भोपाल। आयकर विभाग ने अदालतों में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए पहली बार 'विवाद से विश्वास स्कीम' की पेशकश की है. आयकर विभाग की पेशकश का काफी अच्छा असर हुआ है. जिसके तहत करदाताओं की मांग पर 31 जनवरी तक टैक्स पे करने की अवधि बढ़ा दी गई है. इस स्कीम के तहत अदालतों में चल रहे जुर्माना और ब्याज माफी के लाखों प्रकरण को समझौते के तहत समझाने की कोशिश की जा रही है. एक अनुमान के मुताबिक पूरे देश में आयकर विभाग की इस पेशकश के तहत एक लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं. सिर्फ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ही करीब 9 हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं.
टैक्स वसूली के लाखों विवाद कोर्ट में लंबित
आयकर विभाग की टैक्स वसूली को लेकर बड़े कारोबारियों और आयकर दाताओं को लेकर जुर्माना और ब्याज माफी के लाखों विवाद अदालतों में लंबित हैं. अदालतों में इन विवादों के लंबित होने के कारण आयकर दाता तो परेशान ही है, साथ ही आयकर विभाग को राजस्व वसूली में दिक्कत आ रही है. हर साल जुर्माना और ब्याज की राशि भी बढ़ती जा रही है. इन केसों में आयकर दाताओं का तो पैसा खर्च हो ही रहा है, साथ ही आयकर विभाग को भी केस लड़ने में पैसा खर्च करना पड़ रहा है.
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CBDT (Central Board Of Direct Taxes) की पेशकश से विवाद से विश्वास स्कीम
ऐसे ही लंबित मामलों को निपटाने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने यह स्कीम पेश की है. इस स्कीम के तहत विभाग टैक्स की एकमुश्त मूल राशि जमा करने पर ब्याज और जुर्माने कुछ छोड़ रहा है. सीबीडीटी की इस पेशकश का अच्छा रुझान मिल रहा है. अदालतों में परेशान आयकर दाता विवाद से विश्वास स्कीम के तहत समझौते के लिए आवेदन कर रहे हैं. करदाताओं के आग्रह पर इस स्कीम को 31 दिसंबर 2020 की जगह 31 जनवरी 2021 तक बढ़ा दिया गया है.
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मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में करीब 9 हजार आवेदन
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लंबित ऐसे मामलों में करीब 9000 आवेदन विभाग को मिल चुके हैं. इनमें आयकर विभाग और करदाताओं के बीच सालों से विवाद चल रहे थे. मध्य प्रदेश में इस स्कीम के तहत 6000 से ऊपर आवेदन आ चुके हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में करीब तीन हजार आवेदन आ चुके हैं.