार की. इसके लिए जालसाजों ने असली प्रोफाइल से पिक्चर लेकर फर्जी प्रोफाइल पर लगाई, इसके बाद जालसाज उन्हें अधिकारी की फ्रेंड लिस्ट में शामिल दोस्तों और करीबियों को बहुत जरूरी बता कर तत्काल पैसे भेजने के लिए मैसेज भेजें. जालसाजियों ने राजधानी के टीटी नगर सीएसपी उमेश तिवारी, सीएसपी निशातपुरा, अनिल त्रिपाठी सहित कई पुलिस अधिकारियों की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल तैयार की है.

बताया जा रहा है कि इस तरह के मैसेज पढ़कर कई लोग इन जालसाजों के झांसे में आ भी गए और अकाउंट में पैसे भी ट्रांसफर कर दिए. अधिकारियों को इसकी भनक तब लगी जब उनके करीबियों ने उन्हें फोन करके अचानक पैसे मांगने की वजह पूछी. अधिकारियों ने राज्य साइबर सेल में इसकी शिकायत की है.

फर्जी नाम पते पर होते हैं सिम कार्ड

जालसाज फर्जी प्रोफाइल तैयार करने के लिए फर्जी नाम पते से सिम कार्ड चलाते हैं. ऐसी स्थिति में साइबर सेल के सामने तब मुसीबत खड़ी हो जाती है, जब पुलिस एक प्रोफाइल बनकर आती है तो जालसाज दूसरी सिम का उपयोग करने लगते हैं. साइबर फ्रॉड के मामले मध्य प्रदेश के शहरों में लगातार सामने आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में हर माह साइबर फ्रॉड के करीब 25 से 30 मामले सामने आ रहे हैं. साइबर सेल के अधिकारियों के मुताबिक जालसाज झारखंड, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और एनसीआर के शहरों में बैठकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.

Expert suggestions
एक्सपर्ट के सुझाव

ऐसे बचें जालसाजी से

साइबर ठगी से बचने के लिए आपकी सावधानी सबसे जरूरी है, इसलिए कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखें. साइबर एक्सपर्ट पंकज वर्मा साइबर फ्रॉड से बचने के लिए कई सुझाव देते हैं.

एक्सपर्ट के सुझाव
  • जालसाजी से बचने के लिए प्रोफाइल पर पब्लिक ऑप्शन के स्थान पर प्राइवेट ऑप्शन पर क्लिक करके रखें.
  • प्राइवेट ऑप्शन होने के बाद आपके फ्रेंड्स ही ही आपकी फ्रेंड लिस्ट और पिक्चर्स को देख सकेंगे.
  • अपनी फ्रेंड लिस्ट में अनजान लोगों को शामिल करने से बचें.
  • सोशल मीडिया पर यदि कोई अर्जेंट पैसों की डिमांड करें, तो पैसे ना भेजें.
  • मदद के लिए पैसे भेजने से पहले संबंधित व्यक्ति से फोन पर बात जरूर कर लें ताकि सच्चाई पता चल सके.
  • सोशल मीडिया कि किसी प्लेटफार्म से आप हट रहे हैं तो मोबाइल से उसके ऐप को अनइनस्टॉल करने के स्थान पर अकाउंट को डिलीट करें.
  • मोबाइल पर अनुपयोगी ऐप को डाउनलोड ना करें, यदि कोई ऐप डाउनलोड करते समय फोटो कॉल रिकॉर्डिंग या गैलरी का एक्सेस मांगता है तो एप डाउनलोड करने के बाद उसकी सेटिंग को बदल दें.
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