भोपाल। नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार की वारदातें देश भर में जैसे आम सी हो गई हैं, जहां लंबे समय से बच्चे इस घिनौनी घटना का शिकार हो रहे हैं. ऐसे ही 3 मामले राजधानी से सामने आए हैं, जहां तीन नाबालिग बच्चियां को हवस का शिकार बनाया गया.
तीन नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म
पहला मामला राजधानी के कमला नगर थाना क्षेत्र का है, जहां 6 साल की मासूम बच्ची के साथ पड़ोस में रहने वाले 2 लोगों ने यौन शोषण किया. दूसरा मामला अशोका गार्डन थाना क्षेत्र का है, जहां एक नाबालिग के पड़ोस में रहने वाले शख्स ने उसके साथ बलात्कार किया, तो वहीं तीसरा मामला साइबर सेल में दर्ज हुआ है, जहां 14 साल की मासूम बच्ची से पहले अश्लील तस्वीरें मांगी गई और उसके बाद उन्हीं तस्वीरों की मदद से लगातार ब्लैकमेल किया गया. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को भी अपलोड कर दिया गया.
सभी आरोपी सलाखों के पीछे
इन सभी मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन गिरफ्तारी मात्र इन बच्चियों को इंसाफ दिलाने का उपाय नहीं है, क्योंकि जिस तरह से वारदातें बढ़ रही है, उसके बाद उनका आने वाला भविष्य खराब हो सकता है, लेकिन इसका खामियाजा इन बच्चियों और उनके परिवार को भुगतना पड़ रहा है, जिसकी जिम्मेदारी लेना सभी का कर्तव्य है.
बलात्कार के मामले में टॉप 3 पर मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश बलात्कार और यौन शोषण जैसे मामलों में काफी लंबे समय से टॉप 3 में आ रहा है. इन वारदातों को कंट्रोल करने के लिए संसद से सड़क तक हंगामे हुए. कड़े-कड़े नियम भी बने, लेकिन फिर भी इन वारदातों पर लगाम नहीं लगाई जा सकी.
इसका कारण समाज में जागरूकता की बेहद कमी है. साथ ही लोगों की मानसिकता भी बदलने की जरूरत है. वहीं परिवार को भी इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि आखिर उनके बच्चे किन-किन के संपर्क में आ रहे हैं. अगर इन तमाम चीजों का ध्यान रखा जाए, तो निश्चित रूप से बदलाव हो सकता है.
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सोशल मीडिया से भी बन रहे नाबालिग हैवानों के शिकार
अशोका गार्डन थाना क्षेत्र में कुछ दिनों पहले पब्जी गेम से दोस्ती कर नाबालिग के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम देने का मामला सामने आया था, जिसमें पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
इस पर मनोवैज्ञानिक रूमा भट्टाचार्य का कहना है कि अब परिवार की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों को सेक्स को लेकर एजुकेशन दिया जाए. इससे कतराने के बजाए खुलकर बताएं, ताकि बच्चे गलत काम से अवगत हो सकें.
उन्होंने कहा कि, समाज में बच्चे अपराधी प्रवृत्ति के हो जाते हैं और वह पॉर्नोग्राफी, खेल, अश्लील फोटो देखकर इसी तरह की हरकतें करते हैं. इन सब चीजों से मीडिया की खबरें भी नहीं बची हैं, जहां अधिकतर खबरें बच्चों को रेप के विषय में जानने की उत्सुकता पैदा करती हैं.